सस्टेनेबल दिवाली मनाने का इरादा बनाएं
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आज हम आपको इस लेख के माध्यम से सस्टेनेबल दिवाली (Sustainable Diwali) मनाने को लेकर जानकारी देंगे। अगर आप इस तरह की दिवाली मनाएंगे तो आप पर्यावरण को भी बचा सकते हैं। जिससे आप अपने अच्छे भविष्य की कामना कर सकते हैं।
पर्यावरण के प्रति सजग रहने की बातें तो अक्सर सभी के मुंह से सुनी जाती, लेकिन जब इसे अमल में लाने की बात आती है, तो अक्सर लोग पीछे रह जाते हैं। दिवाली का त्यौहार जो सभी के मन में उमंग भर देता है पर इस पावन पर्व के दिन पर्यावरण को असहनीय नुकसान भी होता है। दिवाली पर जब सरकार द्वारा पाबंदियां लगाई जाती हैं, तो लोग इसे नकार देते हैं। दिवाली पर पटाखे फूटने से लेकर अनावश्यक बिजली की खपत, सजावट और अन्य कई मुद्दों को देखा जाए तो पर्यावरण को इससे काफी हानि होती है, जिसका असर इंसान पर ही पड़ता है। लेकिन इंसान कभी इस पर्यावरण को बचाने के बारे में नहीं सोचता। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से सस्टेनेबल दिवाली (Sustainable Diwali) मनाने को लेकर जानकारी देंगे। अगर आप इस तरह की दिवाली मनाएंगे तो आप पर्यावरण को बचा सकते हैं। जिससे आप अपने अच्छे भविष्य की कामना कर सकते हैं।
दिवाली का त्यौहार हर्षोल्लास से भरा हुआ त्यौहार होता है। जहां खुशी मनाने का अवसर सभी को प्राप्त होता है। हम यह बिल्कुल नहीं कहते कि आप खुशियां मनाना बंद करें। बस हम इतना चाहते हैं कि आप अपने तरीके को थोड़ा बदल लें। आप बस यह इरादा बना कर चलें कि आपको सस्टेनेबल दिवाली (Sustainable Diwali) मनानी है। जो पर्यावरण और आने वाली पीढ़ी के लिए माता लक्ष्मी की कृपा से फलदायी होगी।
बायोडिग्रेडेबल (Biodegradable) दीयों का इस्तेमाल करें
सस्टेनेबल दिवाली मनाने के लिए आपको पुराने दौर में प्रचलित दीयों का इस्तेमाल करके दिवाली माननी होगी। यह दीये आज की तारीख में आपको बायोडिग्रेडेबल (Biodegradable) दीयों के रूप में मिलेंगे। इन दीयों से पर्यावरण को 100% तक कोई नुकसान नहीं है और यह पानी में भी तेर सकते हैं साथ ही यह आम दीयों से काफी खूबसूरत भी लगते हैं।
महिलाएं इस्तेमाल करें इको फ्रेंडली गजरा
दिवाली पर महिलाएं अपने बालों में गजरा लगा कर तैयार होती हैं और इससे वे काफी सुंदर लगती हैं, लेकिन अगर आप फूलों को नुकसान नहीं देना चाहते तो आप इको फ्रेंडली गजरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह गजरे आपको ऑनलाइन मिल सकते हैं। जो इन फूलों से बनने वाले गाजरों से काफी बेहतर है, यह काफी लंबे चलते हैं और इन फूलों की तरह एक बार पहनने के बाद नष्ट नहीं होते। इनका इस्तेमाल करके ना सिर्फ केवल आप फूलों को नुकसान होने से बचाएंगे, बल्कि पर्यावरण को भी बचाएंगे।
भगवान की पूजा के लिए इको फ्रेंडली प्रतिमा इस्तेमाल करें
दिवाली के दिन हर घर में माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखकर पूजा की जाती है। अगर आप इस दिवाली इको फ्रेंडली प्रतिमा का इस्तेमाल करें तो यह पर्यावरण को काफी सुखद अनुभव करवा सकता है। कई आंकड़ों में सामने आया है कि मूर्तियों के विसर्जन से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। जिस तरह गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की इको फ्रेंडली प्रतिमा का इस्तेमाल किया गया था। इसे काफी लोग अमल में लाये थे। उसी तरह दिवाली पर भी अपने घर में प्रतिमा बनाकर या फिर इको फ्रेंडली प्रतिमा की पूजा अर्चना करें।
अनावश्यक बिजली के इस्तेमाल से बचें
दिवाली के कुछ दिन पहले से ही घर में काफी सजावट की जाती है। जिसमें काफी ज्यादा बिजली का खर्चा होता है। आजकल देश में वैसे ही कोयले की किल्लत बढ़ती जा रही है। ऐसी हालत में अगर आप सजावट को थोड़ा कम करेंगे और घर की खूबसूरती को इको फ्रेंडली तरीके से सजा लेंगे तो यह आपके लिए भी और किसी और के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। हम यह नहीं कहते कि आप सजावट करना बंद कर दें, बेशक घर को खूब सजाएं, बस सजावट के तरीके में छोटा सा बदलाव करें, इसी में सबकी भलाई है।
उपहार देते वक्त प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बचें
दिवाली के शुभ अवसर पर सभी लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं। ऐसे मौकों पर प्लास्टिक से काफी नुकसान होता है। अगर आप भी इस बार अपने सगे-संबंधियों और चाहने वालों को उपहार देने वाले हैं, तो प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें। इसके लिए आप ऐसे विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो इको फ्रेंडली हो, जिसके इस्तेमाल से पर्यावरण को कोई नुकसान ना पहुंचे।
हमें उम्मीद है कि आप इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर इस दिवाली को सस्टेनेबल दिवाली (Sustainable Diwali) जरूर बनाएंगे। अगर आपके मन में भी कोई नया उपाय है तो उसे भी जरूर अपनाएं, दिवाली को सस्टेनेबल बनने का पक्का इरादा बनाएं, पर्यावरण को नुकसान होने से जरूर बचाएं।
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