UPSC Exam में आया 103 डिग्री बुखार; फिर भी नहीं मानी हार
News Synopsis
आप सभी ने सोहनलाल द्विवेदी की वो प्रसिद्ध कविता तो सुनी ही होगी।
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
आईएएस सौम्या शर्मा का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा लेकिन ये उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि वो आज एक आईएएस ऑफिसर हैं। एक इंटरव्यू में आईएएस सौम्या शर्मा ने कहा था कि उन्होंने 16 साल की उम्र में सुनने की क्षमता खो दी थी। सौम्या बताती हैं कि उनकी सुनने की क्षमता अचानक चली गई और उसके बाद कई डॉक्टरों से मुलाकात हुई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सौम्या अब हियरिंग एड का इस्तेमाल करती हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, सौम्या की तबियत यूपीएससी परीक्षा के दिन काफी खराब हो गई थी। बुखार के कारण वह बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही थी और जीएस का रिवीजन भी नहीं कर पा रही थी। सौम्या ने कहा कि उन्हें आईवी ड्रिप दी गई और इससे उन्हें यूपीएससी परीक्षा में बैठने में मदद मिली।
सौम्या शर्मा के जीवन की ये कहानी बताने का बस यही तात्पर्य है कि मुसीबत सबकी ही ज़िन्दगी में आती है, ये हम पर निर्भर करता है कि हम उसका सामना कैसे करते हैं।