Google ने भारत में फ्रॉड डिटेक्शन पायलट लॉन्च किया
News Synopsis
साइबरक्राइम की रेट बढ़ने के साथ ही कंपनियाँ अपनी साइबरसिक्योरिटी स्ट्रेटेजीज में डेवलपमेंट ला रही हैं। इस रेस में गूगल भी एक्सेप्शन नहीं है। 3 अक्टूबर को टेक दिग्गज ने घोषणा की कि वह भारत में फ्रॉड डिटेक्शन पायलट लाएगा। फ्रॉड डिटेक्शन पायलट पहले ग्लोबल मार्केट्स के लिए लॉन्च किया गया था। अब यह इंडियन यूजर्स के लिए भी उपलब्ध होगा।
Indian Cyber Crime Coordination Centre के अनुसार 2024 के पहले चार महीनों में इंडियंस ने साइबर क्रिमिनल्स के कारण ₹1,750 करोड़ (212 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक) से अधिक का नुकसान उठाया है। इसलिए इससे निपटने के लिए गूगल भारत में अपना फ्रॉड डिटेक्शन पायलट ला रहा है।
Introducing fraud detection pilot
Google ने कहा कि वे अपडेटेड फ्रॉड प्रोटेक्शन के साथ Google Play Protects सुरक्षा का विस्तार कर रहे हैं। टेक दिग्गज कंपनी का लक्ष्य फ्रॉड डिटेक्शन पायलट लाकर आपको सुरक्षित रखना है। फ्रॉड प्रोटेक्शन सस्पीशियस ऐप को स्कैन, एनालाइज और आटोमेटिक रूप से ब्लॉक कर देगा। उदाहरण के लिए आप कोई ऐप इंस्टॉल करते हैं, और फीचर को यह सस्पीशियस लगता है, तो यह ऐप को इंस्टॉल होने से रोक देगा। साथ ही ऐप डाउनलोड नहीं होगा। भले ही आप बाद में उसे डाउनलोड करने की कोशिश करें, आपको ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा फ्रॉड प्रोटेक्शन उन ऐप्स को भी ब्लॉक कर देगी जो ‘asking for sensitive data’ के लिए प्रोन हैं। यह रियल-टाइम में ऐप्स की अनुमतियों का एनालाइज करेगा। यह मुख्य रूप से उन अनुमतियों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिनका पहले धोखेबाजों द्वारा दुरुपयोग किया गया है। इनमें मुख्य रूप से नोटिफिकेशन या एसएमएस के माध्यम से भेजे गए वन-टाइम पासवर्ड शामिल हैं। जैसे ही पायलट काम करना शुरू करता है, यह बिना किसी स्पष्टीकरण के अपने आप ऐप को ब्लॉक कर देगा।
पायलट उन ऐप्स को भी ट्रैक कर सकता है, जो आपके डिवाइस को अवैध रूप से ट्रैक करने की क्षमता रखते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपके डिवाइस में कोई समस्या आती है, और धोखेबाज़ (गाइड होने का दिखावा करते हुए) रिमोट मॉनिटरिंग का उपयोग करता है, तो यह तुरंत धोखाधड़ी की पहचान कर सकता है, और उसे ब्लॉक कर सकता है। फ्रॉड डिटेक्शन पायलट अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। यह Google Play सर्विस वाले सभी Android यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा।
Other safety upgrades
इसके अलावा शुरुआत में फ्रॉड प्रोटेक्शन पायलट थाईलैंड, ब्राजील और सिंगापुर में शुरू किए गए थे। टेक दिग्गज ने अकेले सिंगापुर में लगभग 900,000 हाई-रिस्क वाले प्रतिष्ठानों को ब्लॉक करने का दावा किया है।
इसके अलाव पिछले साल Google ने Google Play Protect रियल-टाइम स्कैनिंग लॉन्च की थी। यह सिक्योरिटी सिस्टम हर दिन अलग-अलग डिवाइस पर लगभग 200 बिलियन ऐप्स को स्कैन करती है। Google ने कहा कि इस टूल ने ग्लोबल स्तर पर लगभग 10 मिलियन दुर्भावनापूर्ण ऐप्स की पहचान करने में मदद की।