स्पेक्ट्रम क्या होता है और 5G आने से क्या बदलाव होंगे ?
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आजकल स्पेक्ट्रम शब्द काफी सुनने को मिल रहा है। हर किसी के दिमाग में यह प्रश्न जरूर उठ रहा होगा कि यह स्पेक्ट्रम आखिर क्या है, टेलीकॉम (DoT) स्पेक्ट्रम नीलामी क्या होती है और कैसे यह मोबाइल फोन के नेटवर्क से सम्बंधित है। टेलीकॉम कंपनियों के कस्टमर्स बढ़ने के बाद उन्हें ज्यादा स्पेक्ट्रम की जरुरत होती है। ऐसे में सरकार स्पेक्ट्रम की बोली लगाती है और कंपनियां उसे बोली लगाकर खरीद लेती हैं। भारत India में 5जी सर्विस 5G Service की लांचिंग की तैयारी बहुत जोरशोर से चल रही है। दूरसंचार विभाग Department of Telecom (DoT) पहले ही कन्फर्म कर चुका है कि पहले चरण में 13 शहरों को हाई-स्पीड 5G इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी। यदि हम शहरों की बात करें तो कि किन शहरों में सबसे पहले 5G सर्विस की शुरुआत होगी। तो इनमें अहमदाबाद Ahmedabad, बेंगलुरु Bangalore, चंडीगढ़ Chandigarh, चेन्नई Chennai, दिल्ली Delhi, गांधीनगर Gandhinagar, गुरुग्राम , हैदराबाद Hyderabad, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ Lucknow, मुंबई और पुणे Mumbai and Pune शामिल हैं। ये सच है कि 5जी के लांच होने के बाद भारत की तस्वीर पूरी तरह से बदल जायेगी। 5जी सेवा के लॉन्च होने के बाद देश में डिजिटल क्रांति को नया आयाम मिलेगा। यदि आपको स्पेक्ट्रम (Spectrum) के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो इस आर्टिकल में आप स्पेक्ट्रम (Spectrum) क्या होता है, 5G क्या है और 5G के आने से क्या बदलाव होंगे सब कुछ विस्तार से जान सकते हैं।
5G Network भारत में बहुत जल्द ही आने वाला है। प्राइवेट कंपनियों ने इसे शुरू करने के लिए सरकार से स्पेक्ट्रम खरीद लिए हैं। भारत के कई दिग्गज कारोबारियों ने बहुत सारा पैसा सिर्फ Spectrum पर खर्च किया है लेकिन ये स्पेक्ट्रम Spectrum क्या होता है? इस बारे में हर व्यक्ति नहीं जानता है। लेकिन आपको इसके बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। भारत India में 5जी सर्विस 5G Service को लेकर प्रोसीजर बहुत तेजी से चल रहा है। सरकार और टेलीकॉम कंपनियां Government and Telecom Companies इसको अमल में लाने में जुटी हुई हैं। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव Telecom Minister Ashwini Vaishnav ने स्पेक्ट्रम आवंटन पत्र Spectrum Allotment Letter जारी करने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर्स Service Providers से 5G लॉन्च के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया था। सर्विस प्रोवाइडर्स को स्पेक्ट्रम असाइनमेंट लेटर Quartem Assignment Letter पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि जब सर्विस प्रोवाइडर्स Service Providers तैयार हों, वो सेवा को शुरू कर सकते हैं। बहुत ही जल्दी हमारे हाथों में 5G Network होगा और इसी के साथ हमारी लाइफ में बहुत कुछ बदल भी जाएगा। आपके हाथ में सिर्फ तेज गति से चलता हुआ इंटरनेट ही नहीं होगा बल्कि इसके साथ ही दुनिया भी तेजी से बदलती नजर आएगी। तो चलिए आज जानते हैं कि क्या होता है स्पेक्ट्रम और 5G के आने से क्या क्या बदलाव होंगे ?
स्पेक्ट्रम क्या होता है What is Spectrum?
सबसे पहले जानते हैं कि स्पेक्ट्रम क्या है? आप सब लोगों ने भी आजकल 5जी नेटवर्क से संबंधित स्पेक्ट्रम नाम का शब्द काफी ज्यादा सुना होगा। दरअसल जब भी नेटवर्क की कोई नई जनरेशन लाई जाती है तो सरकार की ओर से नेटवर्क स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाती है। समाचार पत्रों और टीवी चैनलों से हमें यह जानकारी दी जाती है कि यह मोबाइल फोन के नेटवर्क से सम्बंधित है। 5जी नेटवर्क के आने से पहले हम सबके लिए स्पेक्ट्रम के बारे में जानना जरुरी है। स्पेक्ट्रम की बोली करोड़ों में लगाई जाती है। इसे आम आदमी तो नहीं खरीद सकता लेकिन देश के बड़े-बड़े दिग्गज बिजनेसमैन का पैसा भी इसे खरीदने में कम पड़ जाता है।
क्या आप जानते हैं कि एक स्मार्टफोन का सिम रेडियो तरंगों radio waves के माध्यम से कार्य करता है। इन्हीं तरंगों के माध्यम से किसी भी फोन पर कॉल आती है और इंटरनेट Internet चलता है। इन तरंगों को हम तक पहुंचाने के लिए नेटवर्क कंपनियां टावर लगाती हैं। जिससे हमें नेटवर्क की सुविधा प्राप्त होती है।
जो रेडियो तरंगे होती है वो बहुत सारी होती है इसलिए यह तय किया जाता है कि कौन सी कंपनी किस रेडियो फ्रीक्वेंसी radio frequency पर काम करेगी। क्योंकि नेटवर्क को मैनेज करने में तभी आसानी रहती है। अन्यथा नेटवर्क को मैनेज करना बहुत ही मुश्किल काम हो जाएगा। सभी रेडियो चैनल एक ही फ्रिक्वेन्सी पर काम नहीं करते हैं बल्कि अलग-अलग Frequency पर काम करते हैं। इसी तरह टेलीकॉम कंपनियों telecom companies के काम करने के लिए भी सरकार अलग-अलग फ्रिक्वेन्सी तय करती है जिसे स्पेक्ट्रम कहा जाता है। स्पेक्ट्रम Spectrum से हमारा पाला हर रोज पड़ता है, चाहे वो टीवी का रिमोट हो, माइक्रोवेव ओवेन या फिर धूप हो 'स्पेक्ट्रम', 'इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम' electromagnetic spectrum का छोटा रूप है।
स्पेक्ट्रम को हिंदी भाषा में वर्णक्रम कहा जाता है। यह उन रंगो अथवा वर्णों का क्रम है जो किसी प्रकाश की किरण को किसी प्रिज़्म से गुज़रने से प्राप्त होता है। स्पेक्ट्रम एक प्रकार का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक है, यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक का बहुत ही छोटा रूप है। इसे हम एक प्रकार की विकिरण ऊर्जा Radiation Energy कह सकते हैं जो कि पृथ्वी को चारों तरफ से घेरे हुए है। इस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रैडिएशन (ईएमआर) का मुख्य स्रोत सूर्य है। ये सारे स्पेक्ट्रम, जिन्हें हम रेडिएशन भी कह सकते हैं इन्हीं के जरिए हम टीवी और रेडियो देख पाते है और मोबाइल फोन चला पाते है। यानि मोबाइल, सेटेलाइट और टेलीविजन इन तीनों में माइक्रोवेव और रेडियो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम radio electromagnetic spectrum का इस्तेमाल किया जाता है। हम कह सकते हैं कि स्पेक्ट्रम का मतलब रेडियो फ्रिक्वेन्सी से होता है जिस पर टेलीकॉम कंपनियां काम करने वाली हैं। यानि किसी स्पेक्ट्रम का कारोबारी इस्तेमाल इन बातों पर तय होता है तरंग की लंबाई कितनी है, उसकी फ्रिकवेंसी (वेवलैंथ) कितनी है और कितनी उर्जा कितनी दूर तक ले जा सकती है। रेडियो वेव स्पेक्ट्रम की तरंगें काफी लंबी होती हैं. इन्हीं का इस्तेमाल टेलीकॉम सेक्टर करता है। जब हम स्पेक्ट्रम की बात करते हैं तो आमतौर पर इसका अर्थ टेलीकॉम सेक्टर के लिए रेडियो वेव तरंगों से ही होता है।
स्पेक्ट्रम नीलामी कैसे होती है How Is Spectrum Auction?
अब जानते हैं स्पेक्ट्रम नीलामी कैसे होती है। दरअसल केंद्र सरकार Central Government स्पेक्ट्रम नीलामी करने के लिए सबसे पहले एक न्यूनतम मूल्य का निर्धारण करती है और इस मूल्य के आधार पर अधिसूचना जारी की जाती है। इसके बाद इस अधिसूचना में टेलिकॉम कंपनियों telecom companies को आमंत्रित किया जाता है और फिर स्पेक्ट्रम की बोली लगायी जाती है। फिर जो भी कम्पनी सबसे अधिक मूल्य देती है तो तब उस कंपनी को उस क्षेत्र के स्पेक्ट्रम एक निर्धारित समय के लिए दे दिए जाते हैं। सरकार इस नीलामी के द्वारा प्राप्त हुई धनराशि से अपनी आय बढ़ाती है। इस तरह से वह कम्पनी उस क्षेत्र में टेलिकॉम सेवाएं Telecom services प्रदान करती है और तब इन सेवाओं के बदले उन कंपनियों को ग्राहकों से लाभ होता है।
स्पेक्ट्रम में तरंग का ट्रांसफर कैसे होता है ?
सूचना के प्रसारण में मुख्य रूप से निम्न उपकरणों की आवश्यकता होती है-
- ट्रांसमिशन लाइन Transmission Line
- ट्रासंमिशन एंटीना Transmission Antenna
- रिसीवर एंटीना Receiver Antenna
क्या है 5G टेक्नोलॉजी और कैसे हुआ टेलीकॉम सेक्टर में विस्तार
देखा जाये तो टेलीकॉम सेक्टर के विस्तार के साथ-साथ टेक्नोलॉजी में भी तेजी से सुधार हुआ है। टेक्नोलॉजी विकास में 1G के एनालॉग वायरलेस की शुरुआत 1980 में हुई थी। 2G 1990 के दशक में आया, जो जीएसएम को अपने साथ लेकर आया। इसके बाद 3G में डाटा का हस्तांतरण तेजी से होता है और नेटवर्क भी ठीक होता है। फिर देश में 4G आया। 4G में वॉयस कॉलिंग अच्छी होने के साथ-साथ इंटरनेट की स्पीड 3G के मुकाबले कई गुना बढ़ गई। इसको इस बात से समझ सकते हैं कि 3G नेटवर्क में एक मूवी को डाउनलोड करने में कई घंटे लगते थे लेकिन 4G से यह कुछ ही मिनटों में डाउनलोड हो जाती है। मतलब साफ़ है टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। साथ ही 4G में वीडियो देखते हुए बफरिंग भी नहीं होती है और स्पष्ट वीडियो दिख जाती है। रिलायंस के वेंचर Jio ने सीधे 4G लॉन्च किया और कुछ महीने फ्री में इंटरनेट उपलब्ध करा कर लोगों को इसकी आदत लगा दी। बाद में अन्य कंपनियों को भी इंटरनेट की दरें कम करनी पड़ी। हम भारतीय मोबाइल तकनीक के 4th Generation में जी रहे हैं और अब दौर आनेवाला है 5G का।
अब भारत India में 5जी सर्विस 5G Service को लेकर प्रोसीजर बहुत तेजी से चल रहा है। देश में 5G सर्विसेज का रोलआउट Rollout अगले महीने की शुरुआत से होने वाला है। भारत में 5जी को लेकर चर्चा बड़ी जोरशोर से चल रही है। देश में 5जी स्पेक्ट्रम 5G Spectrum Auction की नीलामी पूरी हो चुकी है। 5G का अर्थ 5th Generation Network नेटवर्क से है। 5जी तकनीक एक तरह की वायरलेस कनेक्टिविटी है, जिसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम यानी रेडियो वेव (रेडियो तरंगों) का इस्तेमाल होता है। यह मोबाइल नेटवर्क की एक नयी टेक्नोलॉजी है और यह तय है कि पिछले सभी नेटवर्क जेनरेशंस के मुकाबले 5जी नेटवर्क की वायरलेस डेटा क्षेत्र में काफी अहम भूमिका होगी। वहीं 5जी में 4G के मुकाबले फास्ट इंटरनेट स्पीड मिलेगी और इसका नेटवर्क भी काफी बढ़िया होगा। 5जी तीन बैंड्स में काम करता है- लो बैंड, मिड और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड स्पेक्ट्रम। 5G नेटवर्क द्वारा न सिर्फ कनेक्टिविटी अच्छी मिलेगी, बल्कि एडवांस ऐन्टेना टेक्नोलॉजी द्वारा नयी रेडियो फ्रीक्वेंसी पर डेटा ट्रांसफर होने से डेटा ट्रांसमिशन स्पीड में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी। ये नई तकनीक आपके इंटरनेट इस्तेमाल करने के अनुभव को बदलेगी ही साथ ही आपके रोज़मर्रा के काम भी बेहद आसान कर देगी। 4G की अपेक्षा 5G की स्पीड काफी तेज होगी, जिससे यूज़र्स को आसानी से बड़े डाटा को डाउनलोड करने में तथा उसे शेयर करने में आसानी होगी।
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किन किन कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी खरीद ली है
देश में 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum Auction) की नीलामी में रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) और अडानी डेटा नेटवर्क्स (Adani Data Networks) ने अपनी-अपनी हिस्सेदारी खरीद ली है। भारत में 5जी लॉन्च की तारीख (5G Launch Date) की अगर बात करें, तो इसे अब जल्दी ही देश की सभी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर देंगी। बस फिर भारत में लोगों को 4जी इंटरनेट से 10 गुना ज्यादा स्पीड वाला 5जी इंटरनेट मिलने लगेगा।
5जी सेवाएं भारत के किन शहरों में सबसे पहले शुरू होंगी
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव Telecom Minister Ashwini Vaishnav ने स्पेक्ट्रम आवंटन पत्र Spectrum Allotment Letter जारी करने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर्स Service Providers से 5G लॉन्च के लिए तैयार रहने के लिए कह दिया। दूरसंचार विभाग Department of Telecom (DoT) ने उसी दिन स्पेक्ट्रम असाइनमेंट पत्र Spectrum Assignment Letter जारी कर दिए थे। DoT पहले ही कन्फर्म कर चुका है कि पहले चरण में 13 शहरों को हाई-स्पीड 5G इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी।
यदि हम शहरों की बात करें तो पहले इन 13 शहरों में सबसे पहले 5G सर्विस की शुरुआत होगी। इनमें अहमदाबाद Ahmedabad, बेंगलुरु Bangalore, चंडीगढ़ Chandigarh, चेन्नई Chennai, दिल्ली Delhi, गांधीनगर Gandhinagar, गुरुग्राम , हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ Gurugram, Hyderabad, Jamnagar, Kolkata, Lucknow, मुंबई और पुणे Mumbai and Pune शामिल हैं।
5G आने से क्या बदलाव होंगे What will change with the arrival of 5G ?
ये सच है कि 5जी के लांच होने के बाद भारत की तस्वीर पूरी तरह से बदल जायेगी। क्योंकि पहले जब भारत में 4जी नहीं था तब लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कम करते थे लेकिन 4जी के आने बाद इंटरनेट का इस्तेमाल अचानक तेजी से बढ़ गया था और अब 5G के आने से बदलाव और भी अधिक होंगे। चलिए जानते हैं कि 5G आने से क्या बदलाव होंगे।
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अब स्पीड के अलावा भी 5G अन्य बहुत जगह काम आने वाला है। इससे कनेक्टिविटी भी काफी बढ़िया होने वाली है। 5G टेक्नोलॉजी से ड्राइवरलेस कार, हेल्थकेयर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, वर्चुअल रियल्टी, क्लाउड गेमिंग Driverless Car, Healthcare, Artificial Intelligence, Virtual Reality, Cloud Gaming के लिए भी नए रास्ते खुलेंगे।
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5G को इस तरह बनाया गया है ये 4G नेटवर्क से 100 गुना ज्यादा ट्रैफिक देता है। 5G में लेटेंसी भी कम देखने को मिलेगा। इसमें लेटेंसी 1ms तक जा सकता है।
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भारत में ड्रोन बिजनेस drone business के लिए सरकार ने पूरा फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। 5जी नेटवर्क के आने पर ड्रोन बिजनेस काफी तेजी से तरक्की करेगा। आने वाले समय में कई काम ड्रोन के जरिए किये जाएंगे जैसे छोटे-छोटे पार्सल की डिलीवरी करना आदि।
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5जी सेवा के लॉन्च होने के बाद देश में डिजिटल क्रांति digital revolution को नया आयाम मिलेगा। रोबोटिक्स तकनीक का विकास होगा और देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। साथ ही, ई-गवर्नेंस का विस्तार होगा।
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इसमें यूजर्स को ज्यादा नेट स्पीड, कम लेटेंसी और ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी Higher net speed, lower latency and greater flexibility देखने को मिलेगी। अब तक की सेलुलर टेक्नोलॉजी कनेक्टिविटी पर फोकस किया करती थी लेकिन 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी एक कदम आगे बढ़ कर क्लाउड से क्लाइंट को सीधे कनेक्ट करेगा।
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5जी मोबाइल सर्विस के शुरू होने के बाद मोबाइल की दुनिया ही बदल जाएगी।
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5जी की स्पीड 4जी से लगभग 10 गुना ज्यादा होगी और 5जी सर्विस शुरू होने के बाद ऑटोमेशन का नया दौर शुरू होगा। इसकी मदद से आप बड़ी-बड़ी फाइल्स को मजह कुछ सेकंड में डाउनलोड कर पाएंगे।
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आजकल काफी लोग घरों में AI ( Artificial intelligence) का उपयोग करने लगे हैं। AI की मदद से आप मात्र बोलकर घर की लाइट ऑफ या ऑन कर सकते हैं, पंखा चालू कर सकते हैं। मतलब पूरे घर की इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाली चीजों को ऑपरेट कर सकते हैं। 5 जी के आने के बाद ये संभव है कि इसका उपयोग भारत के ज्यादातर घरों में होने लगे।
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कई चीज़ें जो अब तक सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित हैं उनकी पहुंच गांवों तक होगी। इसमें ई-मेडिसीन शामिल है, साथ ही शिक्षा और कृषि क्षेत्र Education and Agriculture Sector को बहुत फायदा होगा।
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हम सबने कोरोना काल में देखा है कि किस तरह इंटरनेट पर हमारी निर्भरता अत्यधिक बढ़ी है। इसलिए अब 5जी हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर और सरल बनाने में मदद करेगा।
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4जी से इंटरनेट से जुड़े बिजनेस में भी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। कई कंपनियां जैसे Zomato, Amazon ,Unacademy, Byju's आदि ने बहुत तरक्की की है। मतलब इंटरनेट से कई सारे स्टार्टअप काफी आगे बढ़े हैं और सफल हुए हैं। 5जी के आने के बाद इंटरनेट से जुड़े बिजनेस में और भी तेजी आएगी।
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