कमर्शियल रियल एस्टेट क्या होता है
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वाणिज्यिक अचल संपत्ति (सीआरई) कमर्शियल रियल एस्टेट वह संपत्ति है जिसका उपयोग विशेष रूप से व्यवसाय से संबंधित उद्देश्यों के लिए या एक रहने की जगह के बजाय एक कार्य स्थान प्रदान करने के लिए किया जाता है, जो इसके बजाय आवासीय अचल संपत्ति का गठन करेगा।
अधिकतर, वाणिज्यिक अचल संपत्ति किरायेदारों को आय पैदा करने वाली गतिविधियों के संचालन के लिए पट्टे पर दी जाती है। रियल एस्टेट की इस व्यापक श्रेणी में एक स्टोरफ्रंट से लेकर विशाल शॉपिंग सेंटर तक सब कुछ शामिल हो सकता है।
वाणिज्यिक अचल संपत्ति विभिन्न रूपों में आती है। यह एक कार्यालय भवन से लेकर आवासीय डुप्लेक्स या यहां तक कि एक रेस्तरां या गोदाम तक कुछ भी हो सकता है। व्यक्ति, कंपनियां और कॉर्पोरेट हित वाणिज्यिक अचल संपत्ति को पट्टे पर देकर, या इसे खरीदकर और इसे पुनर्विक्रय करके पैसा कमा सकते हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे की कमर्शियल रियल एस्टेट क्या होता है What is commercial real estate? और कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने के क्या संभावित फायदे और नुकसान हो सकते हैं ?
आज हम इस टॉपिक में जिस विषय पर बात करेंगे वो है कमर्शियल रियल एस्टेट commercial real estate। क्या आप जानते है? ये क्या होता है और कितने प्रकार की होता है। कमर्शियल प्रॉपर्टीज वह प्रॉपर्टीज होती हैं, जिसका उपयोग वर्तमान और भविष्य में हम वाणिज्यिक गतिविधियों commercial activities के लिए कर सकते हैं। कमर्शियल प्रॉपर्टीस आमतौर पर उन बिल्डिंग्स के लिए होती है जो बिज़नेस करते हैं, लेकिन प्रॉफिट कमाने के लिए उपयोग की जाने वाली जमीन के साथ-साथ बड़ी रेजिडेंशियल रेंटल प्रॉपर्टीस Residential Rental Properties भी बना सकते हैं। इन्वेस्टमेंट के अधार पर देखा जाए तो रियल एस्टेट भारतीयों के लिए हमेशा से ही एक पसंदीदा ऑप्शन रहा है। कमर्शियल प्रॉपर्टीस के कुछ इम्प्लीकेशन यानि निहितार्थ हैं कि इसे कैसे वित्तपोषित financed किया जाता है, इस पर कैसे टैक्स लगाया जाता है और इस पर कानून कैसे लागू होते हैं।
कमर्शियल प्रॉपर्टीस में मॉल, किराना स्टोर, ऑफिस, औद्योगिक सम्पदा industrial estates, निर्माण की दुकानें manufacturing और बहुत कुछ शामिल है। कमर्शियल प्रॉपर्टीस का प्रदर्शन- जिसमें सेल प्राइस, नई बिल्डिंग्स रेट्स और अधिभोग दर occupancy rates शामिल हैं इसका उपयोग अक्सर किसी दिए गए क्षेत्र या अर्थव्यवस्था में व्यावसायिक गतिविधियों को मापने में किया जाता है।
रियल एस्टेट क्या होता है What is Real Estate?
Real Estate एक ऐसा एस्टेट है जो किसी भी व्यक्ति को विशेष स्थान या बिल्डिंग विशेष में, भूमिगत अधिकार प्राप्त कराने में मददगार साबित होता है। “रियल एस्टेट किसी भी व्यक्ति विशेष को किसी भूखंड या किसी जगह या किसी बिल्डिंग के लिए वहां के हवाई अधिकार (air rights) के साथ ही भूमिगत अधिकार (underground rights) दिलाने के लिए मददगार साबित होता है।
यानि रियल एस्टेट एक ऐसा बिज़नस है जिसमे प्लाट बनाने का काम, मकान, दुकान, बिल्डिंग, फ्लैट आदि बनाने का काम एवं बेचने खरीदने का काम किया जाता है इसी को Real Estate का बिज़नस कहा जाता है।
आज के टाइम में रियल एस्टेट को चार भागों में विभाजित कर सकते है-
1- रेजिडेंशियल रियल एस्टेट Residential Real Estate
2- कमर्शियल रियल एस्टेट Commercial Real Estate
3- इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट Industrial Real Estate
4- भूखंड रियल एस्टेट Plot Real Estate
जमीन के इन टुकड़ों को खरीदने और बेचने के काम को ही रियल एस्टेट बिज़नेस (Real Estate Business) कहा जाता है। आमतौर पर जमीन के इन प्रकारों में आप प्लाट, मकान, दुकान, बिल्डिंग, फ्लैट आदि को ले सकते हैं।
एक रियल एस्टेट को प्रॉपर्टी डीलर या कमीशन एजेंट्स के रूप में ही देखा जाता है, लेकिन आज के समय में इस फील्ड में बहुत सारी जॉब्स है इस क्षेत्र में घर, ऑफिस, इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी और कॉरपोरेट फार्मलैंड की खरीद और बिक्री करने के अलावा रिएल एस्टेट इंवेस्टमेंट कंस्लटेंट, सर्विस, प्रॉपर्टी प्रबंधन, प्रॉपर्टी मैनेजर, रियल एस्टेट काउंसलिंग, शहरी प्लानिंग, आदि शामिल हैं।
कमर्शियल रियल एस्टेट क्या होता है What is commercial real estate?
कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले जानिए इन बातों को
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के बारे में हर किसी ने सुना ही होगा लेकिन वहीं कम ही लोग कमर्शियल प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी रखते हैं। आपको बता दें कि कमर्शियल प्रॉपर्टी में दुकानें, शोरूम आदि आते हैं। कुछ लोगों की पहली पसंद होती है रियल एस्टेट में निवेश करना। रियल एस्टेट में निवेश दो तरीके से कर सकते हैं। पहला रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी और दूसरा कमर्शियल प्रॉपर्टी। कई लोग कमर्शियल प्रॉपर्टी निवेश करते हैं लेकिन इसमें निवेश करने से पहले आपको इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं ये निम्न बातें आपको जरूर पता होनी चाहिए। चलिए पहले कुछ फायदों के बारे में जानते हैं-
कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने के फायदे Benefits of investing in commercial property
1- किराये से अधिक आमदनी Excess rental income
आपको बता दें कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की तुलना में कमर्शियल प्रॉपर्टी में किराया अधिक मिलता है। यानि इसमें आप अधिक लाभ कमा सकते हैं। क्योंकि कमर्शियल प्रॉपर्टी सालाना 8-11 फीसदी तक का रिटर्न देने में सक्षम होती है। जबकि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी काफी कम रिटर्न देती है। इसलिए यदि आप केवल रेंटल इनकम अधिक पाना चाहते हैं तो कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करना फायदेमंद है।
2- सैलरी लेने वाले भी खरीद सकते हैं कमर्शियल प्रॉपर्टी Salaried people can also buy commercial property
न सिर्फ अधिक पैसे वाले बल्कि सैलरी पाने वाले भी ले सकते हैं कमर्शियल प्रॉपर्टी। आजकल सैलरी पाने वाले लोग भी कमर्शियल प्रॉपर्टीज़ में निवेश कर रहे हैं। कमर्शियल प्रॉपर्टी आपको लगातार अच्छा रिटर्न देती है। साथ ही इसका किराया भी अधिक होता है और इससे आपको एक अच्छी इनकम मिल जाती यही।
3- किराया आसानी से मिल जाता है Rent is easy to find
अक्सर दुकानों या शोरूम को किराये पर लेने वाले लोग कंपनियों से जुड़े होते हैं। इसलिए वो अन्य किरायेदारों की तरह नहीं होते हैं। उनका पैसे लेने का तरीका अन्य सामान्य किरायेदारों से काफी बेहतर होता है। क्योंकि वो आपको 6 महीने या सालभर का किराया एडवांस में में दे देते हैं। कई फर्म लंबे समय के लिए (5-10 साल) रेंट पर लेते हैं। इस तरह आपकी प्रॉपर्टी का अन्य खाली हिस्से की भी वैल्यू अपने आप ही बढ़ जाती है।
4- फर्निशिंग का खर्चा नहीं करना पड़ता No furnishing costs
कमर्शियल प्रॉपर्टी के बहुत लाभ हैं उन्ही में से एक अन्य लाभ ये भी है कि किराये पर देने से पहले इसे फर्निश कराने की जरूरत नहीं होती। यानि इससे आपका खर्च बच जाता है। यानि आप अपने किरायेदार को बिना फर्निश किए ही रेंट पर दे सकते हैं।
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कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश करने के नुकसान Disadvantages of investing in commercial real estate
1- बड़ा निवेश
वैसे ये कोई नुकसान तो नहीं है लेकिन फिर भी ये सच है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के बजाय इसमें आपको अधिक निवेश की आवश्यकता है। इसमें शुरुआत में बड़ा पैसा निवेश करने की जरूरत होती है, जबकि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बात करें तो इसमें शुरुआती निवेश काफी कम में हो जाता है।
2- कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए किरायेदार मिलना मुश्किल और एसेट मैनेजमेंट में दिक्कत
ये बात हम सब जानते हैं कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए किरायेदार मिलने काफी आसान होते हैं, वहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए किरायेदार मिलना मुश्किल होता है। दरअसल कमर्शियल प्रॉपर्टी एंड-टू-एंड एसेट मैनेजमेंट में आसानी चाहते हैं और इसलिए आपको इसमें प्रोफेशनल लोगों की जरूरत होती है।
3- बहुत अधिक रिसर्च की जरूरत
आपको कमर्शियल प्रॉपर्टी लेने से पहले बहुत अधिक रिसर्च करने की जरूरत होती है। क्योंकि इसमें निवेशक को प्रॉपर्टी से जुड़ी हर चीज के बारे में अच्छे से जानकारी रखनी पड़ती है जैसे लागत, उसपर लगने वाले टैक्स, क्षेत्रीय कानून और रेंट-आउट करने संबंधी कानून आदि कई बातों को समझना पड़ता है। साथ ही लोकेशन के बारे में भी रिसर्च की आवश्यकता होती है।
4- लोन पर ब्याज की दरें अधिक
कमर्शियल प्रॉपर्टी लेने का एक और नुकसान ये है कि कमर्शियल प्रॉपर्टी पर लोन लेने के लिए आपको ब्याज की दरें अधिक चुकानी पड़ती हैं। सामान्यतः कमर्शियल प्रॉपर्टी लोन महंगे ही होते हैं। वैसे लोन की दर प्रॉपर्टी के टाइप, लोकेशन और अन्य कई चीज़ों पर भी निर्भर करती है।
कमर्शियल प्रॉपर्टीस और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीस में अंतर- Difference between commercial properties and residential properties
कमर्शियल प्रॉपर्टीस
कमर्शियल प्रॉपर्टीस को पारंपरिक रूप से एक अच्छे निवेश के रूप में देखा गया है। बिल्डिंग्स के लिए प्रारंभिक निवेश लागत initial investment cost और किरायेदारों के लिए अनुकूलन से जुड़ी लागत रेजिडेंशियल रियल एस्टेट से अधिक है। ‘लेकिन अगर हम साल 2020 की बात करें तो सबसे ज्यादा नुकसान भी कमर्शियल प्रॉपर्टीस के इन्वेस्टर्स को हुआ है जैसा की हमने ऊपर बताया कमर्शियल रियल एस्टेट उनके हाई रिटर्न कॉस्ट high return cost वाले सूचकांक के कारण उच्च रिटर्न दे रही थी, लेकिन महामारी के बाद वाणिज्यिक रियल एस्टेट के बाद मॉल और ऑफिस स्पेस लॉकडाउन और तेज़ी से फैलते वर्क फ्रॉम होम ट्रैंड के कारण प्रभावित हुए हैं।
वाणिज्यिक रियल एस्टेट को ठीक होने में अभी भी बहुत समय लग सकता है क्योंकि इस वक्त भारत में लगभग 6 मिलियन वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली पड़ा हुआ है। वर्क फ्रॉम होम के कारण कंपनियां वाणिज्यिक रियल एस्टेट में इन्वेस्ट करने से खुद को रोक सकती हैं और हो सकता है कि अब वह फ्लेक्सी-वर्किंग, को-वर्किंग स्पेस Flexi-working, co-working space का विकल्प चुन सकती हैं, जो कि कमर्शियल प्रॉपर्टीस को आगे भी काफ़ी प्रभावित कर सकता हैं।
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीस
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीस को इन्वेस्टमेंट के लिए हमेशा ही अच्छा माना जाता है और अगर हम Non Resident Indian (NRI) एनआरआई, की बात करें तो ये अपने गृह देश में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीस खरीदने में काफ़ी इन्वेस्टमेंट करते हैं। आजकल लोग अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पैसा रेजिडेंशियल रियल एस्टेट में लगा रहें हैं, जो एक प्रकार से सही भी है क्योंकि इसकी लंबी अवधि है, इसमें कोई नुकसान नहीं है और यदि प्रॉपर्टी को बैंक लोन bank loan के जरिए से फाइनेंस किया जाता है, तो इसमें आयकर का लाभ income tax benefits भी मिलता है।
अंत में यदि आप भी रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट करने का सोच रहें हैं, तो कमर्शियल प्रॉपर्टीस या रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीस में से अपने लिए एक अच्छा विकल्प चुन सकते है जिससे आपको लाभ भी होगा और आपका पैसा सुरक्षित भी रहेगा।
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