देश आज मना रहा है विश्व सद्भावना दिवस
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आज के समय में लोगों में सद्भावना की कमी साफ दिखाई देती है। लोगों को समाज और देश के हित की भावना रखनी चाहिए। आज के समय में लोग सिर्फ अपने हित की कामना करते हैं, समाज और देश के लिए हित की कामना रखना और उसके प्रति काम करना लोग भूल चुके हैं। लोगों में स्वहित की कामना इतनी ज्यादा है कि वे इसके लिए किसी दूसरे का अहित करने में भी नहीं कतराते।
मनुष्य के अंदर सद्भावना का होना बहुत जरूरी है। सद्भावना समाज को जोड़ने का काम करती है। सद्भावना का अर्थ है 'हित की भावना'। आज के समय में लोगों में सद्भावना की कमी साफ दिखाई देती है। लोगों को समाज और देश के हित की भावना रखनी चाहिए। आज के समय में लोग सिर्फ अपने हित की कामना करते हैं, समाज और देश के लिए हित की कामना रखना और उसके प्रति काम करना लोग भूल चुके हैं। लोगों में स्वहित की कामना इतनी ज्यादा है कि वे इसके लिए किसी दूसरे का अहित करने में भी नहीं कतराते।
लोगों में सद्भावना की भावना को जगाने के लिए प्रतिवर्ष 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। 20 अगस्त को ही सद्भावना दिवस मनाए जाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण भी है। 20 अगस्त के दिन ही भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती भी होती है। इसलिए राजीव गांधी की 77वीं जयंती के साथ ही आज राष्ट्रीय सद्भावना दिवस भी मनाया जा रहा है। राजीव गांधी की याद में और सद्भावना दिवस को खास बनाने के लिए इससे जुड़ा एक पुरस्कार भी रखा गया है।
राजीव गांधी नेशनल सद्भावना अवॉर्ड- राजीव गांधी नेशनल सद्भावना अवॉर्ड की शुरुआत वर्ष 1992 में हुई थी। सांप्रदायिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता, और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में बेहतर काम करने वाले लोगों को यह पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार कांग्रेस पार्टी की अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा शुरू किया गया था। तब से लेकर अब तक हर साल सद्भावना दिवस के मौके पर समाज की तरक्की और सद्भावना को बढ़ावा देने वालों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और दस लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाता है। सद्भावना दिवस के दौरान कई जगहों पर रैलियों का आयोजन भी किया जाता है। जगह-जगह राजीव गांधी की याद और सद्भावना दिवस के सम्मान में विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। सद्भावना दिवस का लक्ष्य सांप्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देना है।
कौन हैं राजीव गांधी?
राजीव गांधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। राजीव गांधी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पति हैं। राजीव गांधी 1984 से लेकर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। वो देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे। मात्र 40 साल की उम्र में उन्हे प्रधानमंत्री बना दिया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई सराहनीय कार्य किए थे। इन्ही सराहनीय कार्यों के लिए आज भी उनका नाम बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। सद्भावना दिवस के जरिए राजीव गांधी के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाता है। उनकी जयंती के उपलक्ष्य पर उन्हे नमन करने के लिए कई कांग्रेस परिवार समेत कई बड़े नेता वीरभूमि में उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विचारों से हमें सद्भावना की सीख लेनी चाहिए। उनके सपनों को पूरा करना हमारा कर्तव्य होना चाहिए।
सद्भावना प्रतिज्ञा-
राजीव गांधी के सद्भावना के विचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिज्ञा भी ली जाती है। सद्भावना दिवस पर राजीव गांधी के इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिज्ञा की जाती है। "मैं यह प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं बिना धर्म, जाति, क्षेत्र और भाषा को ध्यान दिए भारत के सभी लोगों की भावनात्मक, एकात्मकता और सद्भावना के लिए कार्य करूंगा और मैं कसम खाता हूं कि बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक दूसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त करूंगा।
अब समय है कि देश सद्भावना की भावना को आगे बढ़ाए और दुनिया के सामने एक आदर्श राष्ट्र का उदाहरण पेश करे।
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