IN-SPACe ने प्री-इन्क्यूबेशन प्रोग्राम लॉन्च किया
News Synopsis
इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोरिसेशन सेंटर Indian National Space Promotion and Authorisation Centre ने प्रारंभिक चरण के स्पेस स्टार्टअप को सपोर्ट और नर्चर देने के लिए प्री-इन्क्यूबेशन एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया है।
IN-SPACe अंतरिक्ष विभाग के तहत एक ऑटोनोमस नोडल एजेंसी है।
IN-SPACe के अनुसार PIE डेवलपमेंट प्रोग्राम स्पेस टेक इन्नोवेटर्स की नेस्ट जनरेशन को कल्टीवेट और एम्पॉवर करेगा, तथा उन्हें अपने स्पेस ड्रीम्स को वास्तविकता में बदलने के लिए आवश्यक टूल्स और गाइडेंस प्रदान करेगा।
21 महीने का यह प्रोग्राम एस्पिरिंग एंटरप्रेन्योर को एक कम्प्रेहैन्सिव जर्नी के माध्यम से मार्गदर्शन करेगा, जिसे आइडीएशन, इनोवेशन और प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के अलग-अलग चरणों में विभाजित किया गया है। यह प्रोग्राम सुनिश्चित करेगा कि बडिंग एंटरप्रेन्योर को डेवलपमेंट के प्रत्येक महत्वपूर्ण चरण में स्ट्रक्चर्ड समर्थन मिले।
IN-SPACe के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका Dr. Pawan Goenka Chairman IN-SPACe ने कहा "भारत का स्पेस सेक्टर तेजी से विकास के लिए तैयार है, और इस विस्तार को आगे बढ़ाने के लिए यंग एंटरप्रेन्योर महत्वपूर्ण हैं। PIE प्रोग्राम एक लॉन्चपैड प्रदान करेगा, जो उन्हें न केवल टेक्निकल एक्सपेर्टीज़ से लैस करेगा, बल्कि स्पेस इंडस्ट्री की कम्प्लेक्सिटीज़ को नेविगेट करने के लिए आवश्यक बिज़नेस कौशल भी प्रदान करेगा। प्रारंभिक चरण का समर्थन इनोवेटिव माइंडस की क्षमता को अनलॉक करने और ग्लोबल स्पेस इंडस्ट्री में भारत के नेतृत्व में योगदान करने में मदद करेगा।"
पीआईई प्रोग्राम यंग एंटरप्रेन्योर को उनके इनोवेटिव आइडियाज को प्रोटोटाइप में बदलने में मदद करेगा, इसके लिए एक सहयोगात्मक शिक्षण वातावरण को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों को लीडिंग रिसर्च इंस्टीटूशन्स, इनक्यूबेटरों, एकेडेमिया और प्रमुख स्पेस इंडस्ट्री के खिलाड़ियों से चुने गए अनुभवी मार्गदर्शकों से जुड़ने और उनसे सीखने का अवसर मिलेगा।
इंडस्ट्री जगत के दिग्गजों और विषय विशेषज्ञों तक सीधी पहुंच से अमूल्य जानकारी, फीडबैक और नेटवर्किंग के अवसर मिलेंगे। इससे एंटरप्रेन्योर में इनोवेशन की कल्चर विकसित होगी, वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा जो सामाजिक-आर्थिक लाभ उत्पन्न करेगी, व्यापक आर्थिक विकास में योगदान देगी और भारत के स्पेस सेक्टर में नए रोजगार के अवसर पैदा करेगी।
प्रोग्राम के गाइडलाइन्स के अनुसार आवेदक 2024 में स्नातक होने वाले भारतीय नागरिक होने चाहिए, या पहले से ही स्नातक हैं, उन्हें निजी या सरकारी योजनाओं से कोई अनुदान, धन या मौद्रिक सहायता नहीं मिली होनी चाहिए, और सभी प्रस्तुतियाँ मूल कार्य होनी चाहिए। 1 जुलाई 2022 को या उसके बाद Department for Promotion of Industry and Internal Trade के साथ रजिस्टर्ड स्टार्ट-अप को प्रारंभिक चरण के स्टार्ट-अप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।