जानिये संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में
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संयुक्त राष्ट्र United Nations (UN) 1945 में स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन international organization है। दुनिया के सबसे बड़े संघ, संयुक्त राष्ट्र संघ हर भेदभाव और देश से ऊपर उठकर पूरे संसार की भलाई के लिए काम करता है। संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना, मानवाधिकारों की रक्षा करना, मानवीय सहायता पहुँचाना, सतत् विकास को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना है। इस संगठन ने दुनिया भर में कई अहम मौकों पर मानव जीवन की सेवा कर एक आदर्श प्रस्तुत किया है।
आज विश्व में कई देश हैं जो दूसरे देशों पर अपना हक़ जताने और उन्हें हड़पने को तैयार रहते हैं पर संयुक्त राष्ट्र United Nations की कड़ी नजर की वजह से वह कुछ भी नहीं कर पाते। आज विश्व का हर देश एक-दूसरे पर अधिकार जमाने की कोशिश में लगा रहता है। कई देशों में लड़ाई-झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि उसकी वजह से आंतरिक कलह तक हो जाती है। कई देशों में आतंकवादी, लोगों की ज़िंदगी बर्बाद कर रहे हैं, तो कई देशों में तानाशाहों का आतंक है। इन सब स्थितियों में हर देश अपनी तरफ से तो कदम उठाते ही हैं पर इन सबके ऊपर भी एक नजर बनी रहती है वह है दुनिया का सबसे बड़ा संघ संयुक्त राष्ट्र संघ की। जानते हैं संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है और कैसे काम करता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है
संयुक्त राष्ट्र संघ UNO: United Nations organisation की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई. को हुई थी, जिसका उद्देश्य- कानून को सुविधाजनक बनाने में सहयोग अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा आर्थिक विकास सामाजिक विकास मानवाधिकार और विश्व शांति के लिए कार्य करना है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन international organization है। वर्तमान में इसमें शामिल सदस्य राष्ट्रों की संख्या 193 है। संयुक्त राष्ट्र संघ के ध्वज की पृष्ठभूमि हल्की नीली है और उस पर श्वेत रंग से राष्ट्र संघ का प्रतीक बना है। इसमें दो जैतून की वक्राकार शाखाएं जो ऊपर से खुली हैं और उनके बीच विश्व का मानचित्र बना है। संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यकारी भाषाएं अंग्रेजी English एवं फ्रेंच French हैं लेकिन इसकी अधिकृत अन्य 6 भाषाएं अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, अरबी, रूसी तथा स्पेनिश है।
संयुक्त राष्ट्र संघ का कार्य
संयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य विश्व में युद्ध रोकना, मानव अधिकारों की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना, सामाजिक और आर्थिक विकास उभारना, जीवन स्तर सुधारना और बीमारियों से लड़ना है। इसका लक्ष्य भावी पीढ़ियों को युद्ध की भयावहता से बचाना है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना maintaining international peace and security और राष्ट्रों के बीच मित्रतापूर्ण संबधों को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के नाम से मशहूर यह अंतरराष्ट्रीय संस्थान जाति, धर्म और देश से ऊपर उठकर पूरे संसार के कल्याण के लिए काम करता है। इसका मिशन एवं कार्य इसके चार्टर में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होता है तथा संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अंगों व विशेष एजेंसियों द्वारा इन्हें कार्यान्वित किया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंग
संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रमुख रूप से 6 अंगों में बांटा गया है।
1- महासभा general assembly
महासभा संयुक्त राष्ट्र का महत्त्वपूर्ण अंग है। महासभा किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रमुख मंच है। यह विचार-विमर्श, नीति-निर्धारण जैसे कार्यों के लिये उत्तरदायी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं, इसीलिए इसे विश्व का लागू संसद भी कहा गया है। महासभा में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व है। संयुक्त राष्ट्र संघ में यह एक अकेली संस्था है जिसमें सभी देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। महासभा के अध्यक्ष को प्रत्येक वर्ष महासभा द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल के लिये चुना जाता है।
2- सुरक्षा परिषद security council
संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के अनुसार अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना सुरक्षा परिषद की मुख्य जिम्मेदारी है। इसी कारण से इसे दुनिया का पुलिसमैन भी कहा जाता है। इसमें 15 सदस्य होते हैं जिनमें पांच स्थाई और 10 अस्थाई सदस्य हैं। अमेरिका America, रूस Russia, चीन China, फ़्रांस France और ब्रिटेन Britain इसके पांच स्थाई सदस्य हैं। गैर-स्थायी सदस्य महासभा द्वारा दो वर्ष के लिये क्षेत्रीय आधार पर चुने जाते हैं। सुरक्षा परिषद के पांचो स्थाई सदस्यों के पास कई अहम अधिकार होते हैं।
3- संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद economic and social council
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों की संख्या 54 है, इसके सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है। यह समन्वय, नीति समीक्षा, नीतिगत संवाद, आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर सिफारिशों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्यों के कार्यान्वयन हेतु कार्यरत है। यह एक अस्थाई संस्था है, परंतु इसके एक तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पद मुक्त होते हैं परंतु अवकाश ग्रहण करने वाला सदस्य पुनः निर्वाचित हो सकता है। यह सतत् विकास पर बहस के लिये संयुक्त राष्ट्र का केंद्रीय मंच है।
4- प्रन्यास परिषद trusteeship council
इसकी स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा अध्याय XIII के तहत की गई थी। प्रन्यास परिषद में वर्तमान में 12 सदस्य हैं जिनमें से चार प्रबंध कर्ता देश की सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य होने के कारण स्थाई सदस्य और 5 निर्वाचित सदस्य हैं। न्यास क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र के न्यास परिषद द्वारा एक प्रशासनिक प्राधिकरण के तहत रखा गया एक गैर-स्वशासित क्षेत्र है। वर्ष 1994 तक सभी न्यास क्षेत्रों ने स्व-सरकार या स्वतंत्रता प्राप्त कर ली थी।
5- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय international Court of Justice
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के स्थापना हेग नीदरलैंड Hague Netherlands में 3 अप्रैल 1946 ई. को की गई थी। International Court of Justice- ICJ संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है। यह जून 1945 में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा स्थापित किया गया था और अप्रैल 1946 से इसने कार्य करना शुरू किया था। न्यायाधीश अपने में से ही एक अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष को 3 वर्ष के लिए चुनते हैं। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की सरकारी भाषाएं फ्रेंच French तथा अंग्रेजी English हैं।
6- सचिवालय Secretariat council
सचिवालय का प्रमुख महासचिव होता है जिसे महासभा द्वारा सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर 5 वर्षों की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है महासचिव को दोबारा भी नियुक्त किया जा सकता है। घोषणा पत्र के अनुसार महासचिव संगठन का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है। सचिवालय में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एवं हज़ारों संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी सदस्य शामिल होते हैं, जो महासभा और संगठन के अन्य प्रमुख अंगों द्वारा अधिदेशित संयुक्त राष्ट्र के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को पूर्ण करते हैं।
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