कम उम्र में बढ़ सकेंगे उद्यमिता की ओर...

Share Us

13269
कम उम्र में बढ़ सकेंगे उद्यमिता की ओर...
09 Oct 2021
9 min read

Blog Post

देश का युवा जब अपनी पढ़ाई करके किसी व्यवसाय या उद्यमिता में आगे बढ़ना चाहता है, तो उसे इस बात का ज्ञान होता ही नहीं है कि आखिर वित्तीय प्रबंधन होता क्या है? जब किसी के पास बचपन से ही वित्तीय प्रबंधन के ज्ञान का भंडार होगा तो उसे उद्यमिता (Entrepreneurship) की राह में विकास करने से कोई रोक नहीं सकता।

वित्तीय समझ ज़िन्दगी में बड़ा अहम किरदार निभाती है, इस बात को सब भली भांति जानते हैं। हर एक तरीके की काबिलियत को इंसान अपने हर उम्र के पड़ाव पर सीखता है, लेकिन वित्तीय समझ से दूरी हर परिवार में नजर आती है। घर के बच्चों में वित्तीय समझ को पैदा करना प्राथमिकता से लेकर आवश्यकता भी है। वित्तीय प्रबंधन के बारे में आप अपने बच्चे को जितनी जल्दी समझाना शुरू करेंगे, यह उसकी आने वाली ज़िन्दगी के लिए सबसे बड़ी सीख होगी। बचपन से ही वित्तीय प्रबंधन के बारे में समझने से बच्चों में कहां कितना खर्च करना है, कहां कितनी बचत करनी है और कहां कितना निवेश करना है इसकी आदत पड़ने लगेगी और यह आदत उनकी ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाएगी। इस काबिलियत को सीखने के बाद वह अपनी ज़िन्दगी में अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं। जब किसी के पास बचपन से ही वित्तीय प्रबंधन के ज्ञान का भंडार होगा तो, उसे उद्यमिता (Entrepreneurship) की राह में विकास करने से कोई रोक नहीं सकता।

युवाओं का वित्तीय प्रबंधन में नौसिखिया किरदार क्यों??

देश का युवा जब अपनी पढ़ाई करके किसी व्यवसाय या उद्यमिता में आगे बढ़ना चाहता है, तो उसे इस बात का ज्ञान होता ही नहीं है कि आखिर वित्तीय प्रबंधन होता क्या है? वह नौसिखिया रूपी किरदार में कदम रख लेता है। देश और दुनिया का दुर्भाग्य है कि बच्चों को शुरुआत से वित्तीय प्रबंधन की जानकारी उनके मां-बाप और विद्यालयों में नहीं दी जाती। परंपरागत पढ़ाई का मामला देखें तो किसी पाठ्यक्रम में वित्तीय प्रबंधन को लेकर कोई भी पाठ्यक्रम मौजूद ही नहीं होता। इस नादान युवा किरदार को बदलने के लिए फिलहाल तो सबसे बड़ा नजरिया मां-बाप को ही बदलना होगा। वित्तीय प्रबंधन को सिखाने के लिए उन्हें घर से शुरुआत करनी होगी।

यह उपाय, जो बदल देंगे वित्तीय प्रबंधन में आपके बच्चे का किरदार

बच्चे छोटी छोटी चीजों से बड़ा अच्छा सीखते हैं तो आप भी ऐसा कर सकते हैं कि जब वह स्कूल जाएं तो उन्हें कुछ पैसे दे दिया करें, जिससे वह स्कूल में कैंटीन में जाकर कुछ खरीद सकें, ताकि वह यह समझ सके कि पैसे को खर्च किस लिहाज से करना है। इससे आप खुद भी इस बात का आँकलन कर पाएंगे कि वह कितना खर्चा करते हैं और कितना बचाते हैं।

किसी वस्तु की क्या कीमत है आप इस बात को बता कर भी बच्चों में सीख पैदा कर सकते हैं। क्योंकि जब बच्चा यह समझेगा कि जिस वस्तु का इस्तेमाल हम रोजमर्रा में कर रहे हैं, उसकी कीमत क्या है वह कैसे हमें प्राप्त होती है, तो उसके मन में भी वित्तीय प्रबंधन के प्रति समझ बढ़ेगी।

पैसा जमा करने के लिए गुल्लक देने वाला उदाहरण तो काफी पुराना है, लेकिन यह आज भी काम आता है। उन्हें गुल्लक में पैसा जमा करने की ताकत सिखाएं। जब धीरे-धीरे वह पैसा जमा करना सीख जाएंगे तो यह समझ उनके आने वाले भविष्य की यात्रा में बड़ा किरदार निभाएगी।

जब आपका बच्चा काफी चीजें खरीदने की जिद करें तो उसे सारी चीजें ना दिलाएं, उसे कुछ चीजें दिला कर संतुष्ट करें, यह भी अच्छी वित्तीय समझ पैदा करने का एक बेहतरीन तरीका है।

बाजार में तकनीक का बोलबाला है आजकल बच्चों के लिए नए-नए खेलों का अविष्कार हो चुका है। इन खेलों को दिला कर भी, आप वित्तीय प्रबंधन के बारे में बच्चो को समझा और सिखा सकते हैं।

जब भी आप  बाजार या सुपर बाजार जाएं तो बच्चों को साथ लेकर जाएं और उन्हें बजट के बारे में जानकारी दें। उनके सामने सामान की जानकारी लिखें, यह सब देखते हुए भी उनमें समझ बढ़ेगी और जिज्ञासा उत्पन्न होगी की हम भी कुछ ऐसा करें। इस उपाय में बच्चे की इच्छा पर भी निर्भर करेगा कि वह इसे अपनाता है या नहीं।

अगर आपके जीवन में कोई भी वित्तीय परेशानी चल रही है तो आप अपने बच्चों के साथ इसे साझा करें। ताकि वह भी यह समझ पाए कि जब पैसों को लेकर परेशानी होती है तो किस तरह हमें अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ती है। यह समझ उन्हें भविष्य में काफी काम आने वाली है।

अपने बच्चों को बैंक खाते, एफडी (FD) बनाने और बैंकिंग लेनदेन के बारे में जरूर सिखाएं। जब वह यह धीरे-धीरे सीखने लगें और बड़े होने लगें तो उन्हें और भी निवेश के तरीके बताएं और सिखाएं।

आज के इस बदलते दौर में जहां तकनीक ने बैंकिंग क्षेत्र को मोबाइल पर ला खड़ा किया है। वहां उन्हें डिजिटल लेनदेन  तथा वित्तीय प्रबंधन से जरूर अवगत कराएं, पर यहां ख्याल रहे कि डिजिटाइजेशन का माध्यम आपके लिए सर दर्द ना बन जाए। क्योंकि जब आप उन्हें यह सिखाएंगे तो हो सकता है कि वह कुछ गलत लेनदेन भी कर लें, या अपनी खुशी के लिए कुछ गलत इस्तेमाल कर लें, तो इस बात का जरूर ध्यान रखें। तकनीक का इस्तेमाल जरूर करें पर सुरक्षा  के साथ, ताकि आपके बच्चे में गलत आदत ना पड़े।

आखिर में आपको यह जानकारी भी दे दें कि भारत में कुछ बड़ी-बड़ी संस्थाएं वित्तीय प्रबंधन की जानकारी बच्चों और युवाओं तक पहुंचाने में मदद कर रही हैं। इन संस्थाओं में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) संस्थाएं मौजूद हैं। यह संस्थाएं युवा अवस्था के लोगों को वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी भिन्न-भिन्न तरीकों से मुहैया कराती हैं।

हमें आशा है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप भी अपने बच्चों में वित्तीय प्रबंधन को लेकर जागरूकता पैदा करेंगे और अपने बच्चे के भविष्य को लेकर आवश्यकता अनुसार ज्ञान उन्हे जरूर देंगे।