रिलायंस रिटेल ने क्विक कॉमर्स में प्रवेश किया, ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट को चुनौती दी

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रिलायंस रिटेल ने क्विक कॉमर्स में प्रवेश किया, ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट को चुनौती दी
08 Oct 2024
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News Synopsis

देश की सबसे बड़ी रिटेलर कंपनी रिलायंस रिटेल Reliance Retail ने ऑफिसियल तौर पर तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स स्पेस में प्रवेश कर लिया है, जिससे ज़ोमैटो के स्वामित्व वाली ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट और बिगबास्केट जैसी कंपनियों के लिए कम्पटीशन बढ़ गई है। कंपनी ने लास्ट वीकनेड नवी मुंबई और बेंगलुरु के चुनिंदा इलाकों में अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जियोमार्ट के जरिए क्विक कॉमर्स सर्विस देना शुरू किया, यह एक ऐसा कदम है, जो इस सेगमेंट में बदलाव लाने के उसके इरादे को दर्शाता है।

शुरुआत में रिलायंस देश भर में अपने 3,000 रिटेल स्टोर के नेटवर्क से ग्रॉसरी आइटम्स बेचने से शुरुआत करेगी। हालांकि कंपनी के अनुसार कंपनी की महत्वाकांक्षी योजना अपने ऑफरिंग को वैल्यू फ़ैशन और स्माल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कि स्मार्टफ़ोन, लैपटॉप और स्पीकर तक बढ़ाने की है। क्विक कॉमर्स सर्विस रिलायंस के मौजूदा स्टोर नेटवर्क के ज़रिए पूरी की जाएंगी, जिसमें रिलायंस डिजिटल और ट्रेंड्स आउटलेट शामिल हैं।

Aggressive pan-India expansion on the cards  

रिलायंस इस महीने के अंत तक पूरे भारत में अपने क्विक कॉमर्स ऑपरेशन को बढ़ाने की योजना बना रही है। कंपनी का लक्ष्य ज़्यादातर ऑर्डर 10-15 मिनट के भीतर डिलीवर करना है, जबकि बाकी ऑर्डर 30 मिनट से कम समय में पूरे करने का है। रिलायंस अपनी लॉजिस्टिक्स शाखा ग्रैब का लाभ उठाएगी, जिसे उसने पहले अधिग्रहित किया था, ताकि समय पर डिलीवरी की जा सके।

दूसरे क्विक कॉमर्स ऑपरेटर जो डार्क स्टोर या पड़ोस के वेयरहाउस पर निर्भर करते हैं, उनसे अलग रिलायंस अपने मौजूदा रिटेल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल फुलफिलमेंट के लिए करेगी। यह स्ट्रेटेजी 30 मिनट की अवधि में डिलीवरी करने में चुनौतियों का सामना कर सकती है, खासकर उन शहरों में जहां पीक ऑवर्स के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या होती है।

A fee-free strategy to woo customers

कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए रिलायंस ने ऑर्डर के आकार की परवाह किए बिना डिलीवरी फीस, प्लेटफ़ॉर्म फीस या सर्ज फीस नहीं लेने का फैसला किया है। यह ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट और बिगबास्केट जैसे कॉम्पिटिटर्स से बिल्कुल अलग है, जो डिलीवरी के लिए एडिशनल चार्ज लगाते हैं। रिलायंस की स्ट्रेटेजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा छोटे शहरों और कस्बों को लक्षित करना है, जहाँ क्विक कॉमर्स ऑपरेटरों ने अभी तक महत्वपूर्ण पैठ नहीं बनाई है। इन अप्रयुक्त मार्केट्स पर ध्यान केंद्रित करके रिलायंस का लक्ष्य एक मजबूत पैर जमाना और अपने रिवल्स पर कॉम्पिटिटिव बढ़त हासिल करना है।

कंपनी खुद को प्रोडक्ट्स की अधिक एक्सटेंसिव रेंज के प्रोवाइडर के रूप में भी स्थापित कर रही है, जो अपनी पूरी इन्वेंट्री को क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ रही है। 10,000-12,000 स्टॉक कीपिंग यूनिट्स के साथ रिलायंस की ऑफरिंग कंपेटिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध टिपिकल रेंज से कहीं अधिक होगी।

Targeting 1,150 cities and 5,000 pin codes 

रिलायंस का लक्ष्य 1,150 शहरों में अपनी क्विक कॉमर्स सर्विस का विस्तार करना है, जिसमें 5,000 पिन कोड शामिल हैं, जहाँ यह पहले से ही ग्रॉसरी स्टोर संचालित करता है। इस एक्सटेंसिव रीच के साथ-साथ छोटे शहरों और कस्बों पर इसके फोकस से रिलायंस को अपने कॉम्पिटिटर्स पर महत्वपूर्ण बढ़त मिलने की उम्मीद है, जिनमें से कई अभी भी मेट्रो क्षेत्रों पर केंद्रित हैं।

कंपनी ने कहा "रिलायंस ने जियोमार्ट डिलीवरी मॉडल में बदलाव किया है। पहले डिलीवरी में 1-2 दिन लगते थे, जिसमें छोटे ट्रक क्रमिक रूप से कई ऑर्डर डिलीवर करते थे। अब फोकस क्विक कॉमर्स पर है। प्रत्येक ऑर्डर को बाइक या साइकिल द्वारा व्यक्तिगत रूप से डिलीवर किया जाएगा, और प्रत्येक ग्रॉसरी स्टोर 3 किलोमीटर के दायरे को कवर करेगा।"

Refining delivery processes

इस साल की शुरुआत में रिलायंस ने अपनी हाइपरलोकल डिलीवरी पहल के तहत जियोमार्ट के लिए डिलीवरी के समय को कुछ घंटों या कम से कम उसी दिन तक कम करने का प्रयास किया था। इस प्रक्रिया को अब 10-30 मिनट के भीतर डिलीवरी देने के लिए और भी बेहतर बनाया गया है, जो कि मार्केट की एक प्रमुख मांग है।

कंपनी का क्विक कॉमर्स में एग्रेसिव कदम कॉम्पिटिटिव लैंडस्केप को काफी हद तक बदल सकता है।

Blended delivery model could be the future

कंसल्टेंसी फर्म थर्ड आईसाइट के चीफ एग्जीक्यूटिव देवांग्शु दत्ता Devangshu Dutta Chief Executive at Consultancy Firm Third Eyesight ने कहा कि रिलायंस लंबे समय में एक मिक्स एप्रोच अपना सकता है, अपने स्टोर के नज़दीकी इलाकों में क्विक कॉमर्स डिलीवरी और दूर के इलाकों में निर्धारित डिलीवरी की ऑफरिंग कर सकता है।

“रिलायंस स्पष्ट रूप से क्विक कॉमर्स स्पेस में मार्केट शेयर हासिल करने की कोशिश में है, और अधिक डिस्कोउन्ट्स की ऑफरिंग करते हुए ट्रांसक्शन फीस माफ करना उस स्ट्रेटेजी का हिस्सा है। रिलायंस जैसी अमीर कंपनियों के लिए इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र पर हावी होने के पर्याप्त अवसर हैं। रिटेल क्षेत्र में उनका ट्रैक रिकॉर्ड बताता है, कि एक बार जब उन्हें कोई कारगर मॉडल मिल जाता है, तो वे एग्रेसिव तरीके से प्रयोग करने को तैयार हैं,” देवांग्शु दत्ता ने कहा।

फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनियों के लिए क्विक कॉमर्स तेजी से एक महत्वपूर्ण चैनल बन रहा है, जो कुल ऑनलाइन सेल का 30-35 प्रतिशत हिस्सा है, जिससे यह रिलायंस जैसी प्रमुख कंपनियों के लिए एक आकर्षक क्षेत्र बन गया है।