प्यार की नहीं कोई परिभाषा
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सच ही कहते हैं कि प्यार की कोई परिभाषा नहीं होती है। प्यार को शब्दों में कैद नही किया जा सकता है। एक ऐसा ही मन को सुकून देने वाला एहसास कराया है जयपुर की 17 साल की एक लड़की ने। वैसे तो दादा-दादी से हर कोई प्रेम करता है, क्योंकि दादा-दादी आपके लिए एक सुरक्षा कवच की तरह होते हैं। पर जो आरती प्रजापत ने किया है वो वाकई काबिले तारीफ है। दरअसल आरती के दादा-दादी की तबियत ख़राब हुई जैसे ही ये आरती को पता चला वो तुरंत ही उनसे मिलने के लिए निकल पड़ी वो भी साइकिल से अकेले ही। आरती ने दादा-दादी से मिलने के लिए जयपुर से भरतपुर लगभग 216 किलोमीटर का सफर का सफर साइकिल से तय किया। इस लड़की की बहादुरी की हर तरफ चर्चा हो रही है। आरती को रास्ते में बहुत मुश्किलें भी उठानी पड़ी पर सच ही कहते हैं कि प्यार में बहुत ताकत होती है जिस प्यार के चलते आरती ने ये साहसपूर्ण कार्य किया।