20 फरवरी- विश्व सामाजिक न्याय दिवस
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एक समाज या समुदाय में रहते हुए हम सभी को सामाजिक न्याय का अधिकार है। किसी भी सभ्य समाज के लिए न्याय बेहद अहम होता है। न्याय समाज को कई बुराईयों और गैर-सामाजिक तत्वों से दूर रखने के साथ लोगों के नैतिक और मानवाधिकारों moral and human rights की रक्षा भी करता है। विश्व समाज की इन सभी समस्याओं जैसे बेरोजगारी, विभिन्न धर्मों और नस्लों के भेदभाव, लिंग असमानता, गरीबी आदि के बारे में सोचते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व सामाजिक न्याय दिवस की स्थापना की जो हर साल 20 फरवरी को मनाया जाता है।
हम जिस समाज में रहते हैं उसमें अलग-अलग सोच, अलग-अलग जाति, अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं और इनमें से कई लोग समाज में भेदभाव और असमानता को फ़ैलाने का प्रयास करते हैं। समाज में फैली असमानता और भेदभाव से समाजिक न्याय की मांग और तेज हो जाती है लेकिन अभी भी विश्व के कई लोगों के लिए सामाजिक न्याय एक सपने की तरह है। आज भी हमारे समाज में गरीबी, महंगाई और आर्थिक असमानता और भेदभाव हद से भी ज्यादा है। बस इसी भेदभाव, असमानता और सामाजिक कुरीतियों को पूरे विश्व के द्वारा मिलकर दूर करने का प्रयास किया जाता है जिसे विश्व सामाजिक न्याय दिवस world social justice day के रूप में मनाया जाता है। चलिए विस्तार से जानते हैं विश्व सामाजिक न्याय दिवस कब मनाया जाता है, इसका इतिहास क्या है और साथ ही जानते हैं 2022 की थीम के बारे में।
क्यों मनाया जाता है विश्व सामाजिक न्याय दिवस
वैश्विक स्तर global scale पर 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस world social justice day के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा United Nations General Assembly ने 26 नवम्बर, 2007 को 20 फरवरी को प्रतिवर्ष विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाये जाने को मंज़ूरी दी। इसके बाद पहली बार 2009 में विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया गया। सामाजिक न्याय देशों में और उनके बीच शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक अंतर्निहित सिद्धांत है। आज भी हमारे समाज में गरीबी, महंगाई, बेरोज़गारी, आर्थिक असमानता और भेदभाव Poverty, inflation, unemployment, economic inequality and discrimination बहुत ही अधिक देखने को मिलता है। विश्व सामाजिक न्याय दिवस का उद्देश्य गरीबी, बहिष्करण, लैंगिक समानता, बेरोजगारी, मानवाधिकार और सामाजिक सुरक्षा जैसे सामाजिक न्याय के मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करना और इनसे निपटने की आवश्यकता को पहचानना है। इसलिए हर साल समाज में सामाजिक कुरीतियों, भेदभाव और असमानता को समाप्त करने के सामूहिक प्रयास के प्रतीक के रूप में इसे मनाया जाता है। सामाजिक न्याय तभी सुनिश्चित हो सकता है जब लोगों को लिंग, आयु, नस्ल, धर्म अथवा संस्कृति के कारण समस्याओं का सामना न करना पड़े। क्योंकि आज भी दुर्भाग्य से विश्व के कई लोगों के लिए सामाजिक न्याय बस किताब के पन्नों तक ही सीमित है और आज भी हमारे समाज में गरीबी, महंगाई, आर्थिक असमानता और भेदभाव हद से ज्यादा है। यही कारण है कि सामाजिक न्याय का विषय बेहद विचारणीय विषय है इसलिए दुनिया से कुरीतियों और बुराइयों को ख़त्म करने के लिए विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है।
सामाजिक न्याय दिवस का इतिहास
1995 में दुनिया भर के राजनेता कोपेनहेगन Copenhagen, डेनमार्क Denmark में सामाजिक विकास पर एक विश्व शिखर सम्मेलन के लिए एकत्र हुए थे। जिसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षा, गरीबी को दूर करना , समानता का भाव लाना और उच्च रोजगार Security, eradication of poverty, bringing about a sense of equality and higher employment देना था। साथ ही लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य भी रखा गया था। फिर 26 नवंबर, 2007 को मनुष्य को अन्याय से बचाने, सामाजिक अधिकारों और समानता के लिए उपयुक्त कानून लाने के उद्देश्य से और इस शिखर सम्मेलन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मंजूरी दी। इसके बाद से इसे आधिकारिक तौर पर 2009, 20 फरवरी को पूरे विश्व में पहली बार मनाया गया और तब से हर साल इसे मनाया जाता है। इस न्याय संगठन के लिए ALA एएलए या अमेरिकन लाइब्रेरी एसोसिएशन American Library Association, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन international-labor-organization, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र के कई संगठनों ने भी दुनिया भर में समाज के ऐसे मुद्दों से निपटने की कोशिश की है। समाज में भेदभाव का न होना, हर धर्म के हर लोगों के लिए समान अवसर और हर संस्कृति और परंपरा को अपनी विविधता के साथ स्वीकार करना और अनुचित व्यवहार और अन्याय के लिए एक साथ खड़े होना ही इसका मुख्य लक्ष्य है।
विश्व सामाजिक न्याय दिवस 2022 की थीम
हर साल की तरह इस वर्ष 2022 में भी विश्व सामाजिक न्याय दिवस 20 फरवरी, रविवार को पूरे विश्व में मनाया जाएगा और हर साल की तरह इस साल भी यह दिन एक खास विषय के साथ मनाया जाएगा। क्योंकि हर साल विश्व सामाजिक न्याय दिवस के लिए एक विषय को चुना जाता है और इस विषय के बारे में लोगों को बताया जाता है जिसके माध्यम से लोग जागरूक होते हैं। इस साल विश्व सामाजिक न्याय दिवस 2022 की थीम है “Achieving Social Justice through Formal Employment” अचीविंग सोशल जस्टिस थ्रू फॉर्मल एम्प्लॉयमेंट’ जिसका मतलब है “औपचारिक रोजगार के माध्यम से सामाजिक न्याय प्राप्त करना”। यह विषय इस विचार पर केंद्रित है कि रोजगार के संसाधन और अवसर दुनिया में गरीबी और असमानता को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं इसलिए नए रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है। अगर हम भारत की बात करें तो हमारे देश में गरीबी और बेरोजगारी बहुत अधिक है जिसके कारण कई बार लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। इसलिए गरीबी, बेरोजगारी और लोगों के बीच असमानता जैसी चीजों को खत्म करने की काफी जरूरत है। ऐसा नहीं है कि सरकार द्वारा कोशिश नहीं की जा रही है, कई संगठन और सरकार द्वारा कोशिशें तो की जा रही हैं लेकिन ये समस्यायें अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं। विश्व सामाजिक न्याय दिवस का मकसद लोगों को यह देखने के लिए प्रोत्साहित करना है कि सामाजिक न्याय, गरीबी उन्मूलन को कैसे प्रभावित करता है। इसके साथ ही लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना, भेदभाव को मिटाना, बुराइयों को खत्म करना और बेरोजगारी से जुड़ी हुई कई समस्याओं को हल करना इसका लक्ष्य है।
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