दिवाली में करें पुरानी पड़ी चीज़ों का उपयोग
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हम अपने घर के आस-पास पड़ी कई चीजों के साथ कुछ अनोखा कर, उन्हें उपयोगी चीजों में तब्दील कर सकते हैं। ऐसा करना पर्यावरण के अनुकूल समाधान हो सकता है। साथ ही यह अपनी कला के प्रति योग्यता दिखाने का एक अवसर भी बन जाता है। दिवाली में पुरानी परंपराओं का आनंद लेते हुए बच्चों के साथ कुछ नया बनाना, उनके लिए कुछ नया सीखने का अवसर हो सकता है।
भारतवर्ष का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार दिवाली अपने साथ घरों में खुशियां लेकर आता है। यह सुख शांति और समृद्धि का प्रतीक है। इस 5 दिन के त्यौहार के लिए घरों में इसकी तैयारी महीनों पहले से होने लगती है। हफ्तों पहले से ही लोग घरों की साफ सफाई, खरीदारी और घरों की सजावट में जुट जाते हैं। सजावट के लिए लोग कई तरह के चीजों की खरीदारी करते हैं, लेकिन उनमें से कई चीजें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ महंगी भी होती हैं। इसके समाधान के लिए हम घरों में पड़ी ऐसी कई बेकार चीजों का इस्तेमाल अपने घरों की सजावट के लिए कर सकते हैं, जो पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल और लागत के प्रभावी भी होती हैं। प्लास्टिक की बोतलें, पेपर क्राफ्ट, पुरानी टूटी चूड़ी आदि चीजों का उपयोग करके हम उन्हें उपयोगी और सुंदर वस्तुओं में बदल सकते हैं। यह घर को ख़ुबसूरत दिखाने में मददगार होती हैं और बच्चों को भी इसमें रुचि लेने के लिए प्रेरित करती हैं ।
दिवाली, एक पारंपरिक त्योहार
रोशनी का त्योहार दिवाली हम सभी से बस कुछ ही दिनों दूर हैं। इसे भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की, अज्ञान पर ज्ञान की और बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न में मनाया जाता है। देश भर में इसे विभिन्न धर्मों द्वारा व्यापक रूप से मनाया जाता है। दिवाली के 5 दिन प्रार्थना, दावतों, आतिशबाजी, पारिवारिक समारोहों और धर्मार्थ दान का दिन होता है। कुछ लोग दिवाली को नए साल की शुरुआत के रूप में मनाते हैं। यह त्योहार घरों में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
प्रत्येक घरों में दिवाली बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। यह सिर्फ 5 दिनों का त्योहार नहीं है, बल्कि इसकी तैयारी घरों में एक महीने पहले से शुरू हो जाती है। घरों की सफाई, खरीदारी, नाश्ता व मिठाइयों की तैयारी और घरों की सजावट कुछ हफ्तों पहले से शुरू हो जाती है। लेकिन साफ-सफाई के बाद घर की सजावट दिवाली का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है। लोग अपने घरों को दुल्हन की तरह सजाते हैं। लोग अनेक रंग-बिरंगी लाइट्स, तोरण, रंगोली और कई अन्य झिलमिलाती और चमचमाती वस्तुओं का इस्तेमाल सजावट के लिए करते हैं। लेकिन महंगाई की मार और वातावरण में प्रदूषण के कारण कुछ अनोखे ढंग से घरों की सजावट एक अच्छा विचार हो सकती है, जो पर्यावरण के अनुकूल भी हो और घरों में बेकार पड़ी चीज़ों के इस्तेमाल से बनाई भी जा सकें।
कुछ ऐसे तरीकों को अपनाकर हम बेकार पड़ी चीज़ों को उपयोग में लाकर घर की सुंदरता को बढ़ा सकते हैं।
बेकार चीजों को बनाएं उपयोगी
1.प्लास्टिक की बोतल से दिवाली लैंप
घरों में खाली पड़ी हुई बोतलों और लाइटों का इस्तेमाल करके लैंप बनाना एक दिलचस्प आइडिया हो सकता है। कुछ रचनात्मकता दिखा कर इस अनोखे तरीके को अपनाया जा सकता है। बालकनी, मेज, दीवारों अथवा रंगोली पर इसका उपयोग किया जा सकता है।
2.चावल से बनी रंगोली
चावल और दाल सजावट के लिए बेहतर विकल्प हैं। चावल से रंगोली बनाना रंगीन रंगों की तुलना में अधिक आसान होता है। घरों पर चावलों में प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर इसे बनाया जा सकता है। बनाने के साथ-साथ इनको साफ करना भी आसान होता है। यह पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं।
3.आटे से बने दिये
बाज़ार से मिट्टी के दीए खरीदने के बजाय, घरों में गेहूं के आटे का उपयोग करके दिये बनाए जा सकते हैं। आटे को गूंथकर, दिये का आकार देकर और सुखा कर इनसे दीये बनाए जाते हैं। इनकी सुंदरता को और बढ़ाने के लिए इन्हें पेंट भी किया जा सकता है। यह अपनी रचनात्मकता दिखाने का अच्छा विकल्प हो सकता है।
4. पेपर क्राफ्ट से बनी कृतियां
पुराने अखबारों और पत्रिकाओं से बनाई जाने वाली कला कृतियों को भी कम नहीं आंका जा सकता है। इनके द्वारा सुंदर फूल, गुलदस्ते और भी बहुत चीजें बनाई जा सकती हैं। यह सजावट न केवल किफायती बल्कि मजेदार भी हैं। इन्हें बनाने में बच्चे भी शामिल हो सकते हैं और अपनी कला शैली को भी दिखा सकते हैं।
5. पुरानी सीडी से बने दिया स्टैंड
अक्सर घरों में पुरानी खरोच वाली सीडी पड़ी होती हैं। दिवाली में इनका उपयोग करना अच्छा समय हो सकता है, जो घर की खूबसूरती में चार-चांद लगा देगा। पुरानी सीडी के साथ दियों के लिए स्टैंड एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इनका उपयोग वॉल हैंगिंग बनाने अथवा साईड-टेबल को सजाने में किया जा सकता है।
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