CNG-PNG: प्राकृतिक गैस के लिए तय हो सकती मूल्य सीमा

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CNG-PNG: प्राकृतिक गैस के लिए तय हो सकती मूल्य सीमा
28 Nov 2022
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News Synopsis

CNG-PNG: सीएनजी और पीएनजी CNG and PNG को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है, क्योंकि इनकी कीमतों में नरमी price moderation देखने को मिल सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र Natural Gas की कंपनियों के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा तय की जा सकती है। किरीट पारेख kirit parekh की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति इसकी सिफारिश कर सकती है। जबकि, मुश्किल क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को नहीं बदला जाएगा। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए  बताया कि किरीट पारेख समिति को भारत में गैस-आधारित अर्थव्यवस्था  transparent and reliable pricing regime को बढ़ावा देने के लिए बाजार-उन्मुख market-oriented, पारदर्शी और भरोसेमंद मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने का काम सौंपा गया था।

अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए समिति दो अलग-अलग मूल्य निर्धारण व्यवस्था का सुझाव दे सकती है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन Oil and Natural Gas Corporation (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड Oil India Limited (ओआईएल) के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली गैस के लिए मूल्य सीमा तय करने की सिफारिश की जा सकती है। इन क्षेत्रों में लंबे समय से लागत वसूली जा चुकी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कीमतें उत्पादन लागत से नीचे नहीं गिरेंगी, जैसा कि पिछले साल हुआ था। या मौजूदा दरों की तरह रिकॉर्ड ऊंचाई तक भी नहीं बढ़ेंगी।

वहीं मूल्य निर्धारण की यह व्यवस्था रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड Reliance Industries Limited के केजी-डी6 क्षेत्र और ब्रिटेन UK की इसकी भागीदार बीपी पीएलसी BP PLC के मुश्किल क्षेत्रों पर लागू होती है। मुश्किल क्षेत्रों के लिए दरें एक अक्टूबर से 12.46 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (प्रति इकाई) हैं। योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारेख की अध्यक्षता वाली समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही है। अधिकारियों ने कहा कि इसे अगले कुछ दिनों में सरकार को सौंप दिया जाएगा।

 

LAST UPDATE- 01 Oct 2022

Gas Prices Hiked: गैस के दाम में रिकॉर्ड 40 फीसदी की बढ़ोतरी, CNG-PNG पर होगा असर

वैश्विक स्तर Global Level पर छाए मंदी की आशंका के बीच सरकार ने शुक्रवार को गैस के दामों Gas Prices में रिकॉर्ड स्तर Record Levels पर 40 फीसदी का इजाफा कर दिया है। तेल मंत्रालय Ministry of Oil के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ Petroleum Planning and Analysis Cell के आदेश के अनुसार पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की गई दर, जो देश में उत्पादित सभी गैस का लगभग दो-तिहाई है, उसे मौजूदा 6.1 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट British Thermal Unit कर दिया गया है।

इसका असर साफ तौर पर सीएनजी और पीएनजी उपभोक्ताओं CNG and PNG Consumers पर दिखेगा। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड Reliance Industries Limited और उसके सहयोगी बीपी पीएलसी संचालित केजी बेसिन में डीपसी डी6 ब्लॉक जैसे कठिन और नए क्षेत्रों से गैस की कीमत 9.92 अमेरिकी डॉलर US Dollar से बढ़ाकर 12.6 अमेरिकी डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी। प्रशासित/विनियमित क्षेत्रों (जैसे मुंबई तट पर ओएनजीसी के बेसिन क्षेत्र) और मुक्त बाजार क्षेत्रों (जैसे केजी बेसिन) के लिए ये उच्चतम दरें हैं।

साथ ही अप्रैल 2019 के बाद से दरों में यह तीसरी वृद्धि है और बेंचमार्क अंतर्राष्ट्रीय कीमतों Benchmark International Prices में मजबूती के कारण हुई है। गैस, उर्वरक बनाने के साथ-साथ बिजली पैदा करने के काम भी आती है। इसे सीएनजी में भी बदला जाता है और खाना पकाने के लिए घरेलू रसोई में इस्तेमाल किया जाता है। कीमतों में भारी वृद्धि से अब सीएनजी और पाइप्ड नेचुरल गैस CNG and Piped natural gas (पीएनजी) के दामों में भी भारी बढ़ोतरी होगी  जो पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।