प्रदूषण के कारण खतरे में जीवन
Blog Post
इस तरह हमने देखा कि इंसान कैसे अपने स्वार्थ के लिए हमारे पर्यावरण और प्रकृति से खिलवाड़ कर रहा है। प्रदूषण को रोकना बहुत ही अहम् हो गया है। अगर इसे वक़्त पर नहीं रोका गया तो मानव जाति का समूल नाश करने से कोई भी नहीं बचा सकता। पृथ्वी पर स्थित कोई भी प्राणी इसके प्रभाव से अछूता नहीं है और न ही रह सकता है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सभी का जीवन हमारे कारण खतरे में पड़ा है इनके जीवन की रक्षा भी हमें ही करनी है। इनके अस्तित्व से ही हमारा अस्तित्व संभव है इसलिए प्रदूषण को रोकने में सबकी भागीदारी बहुत जरूरी है।
वातावरण में हानिकारक जीवननासक विषैले पदार्थों के एकत्रित होने को प्रदूषण कहते हैं जैसे कि जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण। दुनिया का हर कोना आज किसी न किसी रूप में प्रदूषित है जिसका संबंध रसायन रेडियोएक्टिव प्लास्टिक के कचरे से है। मैक्सिको सिटी में घना कोहरा हो या फिर रूस की कराचय झील में रेडियोएक्टिव प्रदूषण हो सभी कुछ संपूर्ण मानवजाति के लिए घातक है।
दुनिया में कुछ ऐसे शहर हैं, जो प्रदूषण से बुरी तरह से ग्रस्त हैं इनमे पहला नाम है तन्जानिआ का दार-ए-सलाम शहर जो लगातार बढ़ती हुई आबादी के कारण प्रदूषण से ग्रस्त होने के साथ-साथ पानी की समस्या से भी जूझ रहा है जिससे तरह-तरह की बीमारियाँ फ़ैल रही हैं।
इसी प्रकार से कांगो जहाँ दूषित पानी के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से यहाँ के लोगों की औसतन आय भी पूरे अफ्रीका में सबसे कम है। चीन का तिययिंग शहर भी इसी श्रेणी में आता है जो कि फैक्ट्रियों के प्रदूषण को रोकने में नाकाम है और चीन के प्रदूषित शहरों में से एक है।
अजरबैजान का सुम्यगित शहर, यह देश भी उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण से पीड़ित है, जो कि कई बीमारियों का प्रमुख कारण बना हुआ है। भारत का वापी शहर भी अपने औद्योगिक विस्तार और अपने प्रदूषण के कारण प्रसिद्ध है। एशिया का दूसरा सबसे बड़ा केमिकल जोन होने के कारण इस क्षेत्र ने आंशिक रूप से विकास तो किया है लेकिन पर्यावरण का भी नुकसान किया है। यहाँ की नदियों में पारे की मात्रा बाकी नदियों से 96 गुना ज्यादा है।
रूस का जरजिहिंस्क शहर सबसे ज्यादा रासायनिक प्रदूषण से पीड़ित है और इस शहर का नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल है। यहाँ पर औसतन जीवन दर 45 वर्ष है। रूस के इस शहर में कई वर्षों से बंद पड़े कारखाने के पास चमकदार नीले रंग के आवारा कुत्तों का झुण्ड भी देखा गया। माना जा रहा है कि ऐसा रासायनिक कचरे से पैदा हुए प्रदूषण के कारण हुआ है। इस कंपनी में हाइड्रोसेनिक एसिड का उत्पादन होता था।
मंगोलिआ का उलान बातार शहर दुनिया के पांच प्रदूषित शहरों में से एक है। इस शहर की आबादी लकड़ियों का इस्तेमाल ज्यादा करती है जिससे एक साथ बहुत सारे घरों से धुआं निकलता है जो वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। इस वजह से आज बच्चे कई सारी बीमारियों से ग्रस्त हैं।
माना जाता है कि चीन का लिंफी शहर में इतना वायु प्रदूषण है कि अगर आप कपड़े सूखने के लिए बाहर डालते हो तो थोड़ी देर में कपड़े काले हो जाते हैं। प्रदूषण चाहे पानी की वजह से हो या हवा की, इसने इंसान के स्वास्थ्य को तबाह कर दिया है। जो कैंसर, शुगर और ह्रदय रोग जैसी कई अन्य बीमारियों को दावत दिए जा रहा है और हमारे पर्यावरण के ऊपर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
प्रदूषण वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक ईरान का अहवाज़ शहर दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। यह शहर ईरान का सबसे बड़ा तेल उत्पादक शहर है और विकास के नाम पर पर्यावरण और लोगों की सेहत से समझौता कर रहा है। नियमो की अनदेखी करते हुए सिर्फ अपने आर्थिक विकास पर ही जोर दे रहा है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक भारत का दिल्ली शहर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। यहां पर प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहाँ लोगों की आँखों में जलन और सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ा है दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर का एक मुख्य कारण दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में किसानोन द्वारा फसलों को जलाया जाना भी है । पावर प्लांट और उद्योगों के कारण अत्यधिक मात्रा में वायु प्रदुषण होता है। निजी वाहन भी बढ़ रहें हैं जिनका इस्तेमाल करने से गाड़ियों से निकलने वाला धुआं हवा में प्रदूषण फैलाता है।
You May Like