12 वर्षीय अयान को मिला इंटरनेशनल यंग इको-हीरो पुरस्कार
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मनुष्य और पेड़-पौधों को जीवित रहने के लिए स्वच्छ हवा, पानी, पर्यावरणीय गुणवत्ता, ऊर्जा, आदि संसाधनों की आवश्यकता होती है। कई लोग इस बात को समझ गए हैं कि एक गैर-विषैले वातावरण की हमें आवश्यकता है और अगर हमनें आज स्थिरता को नही अपनाया तो हमारा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा वहीँ दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे हैं जो आज भी हवा, नदी, मिट्टी आदि संसाधनों को बुरी तरीके से प्रदूषित किए जा रहे हैं और कार्बन उत्सर्जन को बढ़ा रहे हैं।
आपने भी कई बार सुना होगा कि कुछ अच्छा करने की कोई उम्र नहीं होती, आपको बस अपने हौसलों को मजबूत बनाना होता है। अयान शांकता इसका उदाहरण हैं। अयान शांकता ने जब देखा कि पवई झील, जिसका जल एक समय इतना साफ हुआ करता था कि लोग इसका पानी पिया करते थे, वो कचरों से भरी है, तो उन्होनें इस झील को साफ करने की ठानी। अयान कहते हैं कि मुंबई एक घनी आबादी वाला शहर है और नदियों को साफ करने से शहर में पर्यावरण संतुलन बना रहेगा। अयान के इसी नेक काम की वजह से उन्हें एक्शन फॉर नेचर की तरफ से इंटरनेशनल यंग इको-हीरो पुरस्कार से अमेरिका में सम्मानित किया गया है। 'एक्शन फॉर नेचर' एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन जो युवाओं को प्रोत्साहित करता है कि वे पृथ्वी से प्रेम करें और पर्यावरण का ध्यान रख कर पृथ्वी को एक बेहतर जगह बनाएं। हम सभी को अयान शांकता से सीखना चाहिए और पृथ्वी को एक बेहतर जगह बनाने में अपना योगदान देना चाहिए। अगर 12 वर्षीय अयान ये काम कर सकते हैं, तो आप क्यों नहीं?