हाइड्रोपोनिक खेती, मिट्टी के बिना सब्जियां उगाएं

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हाइड्रोपोनिक खेती, मिट्टी के बिना सब्जियां उगाएं
21 Sep 2021
5 min read

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मिट्टी के बिना सब्जियां उग सकती हैं। अगर आप यह कथन पहली बार सुन रहे हैं, तो आश्चर्य हो सकता है लेकिन यह लेख पढ़ने के बाद आप भी इस बात को मान जाएंगे कि बिना मिट्टी के खेती की जा सकती है।

मिट्टी के बिना सब्जियां उग सकती हैं। अगर आप यह कथन पहली बार सुन रहे हैं, तो आश्चर्य हो सकता है लेकिन यह लेख पढ़ने के बाद आप भी इस बात को मान जाएंगे कि बिना मिट्टी के खेती की जा सकती है।

खेती करने का तरीका बदल रहा है 

नई तकनीक और विज्ञान की मदद से फसल उगाने के तरीकों में भी बदलाव होता जा रहा है। शायद आपने हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे में न सुना हो। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से आप बिना मिट्टी के सब्जियां उगा सकते हैं। बदलते भारत की नई तस्वीर में हाइड्रोपोनिक खेती ने भी कदम रख लिया है। आज का किसान हाइड्रोपोनिक खेती में भी अपना हाथ आजमा रहा है। हाइड्रोपोनिक खेती से होने वाले मुनाफे में भी बढ़ोतरी नज़र आती है। जिसके चलते आज कल किसानों के अलावा अन्य आम लोग भी हाइड्रोपोनिक खेती की तरफ रुझान बढ़ा रहे हैं। इस तरह की खेती पहले विदेश में शुरू की गई जिसके बाद अब इसमें भारत में भी कदम रख लिया है आज हम इसके बारे में आपको पूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

क्या होती है हाइड्रोपोनिक खेती 

आसान शब्दों में समझा जाए तो यह खेती करने का एक नया तरीका है। जिसके द्वारा बिना मिट्टी के खेती की जाती है। इस तरह की खेती को पानी का इस्तेमाल करके पौधों को पोषक तत्व पहुंचाए जाते हैं। पानी के साथ ही बालू और कंकड़ का उपयोग भी किया जाता है। पानी में रह कर यह पेड़ पनपते हैं और फल देते हैं। इसकी सबसे बढ़िया बात यह है कि, इसे घर की छत या फिर आपकी इच्छा अनुसार उपयुक्त जगह का चयन करके खेती की जा सकती है। हाइड्रोपोनिक खेती में क्लाइमेट कंट्रोल की जरूरत नहीं पड़ती। जिससे खेती 15 से 30 डिग्री तापमान में आसानी से की जा सकती है।

 अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि इस तरह की तकनीक में पेड़-पौधों को पोषक तत्व कैसे मिलते होंगे? जब मिट्टी ही नहीं है, तो पोषक तत्व मिलने का सवाल पैदा होना लाजमी है। इस तरह की खेती में पौधों को पोषक तत्वों देने के लिए सभी तत्वों का  मिश्रण तैयार कर लिया जाता है, जिसके बाद इस मिश्रण को समय-समय पर पानी में उग रहे पौधों को दिया जाता है।

कैसे की जाती है हाइड्रोपोनिक खेती 

हाइड्रोपोनिक खेती करने के लिए ऐसी वस्तु और जगह लेनी होती है जहां आप पानी के बहाव को अच्छी तरह चला सकें। हम पाइप का उदाहरण लेकर आपको इसके बारे में समझाते हैं। पाइप में कितने पौधे लगाने हैं उसके अनुसार छेद करके उसमें पौधे लगाए जाते हैं, जिसकी जड़ पाइप के अंदर रखनी होती है। जड़ को पानी के अंदर इसलिए रहने दिया जाता है ताकि पानी में रहते हुए पौधों को पोषक तत्व दिए जाए। फिलहाल इस तरह की खेती का उपयोग छोटे पौधों वाली फसल उगाने के लिए हो रहा है। आने वाले समय में इसमें नए बदलाव होना संभव है।

कौन सी सब्जियां उगा सकते हैं -

जैसा कि हमने बताया कि फिलहाल छोटे पौधों वाली फसल को उगाया जा रहा है, जिनमें मिर्च, मटर, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, गाजर, ककड़ी, मूली, तुलसी, आलू, आदि शामिल हैं। यहां बताए गए पौधों के अलावा भी कई और पौधों को उगाया जा सकता है। यह तकनीक धीरे-धीरे विकास कर रही है।

कितनी लागत के साथ कर सकते हैं हाइड्रोपोनिक खेती 

अब आपके मन में सवाल होगा कि हम इस तरह की खेती को कितनी लागत में कर सकते हैं। तो आपको बता दें कि आप 50 से 60 हजार लगाकर इस खेती की शुरुआत कर सकते हैं। इस खेती को करने के लिए आप को शुरुआत में 100 वर्ग फीट की जगह का इस्तेमाल करना होगा। लेकिन आपकी जरूरत और खेती करने के लक्ष्य के ऊपर निर्भर होगा कि आप कितनी बड़ी जमीन और कितना पैसा लगाकर अपने इस हाइड्रोपोनिक खेती के व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते हैं। प्रति एकड़ की लागत की बात की जाए तो करीब 50 लाख की लागत का उपयोग कर यह खेती करनी होगी।

हाइड्रोपोनिक खेती की अच्छाइयां 

हाइड्रोपोनिक खेती करके आप पानी की बचत कर सकते हैं। इस तरह की खेती में करीब 90 फ़ीसदी पानी बच जाता है, साथ ही जमीन भी कम लगती है। कम जमीन पर अधिक पौधे लगाकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सबसे बड़ा लाभ यह भी है कि पौधों को मिलने वाले पोषक तत्व बिना गुणवत्ता खोए पौधों तक पहुंचते हैं। जिसकी मदद से पौधे अच्छी तरह उगते हैं और गुणवत्ता वाली फसल प्रदान करते हैं।