पर्यावरण की देन, इको फ्रेंडली पेन…

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पर्यावरण की देन, इको फ्रेंडली पेन…
31 Jul 2021
5 min read

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दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान किसी से छिपे नहीं हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल इतना आम हो गया है कि प्लास्टिक के बिना कुछ चीजों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जैसे लिखने के लिए प्लास्टिक के पेन ही आमतौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान किसी से छिपे नहीं हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल इतना आम हो गया है कि प्लास्टिक के बिना कुछ चीजों की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जैसे लिखने के लिए प्लास्टिक के पेन ही आमतौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

कई लोग ऐसे भी हैं, जो अपने स्तर पर छोटा ही सही, लेकिन सार्थक कदम उठाकर पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं। तेलंगाना के गोपालपुरम गाँव के राजू कुछ ऐसा ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कम लागत वाले कई आविष्कार किये हैं, जिनमें स्ट्रीट लाइट के लिए सेंसर और बैटरी से चलने वाली साइकिल शामिल है। इसी साल, 27 अप्रैल को 30 वर्षीय राजू ने एक और आविष्कार किया। उन्होंने मकई की भूसी से इको फ्रेंडली पेन (Eco Friendly Pen) बनाये हैं।

राजू कहते हैं, मेरे गाँव के आसपास के कृषि क्षेत्रों में, कई किसान मकई की खेती करते हैं। हालांकि फसल की कटाई के बाद, भूसी को मकई से अलग कर, बाज़ार में बिक्री के लिए भेज दिया जाता है। आमतौर पर मकई की भूसी का कोई उपयोग न होने के कारण, इसे जला दिया जाता है। इसलिए मैं इसका एक ऐसा समाधान खोजना चाहता था, जिससे मकई की भूसी को जलाने से रोका जा सके। डिस्पोजेबल पेन बनाने से, प्लास्टिक के कचरे को कम करने और मकई की भूसी को जलाने से रोकने में मदद मिलेगी।

Eco Friendly Pen बनाने का तरीका -

वह कहते हैं, “मैंने थोड़ी सी मकई की भूसी ली और उन्हें एक गीले कपड़े से साफ किया। इसके बाद, मैंने हर एक भूसी को टेबल पर रख कर, अपने हाथों से चपटा किया। फिर एक कटिंग मशीन का उपयोग करते हुए, उन्हें रेक्टेंगल शेप में काट दिया। उन्होंने एक धातु की छड़ को एक सांचे तथा एक मापक उपकरण के रूप में उपयोग किया और उसके ऊपर मकई की भूसी को अच्छे से लपेट दिया। छड़ को हटाने पर, यह एक सिलिंड्रिकल आकार में ढल जाता है। जिसके ऊपर और नीचे के दोनों सिरे खुले होते हैं। इसके एक सिरे से रीफिल को डाला जाता है। जब तक वह रीफिल उसमें अच्छे से फिट नहीं हो जाती, तब तक भूसी को कसते रहते हैं। अंत में, वह कलम के पिछले हिस्से को दबा देते हैं, जिससे दूसरा सिरा भी बंद हो जाता है।पेन का ढक्कन बनाने के लिए, राजू मकई की भूसी के छोटे भाग को सिलिंड्रिकल आकार में ढालते हैं। साथ ही, यह सुनिश्चित करते है कि इसका Diameter पेन से बड़ा हो और उस पर आसानी से फिट हो जाए।

जब उन्होंने पहला Eco Friendly Pen बनाया था और उससे लिखना शुरू किया, तो उन्हें यह बिल्कुल एक सामान्य पेन जैसा ही लगा। राजू ने अगले कुछ दिनों तक, और पेन बनाये तथा उन्हें अपने पड़ोसियों और दोस्तों में बाँटें। राजू कहते हैं, “मैं ये सारे पेन खुद ही बनाता हूँ और एक पेन बनाने में मुझे सिर्फ 10 मिनट लगते हैं।”

है ना ये कमाल का Eco Friendly Pen इस कहानी को बताने का मुख्य उद्देश्य यह है कि आप भी कम लागत में अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इससे हम पर्यावरण को हानि पहुंचाए बिना भी पर्यावरण के संसाधन से आय के साधन जुटा सकते हैं।