दुर्गा पूजा और दिवाली से पहले LPG सिलेंडर की कीमतों में उछाल

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दुर्गा पूजा और दिवाली से पहले LPG सिलेंडर की कीमतों में उछाल
02 Oct 2024
8 min read

News Synopsis

दुर्गा पूजा और दिवाली के साथ फेस्टिव सीज़न Festive Season के नज़दीक आने के साथ ही भारत में कंस्यूमर्स और बिज़नेस को एक और फाइनेंसियल पिंच का सामना करना पड़ रहा है। 19 किलोग्राम के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है, जो देश की Oil Marketing Companies द्वारा कीमतों में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी को दर्शाता है। Indian Oil Corporation, Bharat Petroleum Corporation Ltd और Hindustan Petroleum Corporation Ltd ने जॉइंट रूप से कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 48.50 रुपये की बढ़ोतरी की है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगी।

देश की राजधानी नई दिल्ली में 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 1,740 रुपये होगी, जबकि मुंबई में इसकी कीमत 1,692.50 रुपये तय की गई है। कोलकाता में कमर्शियल सिलेंडर की नई कीमत 1,850.50 रुपये है, और चेन्नई में सबसे ज़्यादा कीमत है, जहाँ 19 किलो वाले सिलेंडर की कीमत अब 1,903 रुपये है। इन बढ़ोतरी से बिज़नेस, विशेष रूप से रेस्टोरेंट्स, होटल और अन्य कमर्शियल एस्टाब्लिशमेंट्स पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जो अपने ऑपरेशन्स के लिए एलपीजी सिलेंडर पर बहुत अधिक निर्भर हैं। मेजर फेस्टिव सीज़न से ठीक पहले कीमतों में बढ़ोतरी के फैसले से बजट पर और दबाव पड़ने की संभावना है, ऐसे समय में जब फेस्टिवल से संबंधित खरीदारी और सेलिब्रेशन के कारण कंस्यूमर खर्च पहले से ही अधिक है।

यह लेटेस्ट वृद्धि पिछले कुछ महीनों में इसी तरह की वृद्धि के बाद हुई है, जिससे यह उन बिज़नेस के लिए एक रेकरिंग इशू बन गया है, जो पहले से ही बढ़ती इनपुट कॉस्ट्स से जूझ रहे हैं। OMCs ने ग्लोबल आयल की कीमतों, करेंसी में उतार-चढ़ाव और बढ़ती इन्फ्लेशन को योगदान देने वाले कारकों का हवाला देते हुए लगातार कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि की है। इस लेटेस्ट वृद्धि के साथ पिछले तीन महीनों में LPG सिलेंडर की कीमतों में क्युमुलेटिव वृद्धि अब 94 रुपये तक पहुँच गई है। इस उछाल को स्माल और मीडियम इंटरप्राइजेज के लिए काफी बोझ के रूप में देखा जाता है, जिनमें से कई अभी भी पान्डेमिक और अन्य मार्केट कंडीशन से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों से उबर रहे हैं।

दुर्गा पूजा और दिवाली से पहले कीमतों में बढ़ोतरी के समय ने कई बिज़नेस ओनर्स में निराशा पैदा कर दी है। ये फेस्टिवल हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री, रिटेल सेक्टर और फूड वेंडर्स के लिए महत्वपूर्ण अवधि हैं, क्योंकि इन दिनों मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जाती है। हालांकि कुकिंग गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती लागत बिज़नेस को या तो अपनी कीमतें बढ़ाने या लागतों को वहन करने के लिए मजबूर कर सकती है, जो दोनों ही चुनौतियां पेश करते हैं। कुछ लोगों को डर है, कि कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ कंस्यूमर्स पर डालने से फेस्टिव उत्साह कम हो सकता है, और कस्टमर की संख्या कम हो सकती है, जबकि अन्य लोग अब अपने मुनाफे के घटते मार्जिन को लेकर चिंतित हैं।

फेस्टिव सीजन जो परंपरागत रूप से इकनोमिक एक्टिविटी और बिज़नेस में उछाल का समय होता है, इन बढ़ी हुई ऑपरेशनल कॉस्ट्स के कारण मंदी देख सकता है। रेस्टोरेंट्स और फूड चेन, विशेष रूप से एलपीजी सिलेंडरों पर बहुत अधिक निर्भर हैं, और बार-बार कीमतों में बढ़ोतरी कस्टमर्स के लिए मेनू की कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकती है। स्माल स्ट्रीट फूड वेंडर्स के लिए जो पहले से ही कम लाभ मार्जिन पर काम करते हैं, एलपीजी की कीमतों में वृद्धि के कारण कीमतों में वृद्धि किए बिना लाभ में बने रहना मुश्किल हो सकता है, जो बदले में उनके कस्टमर बेस को प्रभावित कर सकता है। इसी तरह कैटरिंग बिज़नेस जो अक्सर फेस्टिवल की अवधि के दौरान बुकिंग में उछाल का अनुभव करते हैं, उन्हें बढ़ती लागतों के साथ सर्विस डिलीवरी को संतुलित करने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

इस मूल्य वृद्धि का प्रभाव केवल बिज़नेस तक ही लिमिटेड नहीं है। देश भर के कंस्यूमर्स भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होने की संभावना है। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को एलपीजी की हाई कॉस्ट की भरपाई के लिए कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं, जिससे फेस्टिवल के दौरान डाइनिंग और फूड सर्विस अधिक महंगी हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त बढ़ती इन्फ्लेशन और जीवन-यापन की अन्य लागतों में वृद्धि के कारण पहले से ही घरेलू बजट पर दबाव है, इस कमर्शियल एलपीजी प्राइस वृद्धि का समय फेस्टिवल के जश्न की तैयारी कर रहे कंस्यूमर्स के लिए एक और झटका है।

यह लगातार तीसरा महीना है, जब Oil Marketing Companies ने एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी की है, जो एक व्यापक प्रवृत्ति का संकेत है, जो निकट भविष्य में भी जारी रह सकती है। भारत में एलपीजी के डिस्ट्रीब्यूशन पर हावी Oil Marketing Companies ने इन कीमतों में बढ़ोतरी को प्रभावित करने वाले विभिन्न बाहरी कारकों की ओर इशारा किया है, जिसमें क्रूड आयल की इंटरनेशनल प्राइस, करेंसी डेप्रिसिएशन और लॉजिस्टिकल कॉस्ट शामिल हैं। जैसे-जैसे ये कारक विकसित होते जा रहे हैं, सिलेंडर की कीमतों में और बढ़ोतरी से इनकार नहीं किया जा रहा है, जिससे बिज़नेस और घरों दोनों के लिए चिंता बढ़ रही है।

इसके अलावा कमर्शियल एलपीजी की बढ़ती कीमत ऐसे समय में आई है, जब सरकार इन्फ्लेशन को मैनेज करने और इकॉनमी के कुछ क्षेत्रों को राहत प्रदान करने के प्रयास कर रही है। हालांकि फूड और बेवरेज इंडस्ट्री जैसे एलपीजी पर अत्यधिक निर्भर बिज़नेस के लिए ये मूल्य वृद्धि ऑपरेशनल विजबिलिटी बनाए रखना तेजी से कठिन बना रही है। स्थिति इस फैक्ट से और भी कॉम्प्लिकेटेड हो जाती है, कि जब एलपीजी को अल्टरनेटिव एनर्जी सोर्सेज से बदलने की बात आती है, तो बिज़नेस के पास लिमिटेड ऑप्शन होते हैं, क्योंकि इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर और कॉस्ट संबंधी बाधाएं शामिल होती हैं।

भविष्य को देखते हुए बिसनेस और कंस्यूमर्स कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में स्थिरता या आगे की वृद्धि के किसी भी संकेत पर बारीकी से नज़र रखेंगे। फिलहाल ध्यान इस बात पर है, कि इस मूल्य वृद्धि के तत्काल प्रभाव को कैसे संभाला जाए, खासकर अपकमिंग फेस्टिव सीज़न के साथ जो भारत में इकनोमिक एक्टिविटी के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। जैसा कि बिसनेस आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हैं, सवाल यह है, कि क्या Oil Marketing Companies कोई राहत उपाय पेश करेंगी या क्या एडिशनल प्राइस वृद्धि क्षितिज पर है।

इस बीच नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में कंस्यूमर्स और बिज़नेस को हाई कॉस्ट्स का सामना करना पड़ रहा है, और इसमें तत्काल कोई राहत नहीं दिख रही है। फेस्टिव सीज़न के तेज़ी से नज़दीक आने के साथ एलपीजी की कीमतों में यह बढ़ोतरी कंस्यूमर्स की अपेक्षाओं के साथ बढ़ती लागतों को संतुलित करने की कोशिश कर रहे बिज़नेस के लिए एक प्रमुख मुद्दा बनी रहने की संभावना है।