Blog Post
हमारी रोजाना की दिनचर्या में प्रयोग होने वाली उँगलियाँ कितने रहस्यों को खुद में समेटे हुए हैं, जो न सिर्फ हमारे कार्यों को करने में मदद करती हैं बल्कि कई अपराधों की गुत्थी भी पुलिस मात्र हमारी फिंगर प्रिंट से सुलझा देती है। ये साधारण सा दिखने वाला अंग का प्रिंट भी बहुत सारे औपचारिक कार्यों में प्रयोग होता है।
हाथों और पैरों के अग्र भागों को उँगली कहते हैं जिनका उपयोग हम रोजाना प्रत्येक छोटे-बड़े कार्यों में करते हैं और इनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। उँगलियों के नाम इस प्रकार से हैं अंगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा। वैज्ञानिक तौर पर हर मनुष्य के हाथों की बनावट अलग होती है, इसके साथ ही उँगलियों की बनावट भी अलग हो जाती है। उँगलियों के बारे में कई ऐसे रोचक तथ्य हैं जिनके बारे में हमे शायद ही पता हो।
उँगलियों पर पायी जाने वाली एकमात्र मांसपेशी अरेक्टर पिली मांसपेशी है। उँगलियों के जोड़ों को हिलाने वाली मांसपेशियां हथेली तथा अग्र भाग में होती हैं। ये उँगलियों की हड्डियों से जुड़ी होती हैं, जो कटपुतली के तारों की तरह उँगलियों को खींचती और हिलाती हैं। मानव शरीर के अन्य भागों की त्वचा की तुलना में उँगलियों में स्पर्श रिसेप्टर और थर्म रिसेप्टर अधिक संख्या में होते हैं इसलिए उँगलियाँ तापमान, दबाव और कंपन के प्रति बेहद संवेदनशील होती हैं।
उँगलियाँ कभी भी पूरी तरह से सीधी नहीं होती हैं आमतौर पर तर्जनी, अनामिका और कनिष्ठा किनारे से मध्यमा की ओर थोड़ी मुड़ी हुई होती हैं। पुरुषों में तर्जनी, अनामिका और कनिष्ठा की तुलना में छोटी होती हैं। जबकि महिलाओं में तर्जनी अनामिका के बराबर या फिर अधिक लंबी होती है। अपने हाथ पर नज़र डालने पर लगता है कि सबसे लम्बी उंगली मध्यमा है लेकिन यदि अंगूठे को सम्मिलित किया जाये तो असल में वह सबसे लम्बा होता है। ऊपर से देखने पर ऐसा लगता है कि इसमें दो हड्डियां हैं लेकिन इसमें तीसरी हड्डी भी है जो हाथ में काफी नीचे तक गयी हुई है।
सबसे ज्यादा उँगलियों वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड भारत के देवेंद्र सुथार के नाम है। हिम्मतनगर, गुजरात के रहने वाले देवेंद्र की कुल 28 उँगलियाँ हैं, 14 हाथ की और 14 पैर की। दुनिया में सबसे बड़ा हाथ तुर्की के सुल्तान कोसें का है। कलाई से लेकर मध्यमा उँगली के टिप तक उनके हाथ की लम्बाई 11 इंच है।
प्रत्येक मनुष्य के फिंगर प्रिंट अलग होते हैं लेकिन दो जुड़वाँ लोगो के फिंगर प्रिंट एक जैसे हो सकते हैं लेकिन ऐसा असामन्य मामला 100 मिलियन में से 1 होता है। सबसे लम्बी उँगली के नाखून सबसे तेज़ गति से बढ़ते हैं और सबसे छोटी उँगली के नाखून सबसे धीमे। हाथ और पैर दोनों की उँगलियों के नाखून को जड़ से ऊपर बढ़ने में लगभग छह महीने लग जाते हैं।
एक महीने में हाथ की उँगलियों के नाखून लगभग 1 इंच के दसवें हिस्से तक बढ़ते हैं जबकि पैर के उँगलियों के नाखूनों के बढ़ने की गति इन की तुलना में एक चौथाई तक कम होती है। गर्मियों के दिनों में नाखून तेजी से बढ़ते हैं और जो हाथ व्यक्ति मुख्य रूप से इस्तेमाल करता है उस हाथ के नाखून अधिक तेजी से बढ़ते हैं। माना जाता है कि मृत्यु के बाद भी मनुष्य के बाल और नाखून बढ़ते हैं जो कि पूरी तरह से गलत है। मृत शरीर सूख और सिकुड़ जाता है जो देखने पर ऐसा लगता है कि बाल और नाखून बढ़ रहे हों।
हाथ और पैर में पांच के स्थान पर छह उँगली होना पॉलिडेक्टीली कहलाता है। लड़कियों की तुलना में लड़कों में पॉलिडेक्टीली अधिक देखने को मिलती है। पॉलिडेक्टीली सबसे ज्यादा दायीं हथेली और बाएं पंजे को प्रभावित करती है। अफ़्रीकी और अमेरिकन लोगों में पॉलिडेक्टीली सबसे ज्यादा पायी जाती है। हस्तरेखा शास्त्र में भी हर व्यक्ति के हाथों की उँगलियाँ अलग अलग तरह की होती हैं जिन्हें वो अलग-अलग भागों में बांटते हैं और उन भागों के आधार पर मनुष्य के व्यक्तित्व को परखा जाता है।
बच्चे, बड़े और बूढ़ों के उँगलियों के निशानों में अलग-अलग तरह के आर्गेनिक कंपाउंड होते हैं और जब कोई व्यक्ति किसी चीज को छूता है तो उसके अणु और लिपिड पीछे छूट जाते हैं। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान यह भी पाया है कि उम्र, धूम्रपान मादक पदार्थों और कुछ विशेष उत्पादों के सेवन से उँगलियों के निशान बदलते हैं।
You May Like