रिलायंस की Jio को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च करने की मंजूरी मिली

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रिलायंस की Jio को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च करने की मंजूरी मिली
13 Jun 2024
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News Synopsis

रिलायंस इंडस्ट्रीज Reliance Industries के जियो प्लेटफॉर्म्स और लक्जमबर्ग स्थित एसईएस के बीच गीगाबिट फाइबर इंटरनेट प्रदान करने के लिए एक संयुक्त उद्यम को इंडियन स्पेस रेगुलेटर से वहां सैटेलाइट ऑपरेट करने की मंजूरी मिल गई है।

ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया को तीन स्वीकृतियां ऐसे समय में दी गई हैं, जब अमेजन डॉट कॉम से लेकर एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी कंपनियां दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में सैटेलाइट कम्युनिकटशन सर्विसेज शुरू करने की अनुमति के लिए होड़ में लगी हुई हैं। ऑर्बिट कनेक्ट इंडिया का उद्देश्य सैटेलाइट आधारित हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना है।

इन्हें अप्रैल और जून में Indian National Space Promotion and Authorisation Centre जिसे IN-SPACe के नाम से जाना जाता है, ये ऑर्बिट कनेक्ट को भारत के ऊपर सैटेलाइट का संचालन करने की अनुमति देते हैं, लेकिन ऑपरेशन्स शुरू करने के लिए देश के दूरसंचार विभाग से और अधिक अनुमोदन की आवश्यकता होती है।

इन-स्पेस के चेयरमैन पवन गोयनका IN-SPACe Chairman Pawan Goenka ने कहा कि हाई-स्पीड सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट उपलब्ध कराने की उम्मीद कर रही एक अन्य कंपनी इनमारसैट को भी भारत में सैटेलाइट संचालित करने की मंजूरी मिल गई है। दो अन्य कंपनियों एलन मस्क की स्टारलिंक और Amazon.com की कुइपर ने भी आवेदन किया है।

यूटेलसैट की भारती एंटरप्राइजेज समर्थित वनवेब को पिछले साल के अंत में सभी मंजूरियाँ दी गई थीं।

भारत का सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा मार्केट अगले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 36% बढ़ने और 2030 तक 1.9 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

ग्लोबल स्तर पर अंतरिक्ष-आधारित इंटरनेट के माध्यम से दुनिया के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने की दौड़ तेज हो रही है। अमेज़ॅन कुइपर में $10 बिलियन का निवेश करने की योजना बना रहा है, जिसकी घोषणा 2019 में की गई थी, जिस वर्ष स्पेसएक्स ने अपने पहले ऑपरेशनल स्टारलिंक सैटेलाइट को तैनात करना शुरू किया था।

पिछले सप्ताह श्रीलंका ने स्टारलिंक को वहां इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रारंभिक मंजूरी दी।

पवन गोयनका ने कहा कि भारत में इस क्षेत्र में जितनी अधिक कंपनियां शामिल होंगी, कंस्यूमर्स के लिए उतना ही बेहतर होगा।

ऑटोमेकर महिंद्रा एंड महिंद्रा के फॉर्मर मैनेजिंग डायरेक्टर गोयनका ने कहा "भारत में संचार सेवाओं की तुलनात्मक रूप से कम कीमत ग्लोबल खिलाड़ियों को अपनी कीमतें कम करने के लिए इनोवेशन करने के लिए मजबूर करेगी।"

"यह पहले से ही ऑटोमोटिव जैसे कई उद्योगों में किया जा रहा है, जहां बहुराष्ट्रीय ओईएम को हाई प्रदर्शन और कम लागत की इंडियन कंस्यूमर्स की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए इनोवेशन करना पड़ा।"

उन्होंने कहा कि IN-SPACe जल्द ही निजी कंपनियों को ग्राउंड स्टेशन संचालित करने के लिए अधिकृत करेगा, जिससे सैटेलाइट संचालक भारत से गुजरते समय डेटा डाउनलोड कर सकेंगे।