आपके बच्चों की होगी किताबों से पक्की दोस्ती

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आपके बच्चों की होगी किताबों से पक्की दोस्ती
22 Oct 2021
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कई कारणों से बच्चों की किताबों से दूरी बनती जा रही है और हमेशा मां-बाप की यही चिंता रहती है कि वह किस तरह अपने बच्चों को किताबों से जोड़े रखें। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिसकी मदद से आप बच्चों को किताब पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

आजकल के बच्चों का किताबों से दूर हो जाने का एक कारण नहीं है। यह बच्चे जो डिजिटल युग में पैदा हुए, उन्हें कई ऐसी वस्तु है जो आकर्षित करती हैं और डिजिटल युग में उनका रुझान नए उपकरणों के लिए बढ़ता ही चला जा रहा है। नए दौर के बच्चों को किताबें नहीं गैजेट पसंद है। बच्चे आजकल किताबों से दूर होते जा रहे हैं। देखा जाता है कि बच्चे या तो किसी लैपटॉप में बिजी होते हैं या फिर अपने घर वालों के मोबाइल पर। चलिए माना कि आज का दौर कोरोना का दौर है जहां बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, ऑनलाइन ज्ञान लें रहे हैं। जहां तक ज्ञान लेने की बात है वहां तक तो ठीक है, लेकिन ज्ञान लेने के अलावा भी कई ऐसे काम है जिसमें बच्चे मोबाइल, टीवी, लैपटॉप या अन्य किसी उपकरण पर घंटो गुज़ार देते हैं। कई कारणों से बच्चों की किताबों से दूरी बनती जा रही है और हमेशा मां-बाप की यही चिंता रहती है कि वह किस तरह अपने बच्चों को किताबों से जोड़े रखें। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिसकी मदद से आप बच्चों को किताब पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

सुबह का नियम बनाएं

कोरोना काल के बाद से बच्चे घर पर ही ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं वे क्लास में काफी बिजी रहते हैं। माना की सुबह से दोपहर तक वे क्लास करते हैं लेकिन इन क्लासेस के बीच में और क्लास के बाद भी उनका गैजेट्स के साथ लगाव बना रहता है। इसका मतलब है कि वह केवल क्लास नहीं कर रहे हैं, वह कुछ और भी कर रहे हैं। इसलिए घर में मौजूद मां-बाप को घर में सुबह का एक नियम बनाना चाहिए। घर में सुबह होते ही जब तक बच्चे दो पन्ने हिंदी या फिर अंग्रेजी के ना पढ़े उन्हें किसी गैजेट का इस्तेमाल ना करने दिया जाए। यह सुनकर काफी मुश्किल लग रहा होगा। क्योंकि बच्चों को इस बात के लिए मनाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन जब आप इस बात को धीरे-धीरे लागू करेंगे, तो बच्चे भी इसे अपनाने लगेंगे। जब उन्हें पता होगा कि सुबह के 2 पेज की पढ़ाई उन्हें पूरे दिन की रोक-टोक से बचा लेगी तो वह धीरे-धीरे ज़रूर इस आदत को अपना लेंगे।

बच्चों की दिलचस्पी वाली किताबें अपनाएं

देखा जाता है कि अक्सर बच्चे पढ़ने में इसलिए भी रुचि नहीं लेते क्योंकि उनकी पसंद की किताबें उन्हें पढ़ने को नहीं मिलती। अगर आप भी अपने बच्चों को किताब पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं तो ऐसी किताबें अपने घर पर रखे जिसे पढ़ने में उनका मन लगे। एक बार अगर किताबों में मन लग गया तो बच्चों को किताबों से दूर कर पाना किसी के बस की बात नहीं होगी। बच्चे काफी चंचल मन के होते हैं। उन्हें जिस तरह की किताबें पसंद हो वह किताबें दें, अगर आप समझ नहीं पा रहे हैं कि आपका बच्चा किस चीज़ में दिलचस्पी रखता है, तो उससे इस बात की चर्चा करें, एक बार में काम न बने, तो कई बार चर्चा करे, तब तक करते रहें, जब तक यह गुत्थी सुलझ नहींं जाती। 

सुंदर रंगों वाली किताबें करेंगी काम

छोटे बच्चे रंगों से काफी प्रेम करते हैं और अगर किताबों में कुछ रंग भरे हों और अच्छी कहानियां लिखी हों तो यह उन्हें काफी भाता है। अगर आप भी अपने बच्चे को किताब पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं तो आप ऐसी किताबें चुने जिनमें काफी रंग भरे हैं और अच्छी-अच्छी बातें लिखी हैं, जो कम शब्दों में बच्चों से जुड़ा अच्छा खासा ज्ञान देती हैं। शुरुआत में अगर बच्चों ने केवल रंग बिरंगी किताबें देखकर भी छोड़ दी, तो कहीं ना कहीं आप का काम हो सकता है। जब धीरे-धीरे वह इन रंग बिरंगी किताबों को देखना शुरु करेंगे तो कुछ समय बाद ही सही, वे इसे पढ़ना भी शुरू करेंगे। 

ऑडियो बुक्स की मदद ले सकते हैं...

आज के इस डिजिटल युग में कई ऑडियो किताबें भी मौजूद हैं, जिन्हें ऑडियोबुक कहा जाता है। इसमें तकनीक की मदद से किताबों का ज्ञान सुनकर हासिल किया जा सकता है। जब बच्चे किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित ना हो रहे हों तो उन्हें आप ऑडियो बुक सुना कर प्रेरित कर सकते हैं। जब धीरे-धीरे उनकी किताबों में रुचि बढ़ने लगे, तो आप इस काम को बंद कर दें। सबसे अच्छा विकल्प किताबों से पढ़ना ही होता है, ना कि डिजिटल माध्यम से सुनना। 

खुद भी किताबों में रुचि होना जरूरी

आप अपने बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए तभी प्रेरित कर सकते हैं जब आप खुद भी किताबों में रुचि रखते हों। बच्चे जैसा देखते हैं वैसा ही सीखते हैं, इसलिए अगर आप बच्चे को किताब पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं तो खुद भी किताबों में लगाव रखें। अगर आपका किताबों में मन नहीं लगता तो कहीं ना कहीं इसका असर आपके बच्चों पर भी होगा। पहले खुद सुधरें और फिर बच्चों को भी सुधारें।

हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा बताए गए आसन उपायों से आप बच्चों को किताब पढ़ने के लिए जरूर प्रेरित करेंगे।