एक सफल करियर के लिए कड़ी मेहनत क्यों ज़रूरी है?

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एक सफल करियर के लिए कड़ी मेहनत क्यों ज़रूरी है?
28 Jun 2022
4 min read

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करियर में सफलता पाना लभभग हर व्यक्ति का लक्ष्य होता है। यह अलग बात है कि सबसे लिए सफल होने की अलग-अलग परिभाषा और अलग-अलग मायने हैं और इसीलिए सबका मेहनत hard work करने का तरीका भी अलग-अलग है। कड़ी मेहनत मनुष्य का असली धन होता है और बिना मेहनत किए सफलता पाना असंभव है। सिर्फ लक्ष्य बनाना ही पर्याप्त नहीं होता है। उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आप जब तक सही प्लानिंग planning नहीं करेंगे, आप सफल नहीं हो पाएंगे। आपको सेल्फ एनालिसिस self analysis करने की ज़रूरत है कि वास्तव में आप चाहते क्या हैं और उसी हिसाब से प्रोफेशनल स्किल्स professional skills पर भी ध्यान दें।

क्या आप अपने करियर career में सफल successful होना चाहते हैं ? अधिकांश लोगों का जबाव हां होगा लेकिन कुछ ही ऐसे लोग हैं जो वास्तव में यह विचार करने के लिए समय निकालते हैं कि सफल होने के लिए उन्हें क्या-क्या करने की आवश्यकता है। 

करियर में सफलता पाना लभभग हर व्यक्ति का लक्ष्य होता है। वो अलग बात है कि सबसे लिए सफल होने की अलग-अलग परिभाषा और अलग-अलग मायने हैं और इसीलिए सबका मेहनत hard work करने का तरीका भी अलग-अलग है। 

सिर्फ लक्ष्य बनाना ही पर्याप्त नहीं होता है। उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आप जब तक सही प्लानिंग नहीं करेंगे, आप सफल नहीं हो पाएंगे। आपको सेल्फ एनालिसिस self analysis करने की ज़रूरत है कि वास्तव में आप चाहते क्या हैं और उसी हिसाब से प्रोफेशनल स्किल्स professional skills पर भी ध्यान दें।

अपने करियर में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करना एक आवश्यकता है। हालाँकि, कड़ी मेहनत करना सभी लोगों को नहीं आता है और कुछ लोग कड़ी मेहनत तो करते हैं लेकिन सही दिशा में नहीं करते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि एक सफल करियर के लिए कड़ी मेहनत करना क्यों ज़रूरी है और कड़ी मेहनत कैसे करें-

कड़ी मेहनत करना क्यों ज़रूरी है? Why is it important to work hard?

कड़ी मेहनत करना आपके करियर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए कड़ी मेहनत से जुड़े कुछ लाभ को जानें-

  • कड़ी मेहनत करने से आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास personal and professional development को बढ़ावा मिलता है।
  • कड़ी मेहनत करने से आपको सम्मान मिलता है working hard earns you respect क्योंकि आप दूसरों के लिए एक मिसाल कायम करते हैं।
  • कड़ी मेहनत करने से आप ज्यादा सकारात्मक सोचते हैं और आप बेहद कॉन्फिडेंट महसूस करते हैं।
  • कड़ी मेहनत करने से आपको एक तरह का सेल्फ सेटिस्फेक्शन self satisfaction मिलता है कि आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।
  • कड़ी मेहनत करना आपको अधिक दृढ़ निश्चयी और जिम्मेदार बनाता है।
  • अपने काम को मेहनत से करने में आप इतने व्यस्त हो जाते हैं कि आपके पास समय बर्बाद करने का समय नहीं बचता है, यानी की आप ज्यादा प्रोडक्टिव productive रहते हैं।
  • कड़ी मेहनत करना यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग कर रहे हैं।

कड़ी मेहनत करने के लिए टिप्स Tips For Hard Working

1. वो काम करें, जो आपको पसंद हो Do something you love

करियर चुनते समय, यह सबसे ज्यादा आवश्यक है कि आप कुछ ऐसा चुनें जिसमें आपकी रुचि हो। जब आप कुछ ऐसा करते हैं जिसमें आपकी रुचि होती है तो मेहनत करने की प्रेरणा motivation अपने आप ही आ जाती है और बिना कुछ किए आप ज्यादा प्रोडक्टिव बन जाते हैं। जब आप अपने लिए कोई ऐसा काम चुन लेते हैं जिसे करने में आपको ज़रा सा भी मजा नहीं आता है तो एक समय बाद आपको वह काम बिलकुल भी करने का मन नहीं होता है और आप उस काम को ना करने का बहाना खोजते हैं। जिस काम में आपकी जरा सा भी रुचि नहीं है उसे आप ज्यादा समय के लिए कर ही नहीं सकते हैं इसीलिए ये सुझाव देना कि कोई भी काम चुन लो और दिन-रात मेहनत करो, गलत होगा। क्रिस्टियानो रोनाल्डो Cristiano Ronaldo, विराट कोहली Virat Kohli, एलन मस्क Elon Musk, बिल गेट्स Bill Gates, जेफ बेज़ोस Jeff Bezos, एडिसन Edison, माइकल जॉर्डन Michael Jordan, मार्क क्यूबन Mark Cuban ये सभी लोग बेहद हार्ड वर्किंग hardworking माने जाते हैं, पर क्या आपको पता है कि ये हार्ड वर्किंग इसीलिए हैं क्योंकि इन्हें अपने काम से प्यार है They love what they do. अगर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने एक टॉक शो शुरू किया होता तो शायद आज हम उनके बारे में नहीं जानते या अगर एडिसन ने फुटबॉल खेला होता तो इलेक्ट्रिसिटी का अविष्कार नहीं होता। 

Hard work is vital to success. As long as it's in the right direction.

2. खुद को मोटिवेट रखें Keep Yourself Motivated 

मोटिवेशन motivation आपको आपके लक्ष्य के प्रति मेहनत करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।

मोटिवेशन दो प्रकार का होता है- इंट्रिंसिक मोटिवेशन और एक्सट्रिंसिक मोटिवेशन Intrinsic Motivation and Extrinsic Motivation. इंट्रिंसिक मोटिवेशन आपको भीतर से प्रेरित करता है वहीं एक्सट्रिंसिक मोटिवेशन में आपको खुद को मोटिवेट रखने के लिए किसी बाहरी सोर्स की आवश्यकता होती है। 

आपने ऐसा पाया होगा कि कभी-कभी कुछ ऐसे काम होते हैं जिन्हें करने के बाद आपको मानसिक शांति महसूस होती है, यह इंट्रिंसिक मोटिवेशन का उदाहरण है वहीं कभी-कभी आप कुछ काम इसीलिए करते हैं ताकि आपको उसका परिणाम अच्छा मिले, यह एक्सट्रिंसिक मोटिवेशन हो गया। 

बहुत सरल भाषा में समझते हैं।

  • आपका पसंदीदा विषय इंग्लिश है और उसे पढ़ने पर आपको बेहद अच्छा महसूस होता है, यह इंट्रिंसिक मोटिवेशन है क्योंकि खुद को मोटिवेट करने के लिए आपको किसी बाहरी श्रोत की जरूरत नहीं पड़ रही है। 
  • आपको केमिस्ट्री विषय बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता है और आप उसे नहीं पढ़ना चाहते हैं लेकिन फिर भी आप खुद से कहते हैं कि अगर आपने इस विषय को नहीं पढ़ा तो आप फेल हो सकते हैं, आपकी रैंक कम हो सकती है इसीलिए ना चाहते हुए सिर्फ एंड रिजल्ट के लिए आप उस विषय को भी पढ़ते हैं, तो आपको अच्छा नहीं लगता है। यह एक्सट्रिंसिक मोटिवेशन का एक अच्छा उदाहरण है।

जो काम आपको बहुत पसंद है उसमें भी ऐसा हो सकता है कि आप उसे कभी-कभी ना करना चाहे, ऐसे में एक्सट्रिंसिक मोटिवेशन आपकी मदद करता है। दोनों ही मोटिवेशन आपको कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करते हैं इसीलिए आपको अपने काम के अर्थ और उद्देश्य को समझते हुए सही दिशा में कड़ी मेहनत करनी चाहिए। 

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3. अपने करियर के लिए लक्ष्य को निरधारित करें Set Your Career Goals

जब आपको एंड रिजल्ट पता होता है कि आप किसलिए इतनी मेहनत कर रहे हैं, तो मेहनत करना आसान हो जाता है। वो कहते हैं ना कि एक बार जब आप जान जाते हैं कि आप क्या चाहते हैं, तो उसके लिए काम करना बहुत आसान हो जाता है। अपने लक्ष्यों को स्पष्ट और विशिष्ट तरीके से परिभाषित करें। ऐसा लक्ष्य मत चुनिए जिसे पाना मुमकिन ना हो। सुनिश्चित करें कि आपके लक्ष्य रियलिस्टिक realistic goals हैं और आपके पास वो मौजूद कौशल skills और संसाधन हैं, जिनकी मदद से आप उन्हें पूरा कर सकते हैं। 

  • स्पेसिफिक मैनर में और बहुत क्लियर कट तरीके से अपने गोल्स को डिफाइन करें।
  • ये देखें कि क्या उन गोल्स को हासिल करने के लिए आपके पास पर्याप्त स्किल्स हैं।
  • एक अच्छा एक्शन प्लान action plan बनाएं और डेडलाइन तय करें। 

4. एक एकशन प्लान बनाएं Prepare an Action Plan

कभी-कभी, किसी लक्ष्य पर काम करते समय आपको एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ सकता है और इस कारण से आप उस काम को समय पर पूरा करने के लिए मोटिवेट नहीं होते हैं और आपका उत्साह कम हो जाता है। इन सब प्रॉब्लम्स से बचने से के लिए एक अच्छा एक्शन प्लान बनाना ज़रूरी है। 

एक्शन प्लान में आप अपने गोल्स को कुछ छोटे-छोटे स्टेप्स में तोड़ते हैं और उसे पूरा करने के लिए समय निर्धारित करते हैं। चाहे वह कोई पर्सनल गोल personal goal हो या कोई प्रोजेक्ट मैनेजमेंट गोल project management goal, एक अच्छा एक्शन प्लान दोनों में ही आपकी मदद करता है। जब आप एक्शन प्लान बनाते हैं तो आप अपने गोल्स के बारे में और बेहतर तरीके से जान पाते हैं, आप सही डायरेक्शन में मेहनत कर पाते हैं और आप ये भी देख पाते हैं कि अभी आपने अपने गोल्स को कितना पूरा किया है और आगे और कितना समय लगेगा। अपने गोल्स को आप आसानी से एक ही बार में नहीं पूरा कर सकते हैं इसीलिए आपको एक एक्शन प्लान की जरूरत पड़ती है। 

एक्शन प्लान क्या है और उसे कैसे बनाएं, आप यहां देख सकते हैं -

How to make an action plan?

5. समय का सही इसतेमाल करें Manage your time effectively 

हम सभी को एक ही दिन में कई अलग-अलग काम करने होते हैं और बिना टाइम मैनेजमेंट time management के हर काम को सही समय पर करना मुश्किल होता है। अपनी कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए और एक बेहतर वर्क लाइफ बैलेंस work life balance के लिए आप टाइम मैनेज करना सीख लीजिए। 

टाइम मैनेजमेंट एक कला है और जो इस कला में निपुण है उसके सफल होने के चांस भी बढ़ जाते हैं इसीलिए आइए जानते हैं कि टाइम मैनेजमेंट कैसे करें -

  • ज्यादा महत्वपूर्ण कार्यों को पहले और कम महत्वपूर्ण कार्यों को बाद में करें।
  • डेली, वीकली और मंथली टू-डू लिस्ट बनाएं।
  • कठिन कामों को तब करें जब आप सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव महसूस करते हैं। 
  • वर्किंग हॉर्स में उन चीजों का इस्तेमाल ना करें, जो आपको डिस्ट्रैक्ट करते हैं और आपका समय बर्बाद करते हैं। 

टाइम मैनेजमेंट के बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें -Time management tips

6. सकारातमक लोगों के साथ रहें Surround yourself with Positive people 

आप जिन लोगों के साथ रहते हैं और जिनके साथ आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं, उन लोगों का काम के प्रति आपका दृष्टिकोण क्या है इस पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। जब आप ऐसे लोगों के साथ समय बिताते हैं, जो अपने काम में अच्छे हैं और वह काम में ध्यान देते हैं तो आप भी काम पर ध्यान देने के लिए हमेशा प्रेरित रहेंगे और कड़ी मेहनत करना चाहेंगे वहीं अगर आप अपना समय ऐसे लोग के साथ बिताएंगे जो समय पर काम नहीं पूरा करते हैं, मेहनत नहीं करते हैं तो आप भी काम ना करने के बहाने खोजने लगेंगे। यही कारण है कि हमें ये सलाह दी जाती है कि हमेशा सकारात्मक लोगों के साथ रहो क्योंकि जब आप सकारात्मक लोगों के साथ रहते हैं तो आप हर काम को एक पॉजिटिव माइंडसेट positive mindset के साथ करते हैं। 

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7. अपने स्वास्थ्य का ध्यान दें Take care of your health

मेहनत करने के लिए शारीरिक ऊर्जा की भी उतनी ही आवश्यकता होती है, जितनी मानसिक ऊर्जा की इसीलिए अपने स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल करना एक आवश्यकता है। पर्याप्त नींद और स्वस्थ आहार लें और अपनी दिनचर्या में योग, ध्यान या किसी प्रकार के शारीरिक व्यायाम को शामिल करें।

8. डिस्ट्रैकशन से बचें Remove Distractions 

काम करते समय डिस्ट्रैक्शन आपकी उत्पादकता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है क्योंकि काम पर फिर से ध्यान केंद्रित करने में समय और प्रयास लगता है। डिस्ट्रैक्शन की वजह से काम की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है इसीलिए काम करते वक्त जितना हो सके डिस्ट्रैक्शन से दूर रहें और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करें। 

9. काम के वक्त छोटे-छोटे ब्रेक्स लें Take Short Breaks 

लगातार काम करने की वजह से आप थका हुआ महसूस करते हैं और यह आपकी उत्पादकता को कम कर सकता है। अगर आप काम के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक्स लेंगे तो आप प्रोडक्टिव भी महसूस करते हैं और आप काम की तरफ ज्यादा ध्यान दे पाते हैं। पूरे दिन सक्रिय बनने के लिए काम के वक्त ब्रेक ज़रूर लें।  

निष्कर्ष Conclusion 

कड़ी मेहनत मनुष्य का असली धन होता है और बिना मेहनत किए सफलता पाना असंभव है। हालाँकि, कड़ी मेहनत करना सभी लोगों को नहीं आता है और कुछ लोग कड़ी मेहनत तो करते हैं लेकिन सही दिशा में नहीं करते हैं इसीलिए करियर चुनते समय, यह सबसे ज्यादा आवश्यक है कि आप कुछ ऐसा चुनें जिसमें आपकी रुचि हो। जब आप कुछ ऐसा करते हैं जिसमें आपकी रुचि होती है तो मेहनत करने की प्रेरणा अपने आप ही आ जाती है और आप ज्यादा प्रोडक्टिव बन जाते हैं। जब आप अपने लिए कोई ऐसा काम चुन लेते हैं जिसे करने में आपको ज़रा सा भी मजा नहीं आता है तो एक समय बाद आपको वह काम बिलकुल भी करने का मन नहीं होता है और आप उस काम को ना करने का बहाना खोजते हैं।