किसानों के तय किए गए ख़रीदी केंद्रों पर होगी हापुस आम की बिक्री
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फलों के राजा आम Mango को दुनियां भर में पसंद किया जाता है। भारत India में भी आमों की फार्मिंग Mango Farming बड़े पैमाने पर की जाती है। इसमें कई किस्म के आमों की फसल होती है। इसी में हापुस आम Hapus Mango का नाम भी आता है। इस आम को लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। इसी सिलसिले में कोंकण Konkan के देवगढ़ Devgad में हापुस आम के महत्व को बनाए रखने के लिए अब इसकी बिक्री किसानों द्वारा तय किए गए ख़रीदी केंद्रों Buying Centres पर की जाएगी। जिन फसलों को जीआई टैग GI Tag दिया गया है उनका विशेष महत्व होता है इसकी विशेषताओं के कारण इनको एक अलग दर्जा दिया जाता है। लेकिन इस समय जीआई टैग के नाम पर नकली हापुस Fake Hapus आम को बेचने की शिकायत भी सामने आ रही थी। महाराष्ट्र Maharashtra के कोंकण इलाके में कुछ ऐसे भी किसान हैं जो दूसरे आम को हापुस आम के नाम पर जीआई टैग वाला बता कर अधिक कीमत में बेचते हैं। इस धोखाधड़ी से किसानों और उपभोक्ताओं Farmers and Consumers दोनों को नुकसान होता था। लेकिन अब मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन Mango Growers Association और इनोटेरा कंपनी Inotera Company के साथ मिल कर फैसला किया है कि सिर्फ जीआई टैग वाले हापुस मैंगो ही महत्व दिया जाएगा ताकि बाज़ारों में नकली आम Fake Mango न बेचे जा सकें। इसलिए अब आमों की खरीद एक कंपनी के जरिए की जाएगी इससे न सिर्फ बागवानी किसानों farmer को बल्कि उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा।