गोलगप्पे बेचने से क्रिकेटर बनने तक का सफर

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गोलगप्पे बेचने से क्रिकेटर बनने तक का सफर
29 Sep 2021
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News Synopsis

कहते हैं कुछ करने की ठान लो तो किस्मत बदलते देर नहीं लगती। ऐसा ही कुछ हुआ है भारतीय युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल के साथ। सिर्फ 17 साल की उम्र में घरेलू क्रिकेट में यूथ वनडे मैचों में दोहरा शतक लगाने वाले यशस्वी जायसवाल को आज हर कोई जानता है। इन्होंने यहाँ तक पहुँचने के लिए बहुत मेहनत की है। क्या आपको पता है कभी ये क्रिकेटर  मुंबई के आजाद मैदान के बाहर गोलगप्पे बेचा करते थे और आज राजस्थान रॉयल्स के लिए IPL में खेलते हैं। एक सीजन के 2.4 करोड़ रुपये लेते हैं। यशस्वी जायसवाल ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2020 में 400 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और 4 अर्धशतक थे।

यशस्वी जायसवाल को अपने इस खेल के लिए 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' भी चुना गया। राजस्थान रॉयल्स ने जायसवाल को 2.4 करोड़ की भारी भरकम रकम में खरीदा था। गरीबी में जीवन बिताने के बाद भी इनके सपने ऊँचे थे और ये सपना इनको सिर्फ 11 साल की उम्र में मुंबई खींच कर ले आया। ज्वाला सिंह की कोचिंग से उनकी किस्मत बदल गयी और आज वो किसी नाम के मोहताज नहीं हैं।