एलोन मस्क की कंपनी xAI सुपरकंप्यूटर बनाने की तैयारी में!

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एलोन मस्क की कंपनी xAI सुपरकंप्यूटर बनाने की तैयारी में!
27 May 2024
5 min read

News Synopsis

टेस्ला और स्पेसएक्स जैसे कंपनियों के मालिक एलोन मस्क ने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप xAI के लिए बड़े पैमाने पर योजना बनाई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, एलोन मस्क ने इन्वेस्टर्स को बताया कि xAI एक सुपरकंप्यूटर बनाने जा रही है। यह सुपरकंप्यूटर xAI के चैटबॉट ग्रोक के अगले वर्जन को चलाएगा। एलोन मस्क Elon Musk का लक्ष्य है कि यह सुपरकंप्यूटर 2025 के अंत तक चालू हो जाए।

सुपरकंप्यूटर की ताकत Supercomputer power

इस सुपरकंप्यूटर को बनाने में माइक्रोसॉफ्ट से मदद ली जा सकती है। यह सुपरकंप्यूटर कई ग्रुपों में जुड़े हुए टॉप-ऑफ-द-लाइन एनवीडिया H100 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) से मिलकर बनेगा।

एलोन मस्क का दावा है कि यह मौजूदा किसी भी सुपरकंप्यूटर से चार गुना ज्यादा ताकतवर होगा।

क्यों खास है ये चिप? Why is this chip special?

एनवीडिया H100 GPU Nvidia H100 GPU को चुना जाना इसलिए खास है क्योंकि ये चिप्स डेटा सेंटर्स में AI से जुड़े कार्यों के लिए सबसे बेहतरीन माने जाते हैं। इनकी मांग बहुत ज्यादा है और इन्हें ढूंढना मुश्किल होता है।

एलोन मस्क का लक्ष्य Elon Musk's goal

एलोन मस्क ने xAI की स्थापना पिछले साल ही की थी। इसका लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट समर्थित OpenAI और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों से मुकाबला करना है। गौर करने वाली बात ये है कि एलोन मस्क खुद OpenAI के को-फाउंडर्स में से एक थे।

भविष्य के लिए और भी ज्यादा ताकतवर More powerful AI for the future

एलोन मस्क का कहना है कि ग्रोक grok के मौजूदा वर्जन को ट्रेंनिग देने के लिए लगभग 20,000 एनवीडिया H100 GPU की जरूरत पड़ी। उनका अनुमान है कि ग्रोक 3 जैसे भविष्य के वर्जन के लिए 100,000 एनवीडिया H100 चिप्स की जरूरत होगी। कंप्यूटिंग पावर में यह तेजी से बढ़ोतरी इस बात का संकेत देती है कि एलोन मस्क और भी ज्यादा एडवांस AI सिस्टम बनाना चाहते हैं।

एलोन मस्क का दूसरा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Elon Musk's second ambitious project

एलोन मस्क की एक अन्य कंपनी न्यूरालिंक Neuralink को ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस बनाने के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) से अनुमति मिल गई है। इस तकनीक में माइक्रोचिप्स की मदद से दिमाग को सीधे कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा। अभी तक इस टेक्नोलॉजी का टेस्ट बंदरों पर किया गया है।

न्यूरालिंक का लक्ष्य पैरालिसिस और अंधापन जैसी बीमारियों का इलाज करना है ताकि विकलांग लोग टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल कर सकें।

निष्कर्ष

एलोन मस्क की कंपनियां लगातार नई टेक्नोलॉजी डेवलप कर रही हैं। xAI का सुपरकंप्यूटर भविष्य के AI सिस्टम के लिए रास्ता खोल सकता है। वहीं, न्यूरालिंक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस के क्षेत्र में क्रांति लाने की कोशिश कर रही है।