Byju's App क्यों रहा जनता के कटघरे में?

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Byju's App क्यों रहा जनता के कटघरे में?
23 Dec 2021
8 min read

Blog Post

आज भले ही Byju's पर इतने सारे आरोपों के ठप्पे लगे हों परन्तु कहीं न कहीं अपने बीते समय में इस App ने लोगों को शिक्षित करने का काफी बड़ा उत्तरदायित्व निभाया है। हमारे उभरने और डूबने की कहानी का सार, उचित करने और अनुचित करने के मध्य तक तय हो जाता है। आंकड़े और ख़बरें बताती हैं कि किस तरह से बाईजूस ऊँची उड़ान भरते-भरते स्वयं ही अपने परों में छेद कर बैठा।

आज का युग डिजिटल मीडिया digital media या यूँ कहें कि डिजिटल एजुकेशन education का युग है। pandemic के बाद पूरी दुनिया अपने-अपने घरों में बंद होती गयी, परन्तु दोगुनी रफ़्तार से इंटरनेट internet के असीम आसमान में खुलती गयी। कहने का मतलब है कि covid के भय से लोग ज्यादातर ज़रुरती सामानों या फिर शिक्षा, इन सब की मांग ऑनलाइन प्लेटफार्म online plateforms में बढ़ती चली गयी। देखा जाये तो समय की डिमांड के चलते ये सब बेहद आवश्यक था और फिर वैसे भी मनुष्य जाति अति शीघ्र विकल्प तलाशने में माहिर है। मगर कहते है कि ये दुनिया है इस दुनिया में लोग हैं और लोगों में कुछ निस्वार्थ भाव के लोग हैं, तो कुछ स्वार्थ भाव के लोग हैं। ऐसा ही एक किस्सा ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म online education platform के बारे में भी काफी उछाल में देखने को मिला है, उस App का नाम है Byju's App. इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन हैं, दुनिया के सबसे मूल्यवान एडटेक स्टार्ट-अप की तरह 2011 में स्थापित हुई।

हाल ही में जनता का रुझान byju's को लेकर 

हमारे उभरने और डूबने की कहानी का सार, उचित करने और अनुचित करने के मध्य तक तय हो जाता है। आंकड़े और ख़बरें बताती हैं कि किस तरह से बाईजूस ऊँची उड़ान भरते-भरते स्वयं ही अपने परों में छेद कर बैठा। किस तरह से पिछले 6 माह से उसके ख़िलाफ़ आम जनता ने फ्राड fraud का ठप्पा लगा दिया। तमाम लेख पढ़ने के बाद लोगों की समस्या समझ आयी कि वे byju's से क्यों नाराज़ हैं और किस तरह से इस प्लेटफार्म के खिलाफ खड़े होने पर मजबूर हो गए। 

कुछ लोगों का कहना है कि जिन सेवाओं के लिए लोगों ने पैसे देकर सब्सक्रिप्शन subscription ले रखा था, उन सेवाओं को शुरू करने के बाद भी उनकी सर्विसेस services में काफी काफी देरी हुई। या फिर कुछ सेवाएं जल्द ही स्थगित करते हुए सुब्स्क्रिप्शन कर्ताओं को परेशान किया गया। यहाँ तक कि लुभावने विज्ञापन advertisement दिखा कर बच्चों को आकर्षित करते हुए उनके माता-पिता का पैसा सब्सक्रिप्शन के रूप में झोंक देने के बाद उन्हें वह सुविधाएं नहीं दीं जो कि विज्ञापन में दिखायीं गयीं, जैसे कि 3D classes का लोभ। बात यहाँ तक भी ख़त्म नहीं हुई लोगों ने यहाँ तक आरोप लगाया कि ग्राहकों द्वारा फ़ोन करने पर वे छात्रों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग भी करते थे। बच्चों के माता-पिता का ये भी कहना है कि कंपनी अपनी बिक्री की रणनीति में लगातार कोल्ड कॉल cold call और बिक्री के नए तरीक़े शामिल करके उनको प्रोडक्ट्स खरीदने buying products पर मजबूर करने का भी कार्य करती थी और उन्हें ये बोल कर बाध्य करते थे कि यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपका बच्चा पीछे छूट जाएगा।" असंतुष्ट माता-पिता का आरोप है कि उन्हें बिक्री एजेंटों द्वारा गुमराह किया गया था।

व्यक्तिगत राय 

जनता तो आखिर जनता है देर-सबेर आपको समझ ही जाएगी आप अच्छे हो या बुरे। अब अगर लोग इतना आरोप लगा रहे हैं, तो हमारा मानना है कि कुछ सुधार byju's को करना ही पड़ेगा यदि वह एक बार फिर ऑनलाइन की दुनिया में अपने पाँव पसारना चाहता है तो।  

दुनिया में इतनी सम्भावनायें हैं कि आप चकरा जायेंगे यदि पूरी ऑंखें खुली न रख कर भरोसे की पेशकश करते रहेंगे। इसलिए बड़े लोग कहते हैं, जिस पर भरोसा करो खुली आँख करो बंद आंखों से सपनों और आदमियों की पहचान शायद ही कभी हो सके। आज भले ही byju's पर इतने सारे आरोपों के ठप्पे लगे हों परन्तु कहीं न कहीं अपने बीते समय में इस App ने लोगों को शिक्षित करने का काफी बड़ा उत्तरदायित्व निभाया है। हमारा अपना मत, किसी को सही या गलत ठहराने का बिलकुल नहीं अपितु सारे फैसले और सुझाव आजकल व्यापक रूप जल्द ही ले लेते हैं क्योंकि आज का दौर डिजिटल दुनिया digital world का दौर है। यहाँ कुछ भी बहुत देर तक नहीं छुपता nothing its hidden for long lasting चाहें आप कितना भी छुपाने की कोशिश करें। यहाँ सिर्फ एक App को टारगेट न करते हुए हम आपको यही सुझाब देना अधिक पसंद करेंगे कि आजकल के ऑनलाइन फ्रॉड online fraud से यदि बचना है तो आपको स्वयं जागरूक to be aware होना पड़ेगा। वक़्त और वस्तु बदलते दौर नहीं लगती फिर चाहें कोई फर्म भले के लिए कार्य कर रही हो या अपने निजी स्वार्थ के लिए।

उम्मीद करते हैं जल्द ही हम शिक्षा के उस प्रारूप को देख सकेंगे जैसा पहले कभी शिष्य और गुरु के मध्य होता था। हमारा मानना है की मॉर्डन समय morden time के साथ-साथ अतीत की कुछ अच्छी बातें हमेशा साथ रखने से हमारा और देश दुनिया का भला हो सकता है।