समाज के प्रति उद्योग की जिम्मेदारी
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अमीर वर्ग उस श्रेणी का हिस्सा है जो अपनी ज़रूरत से अधिक समृद्ध होता है, अर्थात वह आर्थिक रूप से इतना सक्षम होता है कि स्वयं के तथा अपनों के अलावा भी अन्य लोगों की देख-रेख आसानी से कर सकता है। यही कारण है कि उनको कुछ जिम्मेदारियों से बाध्य किया गया है, जिससे ज़रूरतमंद की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी सरकार द्वारा अमीर लोगों के लिए बनाया गया वह तथ्य है, जिसमें समाज की दशा को पहले से बेहतर करने की कोशिश की जाती है।
हमारा समाज तीन वर्गों में विभाजित है जैसे कि अमीर, गरीब और मध्यम वर्ग। यह विभाजन उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर किया जाता है। जिनकी आय अधिक होती है तथा जो सरकार को अधिक आयकर देते हैं, वे अमीर की श्रेणी में आते हैं। जो लोग इतनी भी आय अर्जित नहीं कर पाते कि अपनी ज़रूरतों को सहजता से परिपूर्ण कर पाएं, वे गरीबी की श्रेणी में आते हैं। मध्यम वर्ग इन दोनों के मध्य उपस्थित होता है। समाज में सामंजस्य बनाए रखने के लिए सरकारों द्वारा समय-समय पर प्रत्येक वर्ग के लिए कुछ नियमों को बनाया जाता है। कुछ के लिए अल्प जिम्मेदारियां निर्धारित किए जाती हैं तथा कुछ के लिए थोड़ी सहूलियत का प्रबंध किया जाता है। इससे समाज का प्रत्येक वर्ग अपनी ज़िंदगी को आराम से जी पाता है। अमीर वर्ग उस श्रेणी का हिस्सा है जो अपनी ज़रूरत से अधिक समृद्ध होता है अर्थात वह आर्थिक रूप से इतना सक्षम होता है कि स्वयं के तथा अपनों के अलावा भी अन्य लोगों की देख-रेख आसानी से कर सकता है। यही कारण है कि उनको कुछ जिम्मेदारियों से बाध्य किया गया है, जिससे ज़रूरतमंद की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी
सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी सरकार द्वारा अमीर लोगों के लिए बनाया गया वह तथ्य है, जिसमें समाज की दशा को पहले से बेहतर करने की कोशिश की जाती है। इस माध्यम से अमीर व्यक्ति अपनी कमाई का कुछ हिस्सा समाजिक हित के कार्यों में लगाता है। इसका फ़ायदा यह होता है कि वह व्यक्ति कुछ हद तक आयकर देने से मुक्त हो जाता है तथा समाज में कुछ अच्छे कार्य हो जाते हैं।
क्या योगदान है सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी का
इस दुनिया में ऐसे कई स्थान हैं, जहां पर संसाधनों की बहुत कमी होती है। ऐसे कई लोग हैं जिनके पास अपनी ज़रूरत को पूरा करने और भविष्य को उज्जवल करने का अवसर नहीं मिलता है, क्योंकि वह आर्थिक रूप से स्थिर नहीं रहते हैं। इस परिस्थिति में सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी अहम भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से उन्हें वह साधन मिलता है जो उनके भविष्य को सुरक्षित करता है तथा स्थानों पर संसाधनों की कमी को पूरा करता है।
एनजीओ का योगदान
दुनिया में ऐसी कई कंपनियां हैं, जो अपने नाम पर विभिन्न प्रकार के एनजीओ को चलाती हैं। इसमें वृद्धाश्रम, अनाथालय, जानवरों की सुरक्षा के लिए प्रबंध, बेसहारा और प्रताड़ित औरतों का आसरा जैसे कई कार्य शामिल रहते हैं। इन सबके माध्यम से वे समाज के बेसहारा लोगों का सहारा बनते हैं और उनका पूरा खर्च वहन करते हैं।
कई कंपनियां ऐसी होती हैं जो अन्य तरीके से सामाजिक हित करती हैं। कोई खराब सड़क बनवा देना, कहीं पर पीने के पानी की किल्लत को दूर कर देना, किसी सरकारी बिल्डिंग को बनवा देना तथा गरीबों में खाना और कपड़े बांट देना जैसे कार्य करके भी वह अपनी सोशल कॉरपोरेट रिस्पांसिबिलिटी को पूरा करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति इतना धनवान नहीं होता कि इतने बड़े कार्य कर पाएं, इसलिए किसी बच्चे को गोद लेकर उसकी देख-रेख करना या फिर उसकी शिक्षा का खर्च वहन करना जैसे छोटे-छोटे कार्य करके भी हम अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर सकते हैं।