"Dell Technologies" के फाउंडर माइकल डेल की कहानी
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ये सच है कि टेक्नोलॉजी के विकास से आज कोई भी अछूता नहीं है। कुछ महान और प्रखर बुद्धि वाले लोगों की देन से हम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं। ऐसे ही डेल टेक्नोलॉजी कंपनी दुनिया में टेक्नोलॉजी का एक रूप है और इस "Dell Technologies" “डेल टेक्नोलोजीस” के फाउंडर हैं माइकल शाऊल डेल Michael Saul Dell। डेल आज दुनिया की जानी मानी टेक्नोलॉजी कंपनी है इस कंपनी के द्वारा बनाये गए प्रोडक्ट आज पूरी दुनिया में प्रयोग में लिए जाते हैं और डेल के प्रोडक्ट आज दुनिया के सभी लोगों बीच लोकप्रिय हैं। आज पूरी दुनिया में डेल कंपनी के कंप्यूटर अपने सबसे उच्च स्तर पर हैं। माइकल शाऊल डेल (जन्म 23 फरवरी, 1965) एक अमेरिकी अरबपति व्यवसायी और परोपकारी हैं। माइकल डेल दुनिया की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक, डेल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ हैं । माइकल डेल का कंप्यूटर के प्रति जबरजस्त लगाव था और वे अपना ज्यादातर समय कंप्यूटर पर ही बिताते थे। जब माइकल डेल की उम्र केवल 27 साल थी तभी वे सबसे यंगेस्ट सीईओ (youngest CEO) बने। आज के समय में उनकी कम्पनी दुनिया के सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी इन्फ्रा-स्ट्रक्चर कम्पनियों Technology Infrastructure Companies में से एक है।
एक बच्चा जिसकी उम्र मात्र 10 साल की है लेकिन दिमाग इतना तेज कि बड़े बड़ो को भी मात दे दे। जिस उम्र में बच्चे सिर्फ खेलते हैं इस बच्चे ने उस उम्र में नयी खोज करना शुरू कर दिया था। धीरे धीरे उस बच्चे ने ऐसी खोज की कि आज वह आधुनिक विकास का एक नमूना है और पूरी दुनिया में वह काफी लोकप्रिय है। जी हाँ मैं बात कर रही हूँ दुनिया के जाने माने कंप्यूटर कंपनी “डेल टेक्नोलोजीस” Dell Technologies के फाउंडर (founder) माइकल डेल Michael Dell की। आज कोई भी ऐसा नहीं होगा जो इस कम्पनी के कंप्यूटर के बारे में नहीं जानता होगा। माइकल डेल जिन्होंने बचपन से ही अपने दिमाग का ऐसा इस्तेमाल किया कि सिर्फ 10 साल की उम्र से उन्होंने इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर दिया था और 12 साल की उम्र तक उन्होंने 2000 डालर की सेविंग कर ली थी और जब उनकी उम्र 14 साल की थी तब उनकी कमाई उनके स्कूल के टीचर से भी अधिक हो गयी थी। तो चलिए जानते हैं डेल टेक्नॉलजी के पीछे छिपे इस महान शख़्स के कठिन प्रयासों के बारे में।
माइकल डेल का बचपन और शिक्षा
माइकल का जन्म 23 फरवरी 1965 को हुआ था। माइकल का जन्म अमेरिका के ह्यूस्टन नामक शहर US city of Houston में हुआ है। उनके पिता जी का नाम लेक्जेंडर डेल Lexander dale था और वह अमेरिका America में ही दांतों के डॉक्टर थे। उनकी माता का नाम लंगफान Langfan था और वह एक स्टाफ ब्रोकर थी। बचपन से ही माइकल अत्यंत जिज्ञासु प्रवृति के थे। वह अपनी उम्र से कहीं ज्यादा प्रखर बुद्धि के थे। वह साधारण बच्चों की तरह नहीं थे। उन्हें सीखना अच्छा लगता था। वह अपना अधिकतर समय सीखने में व्यतीत करते थे।
माइकल डेल की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा ह्यूस्टन के हीरोड एलिमेंटरी स्कूल Herod Elementary School in Houston से अर्जित की है। स्कूली शिक्षा के समय से ही वह अपनी माता जी से निवेश और व्यवसाय के गुण सीखते थे। उनका रुख बचपन से ही बिज़नेस की तरफ था। छोटी सी उम्र में वह पैसे कमाने लग गए थे। उन्होंने 12 वर्ष की आयु में 2000 डॉलर जमा कर लिए थे।
कौन हैं माइकल डेल ?
कुछ लोग दुनिया में अपने प्रखर ज्ञान से हमेशा दूसरों से हटकर कुछ नया करने की कोशिश में लगे रहते हैं और इस वजह से दूसरों से आधी उम्र में शिखर पर पहुंच जाते हैं। बस उन्ही में से एक हैं माइकल डेल जो दुनिया में सबसे धनी व्यक्तियों में से एक हैं और एक सफल उद्यमी की श्रेणी में आते हैं। वह एक अमेरिकी व्यवसायी और परोपकारी व्यक्ति American businessman and philanthropist हैं। माइकल डेल जिनका पूरा नाम माइकल शाऊल डेल Michael Saul Dell है दुनिया के जाने माने कंप्यूटर कंपनी “डेल टेक्नोलॉजीज़” Dell Technologies के फाउंडर और सीईओ Founder and CEO हैं। Dell दुनिया की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी अवसंरचना कंपनियों में से एक है। दरअसल माइकल डेल को कम्प्यूटर Computer खूब लुभाता था। उनके अंदर एक जिज्ञासा थी कि आखिर यह जादुई बॉक्स कैसे काम करता है। उनके अंदर यह जानने की प्रबल जिज्ञासा थी इसलिये उन्होंने उत्सुकतावश एक दिन कम्प्यूटर के पुर्जे अलग-अलग करके खुद ही असेम्बल कर दिए। उन्होंने अपने कालेज के दौरान कंप्यूटर के अलग-अलग पार्ट्स को इकट्ठा कर के लोगों के जरुरत के हिसाब से असेम्बल कर बेचने का काम शुरू कर दिया।
कॉलेज में ही कंप्यूटर से जुड़े पुर्जों से कंप्यूटर बनाने शुरू कर दिए
माइकल की तकनीक Technique के क्षेत्र में बचपन से ही काफी रूचि थी। इनकी इस रूचि को देखते हुए उनके माता पिता ने सिर्फ 15 वर्ष की आयु में उन्हें एक कंप्यूटर लाकर दिया था। बस फिर क्या था माइकल के लिए वह सिर्फ एक कंप्यूटर नहीं बल्कि उसमें समाहित तकनीकी ज्ञान को जानने की जिज्ञासा थी। वह उसका प्रयोग करने से अधिक उसके अंदरुनी पार्टस को समझने की कोशिश करते थे। जिसकी वजह से उन्होंने पूरे कंप्यूटर को कई हिस्सों में बाँट दिया। उन्हें अब हर एक कंप्यूटर का पुर्जा साफ़-साफ़ दिखाई देने लगा था।
धीरे धीरे उनका कंप्यूटर के प्रति और भी लगाव बढ़ता चला गया। माइकल का दिमाग इसमें दौड़ने लगा कि आखिर कम्प्यूटर काम कैसे करता है। वह अपनी दिनचर्या का अधिक से अधिक समय कंप्यूटर के साथ बिताने लगे थे। वह कंप्यूटर के पुर्ज़ो को नजदीक से समझने की कोशिश करने लगे। वो एक-एक पार्ट्स को देखते थे कि कि ये पार्ट्स काम कैसे करते हैं। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग कंपनी के कंप्यूटर को भी लिया। इसके भी उन्होंने वैसे ही पुरजे अलग-अलग किये और सब पुर्जों को सही से जोड़कर फिर से दोबारा कंप्यूटर को बिल्कुल वैसा ही बना दिया। माइकल को कम्प्यूटर ज्यादा रोमांचक लगने लगा।
माइकल ने कॉलेज में ही कंप्यूटर से जुड़े पुर्जों को एकत्रित करके अपने ही कंप्यूटर बनाने शुरू कर दिए और उन कंप्यूटर को माइकल ने कॉलेज में रह रहे अन्य बच्चों को बेचना शुरू कर दिया। माइकल की समझ में आ गया कि कम्प्यूटर कैसे काम करता है और फिर माइकल ने स्टूडेंट रहते हुए डाक टिकट और अखबार बेचकर जो थोड़े बहुत पैसे कमाए थे, उनसे 1984 में यूनिवर्सिटी के अपने कमरे में खुद कम्प्यूटर बनाना शुरू किया। उसने कम्प्यूटर बना भी लिया। माइकल का सोचना था कि ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से कम्प्यूटर बनाना चाहिए। माइकल ने जो भी कंप्यूटर बनाये वह लोगों की सुविधा के मद्देनजर रखते हुए बनाये। लोगों को वह कंप्यूटर काफी पसंद भी आ रहे थे साथ ही माइकल के असेंबल किये हुए कंप्यूटर दूसरी कंपनी के अपेक्षा काफी सस्ते भी थे। माइकल ने कंपनी शुरू कर दी और नाम रखा PC's Limited पीसी"ज लिमिटेड। माइकल ग्राहकों को सीधे कम्प्यूटर बेचने में विश्वास करते थे इसलिए उसके कम्प्यूटर सस्ते थे। साथ ही वह ग्राहकों की सुविधा का भी ध्यान रखते थे इसलिए उसकी तरकीब और कारोबार दोनों कामयाबी की तरफ बढ़ते चले गए।
27 वर्ष की आयु में बन गए यंगेस्ट सीईओ Youngest CEO
माइकल 27 वर्ष की आयु में यंगेस्ट सीईओ बन गए थे। आज उनके द्वारा बनाई गयी कंपनी विश्व की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी इन्फ्रा स्ट्रक्चर कंपनियों World's largest technology infrastructure companies में से एक है।
जब माइकल की उम्र सिर्फ 27 साल थी तब उनकी कंपनी की दुनियाभर में धूम मच गई थी। माइकल ग्राहकों को सीधे कम्प्यूटर बेचने में विश्वास करते थे इसलिए उसके कंप्यूटर सस्ते थे। फिर वह ग्राहकों की सुविधा का भी ध्यान रखता था तो उसकी तरकीब और कारोबार दोनों चल निकले। 1983 में माइकल ने कंपनी का नाम बदला और नया नाम दिया Dell Computer Corporation डेल कम्प्यूटर कॉर्पोरेशन।
धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया, क्योंकि माइकल डेल के काम करने का तरीका लोगों को बहुत पसंद आया। जब माइकल की उम्र 27 साल थी, तब उनकी कंपनी पूरी दुनिया में विख्यात हो गयी। माइकल डेल की सफलता का एक मुख्य कारण यह है कि उनको बचपन से ही जिस काम में रूचि थी उन्होंने उसी को अपना बिज़नेस बना दिया था।
सन् 1996 में उन्होंने सर्वर लॉन्च किया, अचल सम्पदा क्षेत्र में प्रवेश किया और साथ ही होम एंटरटेनमेंट सिस्टम व पर्सनल डिवाइसेस Home Entertainment Systems and Personal Devices भी बनाने लगे। सन् 1998 में माइकल डेल ने एमएसडी कैपिटल MSD Capital की स्थापना की और शेयरों व सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग, प्राइवेट ईक्विटी में लेन-देन व रीयल एस्टेट मार्केट Trading of Shares and Securities, Transactions in Private Equity and Real Estate Market में खरीद-फरोख्त करने लगे। माइकल डेल ने ग्राहकों को ऑनलाइन बेहतर सेवा better service online देने की कोशिश की है। उनके द्वारा स्थापित माइकल सुजैन फाउंडेशन Michael Suzanne Foundation पूरी दुनिया और विशेषकर अमेरिका व भारत के बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य Education and health of children of America and India पर अरबों डॉलर खर्च कर रहा है।
इन्टरनेट के दौर का उठाया फायदा
1987 तक डेल अमेरिका की सबसे अग्रणी मेल-आर्डर कंपनी बन गयी और इसी साल कंपनी ने विदेशी बाजारों में भी प्रवेश किया। डेल कंप्यूटर कारपोरेशन की स्थापना करते समय माइकल डेल के पास सिर्फ 1000 डॉलर की पूंजी थी। इतनी कम पूंजी होने के बावजूद डेल ने बिज़नेस शुरू किया। उन्होंने सोचा कि अब आर्डर पे कंप्यूटर बनाएंगे और उन्हें इन्वेंटरी यानी स्टॉक की किसी भी समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। आर्डर पर कंप्यूटर बनाने से उन्हें काफी फायदा हुआ। क्योंकि ग्राहक को कंप्यूटर सस्ते में मिला और उनका लाभ बढ़ता गया। 2000 तक इसकी वार्षिक आमदनी 27 अरब डॉलर हो गयी। जैसे ही इन्टरनेट का दौर शुरू हुआ, तो डेल ने उसका फायदा उठाते हुए ऑनलाइन सेल online sale शुरू की। 1996 में डेल ने ई-कॉमर्स e-commerce शुरू किया और 2000 तक आते-आते हर दिन 5 करोड़ डॉलर की बिक्री होने लगी। आज कंपनी की आधी से ज्यादा बिक्री इन्टरनेट के माध्यम से होती है। माइकल डेल जानते थे कि इन्टरनेट के दौर में वो काफी आगे जा सकते हैं।
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डेल इंडिया Dell India का 64 प्रतिशत कारोबार बढ़ा
अभी हाल ही में डेल टेक्नालॉजीज इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि दिसंबर 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में कंपनी ने 64 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। डेल टेक्नालॉजीज इंडिया Dell Technologies India ने वित्त वर्ष 2022 में 64 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है। 2021 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 61 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आलोक ओहरी Alok Ohri ने कहा कि मांग की गति दर्शाती है कि कैसे व्यवसाय ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करती है।
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