वक्त की खुशी, ख़ुशी का वक्त

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वक्त की खुशी, ख़ुशी का वक्त
22 Oct 2021
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हमें यह समझने की आवश्यकता है कि ख़ुशी के लिए वक्त निकालना या फिर प्रत्येक वक्त में ख़ुशी के लम्हों को ढूंढना बहुत ज़रूरी है। प्रत्येक कार्य की तरह यह भी हमारे लिए बहुत आवश्यक है। आखिर हम इसी ख़ुशी की तलाश में यहां से वहां दौड़ते रहते हैं। यदि हम ख़ुश ही नहीं रह पाए तो हमारी सारी मेहनत बेकार है। यदि हम स्वयं को खुश रखते हैं तो संभव है हम अन्य कार्य को और भी मन तथा लगन से कर पाएं। ख़ुश रहकर हम मानसिक विकारों से भी दूर सकने में सक्षम होते हैं।

वक्त हम सबके जीवन में कितना महत्वपूर्ण है इस बात से हम सब अच्छे से अवगत हैं। वक्त की महत्ता हम सबके जीवन में रहती है। प्रत्येक काम को करने का एक निश्चित समय होता है, यदि उस कार्य को उस समय में ना किया जाए तो बाद में उसे करने से वह उतना प्रभावी नहीं रह जाता, हम यह भी कह सकते हैं कि वह अर्थहीन हो जाता है। इसीलिए हमारे जीवन में सही वक़्त की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। हम आज एक ऐसी दुनिया का हिस्सा हैं, जो भाग-दौड़ और व्यस्तता से भरा हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को बेहतर जीवन देने के लिए निरंतर ख़ुद को ऐसी दौड़ में भगाता रहता है, जिसमें ना कोई प्रारंभिक छोर है और ना ही अंतिम।  महसूस करें तो हम पाएंगे कि इस दौड़ के रुकने का कोई निश्चित वक्त भी नहीं है। यह निरंतर चलने वाली बेबूझ प्रक्रिया होता है। हम जिस सफलता के लिए प्रयास करते रहते हैं, उस ख़ुशी का जश्न मनाने के लिए भी हमारे पास वक्त नहीं रहता है। हमारे जीवन में एक स्थिती ऐसी भी आती है जब हमें थोड़ा वक्त ऐसा मिलता है, जिसमें किसी कार्य का भार नहीं रहता है तो हम ख़ुश हो जाते हैं। वक्त की खुशी या फिर खुशी के वक्त के लिए हम हमेशा परेशान रहते हैं।

हमारी ज़िंदगी इन्हीं परिस्थितियों में ही गुजरती है, जहां पर हम किसी भी वक्त में ख़ुशी नहीं ढूंढ़ पाते या फिर खुशी के वक्त में किसी अन्य चीज़ों की चिंता में दिल से खुशी नहीं मना पाते हैं। हालांकि मानव के लिए यह आवश्यक होता है कि वह स्वयं को तथा अपनों को अच्छा जीवन देने के लिए निरंतर कोशिश करता रहे। परन्तु इसी व्यस्तता में मनुष्य को ख़ुश रहने के लिए भी वक़्त निकालना चाहिए। क्योंकि उस कोशिश का फ़ायदा ही क्या जो हमें सुकून और शान्ति ना दें। 

दुनिया में ऐसे कई लोग उदाहरण के तौर पर उपस्थित हैं, जो आज सक्षम तो हैं परन्तु उनके पास अपने परिवार तथा दोस्तों के साथ वक्त व्यतीत करने का वक्त नहीं होता है। वह सबके साथ खुशियां बांटना चाहते हैं, परन्तु वह ऐसा कर नहीं पाते हैं। 

दरअसल, वास्तव में यह केवल मानसिकता के कारण होता है। हमनें पहले ही मन में यह मान लिया है कि हम वक्त नहीं निकाल सकते हैं क्योंकि हमें और अधिक काम करना तथा जीवन को और सरल बनाना है और इसी के कारण हम जीवन को कठिन बनाते चले जाते हैं। 

हमें यह समझने की आवश्यकता है कि ख़ुशी के लिए वक्त निकालना या फिर प्रत्येक वक्त में ख़ुशी के लम्हों को ढूंढना बहुत ज़रूरी है। प्रत्येक कार्य की तरह यह भी हमारे लिए बहुत आवश्यक है। आखिर हम इसी ख़ुशी की तलाश में यहां से वहां दौड़ते रहते हैं। यदि हम ख़ुश ही नहीं रह पाए तो हमारी सारी मेहनत बेकार है। यदि हम स्वयं को खुश रखते हैं तो संभव है हम अन्य कार्य को और भी मन तथा लगन से कर पाएं। ख़ुश रहकर हम मानसिक विकारों से भी दूर सकने में सक्षम होते हैं।