पृथ्वी दिवस: Invest in Our Planet
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धरती की उत्पत्ति 4.6 अरब वर्ष पहले हुई थी और आज की धरती और आज से 200 साल पहले की धरती में बहुत फर्क है। धरती से पेड़-पौधे दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं, जिसके कारण धरती का तापमान बढ़ता ही जा रहा है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्र का स्तर लगभग 1.5 मीटर तक बढ़ जाएगा। इन्हीं सब कारणों की वजह से हमें सिखाया जाता है कि पृथ्वी को सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। पृथ्वी दिवस को दुनिया भर में एक त्योहार की तरह मनाया जाने लगा है और एक अरब से ज्यादा लोग आज अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसा ज़रूर शामिल करते हैं, जिससे पृथ्वी को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है।
अप्रैल बहार का मौसम होता है। इस वक्त पेड़, फूलों और फल से लदे होते हैं, नदियां पानी से लबालब भरी होती हैं, लेकिन क्या हमेशा ऐसा ही रहेगा?
अपने स्वार्थ में मानव पृथ्वी का ख्याल नहीं रख रहा है और आज के दौर में पृथ्वी को सबसे ज्यादा खतरा मानव से ही है। ये बात तो हम सब जानते हैं कि पृथ्वी के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है लेकिन ठीक उसी तरह से पृथ्वी को भी हमारी उतनी ही ज़रूरत है। पृथ्वी प्रदूषण के बढ़ते बोझ तले दबती जा रही है और इस वजह से उसे काफी नुकसान पहुंच रहा है और इसके जिम्मेदार सिर्फ हम सब हैं।
पृथ्वी को स्वच्छ, साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 22 अप्रैल को दुनिया भर में अर्थ डे Earth day मनाया जाता है। इस दिन लोगों को पृथ्वी के महत्व और ग्लोबल वार्मिंग Global warming के बारे में बताया जाता है और पृथ्वी को स्वच्छ, साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जागरूक किया जाता है क्योंकि जब तक जल, जमीन और जंगल रहेंगे, तभी तक हम रहेंगे।
पृथ्वी दिवस का इतिहास History of Earth day
पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 22 अप्रैल, 1970 से हुई जब सितम्बर 1969 में सिएटल, वाशिंगटन के एक सम्मेलन में विस्कोंसिन के अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन Gaylord Nelson ने घोषणा की, कि 1970 के अप्रैल के समय यानी की वसंत में पर्यावरण पर राष्ट्रव्यापी जन साधारण प्रदर्शन किया जायेगा। इस राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन में अमेरिका के कई स्कूल और कॉलेजों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और इस सम्मेलन में करीब 20 हजार से भी ज्यादा लोग इक्कट्ठा हुए।
जिस तरह से पृथ्वी दिन-प्रतिदिन दूषित हो रही है, वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ती जा रही है क्योंकि अगर इसी तरह से पृथ्वी प्रदूषित होती रहेगी तो एक दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी से पेड़-पौधे, जंगल सहित जीव-जन्तु सब विलुप्त हो जाएंगे। इस बात को मद्देनजर रखते हुए 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 172 देशों ने रियो सम्मेलन का आयोजन किया और इसीलिए इसे पृथ्वी सम्मेलन भी कहा जाता है। इस सम्मेलन को एजेंडा-21 Agenda-21 नाम दिया गया।
पृथ्वी दिवस थीम 2022 Earth Day Theme 2022
संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को United Nations and UNESCO द्वारा हर वर्ष पृथ्वी दिवस के लिए एक थीम theme जारी की जाती है। इस थीम के माध्यम से लोगों तक ये बात पहुंचायी जाती है कि धरती हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है और प्रदूषण pollution उसका सबसे बड़ा दुश्मन है और अगर हम इसी तरह से पृथ्वी को प्रदूषित करते रहेंगे तो हमारा जीवन जीना कठिन हो जायेगा। इस बार पृथ्वी दिवस की थीम है- इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट (Invest in our planet). यह थीम ये संदेश देती है कि अब समय आ गया है, जब हम हमारे स्वास्थ्य, हमारे परिवारों, हमारी आजीविका और हमारी धरती में निवेश करें यानी उसे संरक्षित करें।
धरती की उत्पति the origin of the earth 4.6 अरब वर्ष पहले हुई थी और आज की धरती और आज से 200 साल पहले की धरती में बहुत फर्क है। धरती से पेड़-पौधे दिन-प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं, धरती का तापमान बढ़ता ही जा रहा है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्र का स्तर लगभग 1.5 मीटर तक बढ़ जाएगा। इन्हीं सब कारणों की वजह से हमें सिखाया जाता है कि पृथ्वी को सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।
आज पृथ्वी दिवस को दुनिया भर में एक त्योहार की तरह मनाया जाने लगा है और एक अरब से ज्यादा लोग आज अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसा ज़रूर शामिल करते हैं, जिससे पृथ्वी को स्वच्छ करने में मदद मिलती है।
ग्लोबल वार्मिंग है बड़ी चुनौती
वैज्ञानिकों का कहना है कि 2085 तक मालदीव पूरी तरह से जलमग्न हो सकता है और इसका कारण है ग्लोबल वार्मिंग। आज ग्लोबल वार्मिंग पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जिस तरह से समुद्र का जलस्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है, वो दिन भी अब दूर नहीं है जब ग्लेशियर्स के पिघलने की वजह से पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी।
ब्लू प्लेनेट को फिर से ब्लू प्लेनेट बनाना होगा
पृथ्वी एक बहुत ही सुंदर ग्रह है। इसका एक बड़ा भाग पानी से ढका हुआ है और इसी वजह से इसे ब्लू प्लेनेट blue planet भी कहा जाता है लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अब इस सुंदर ग्रह को खतरा है। आइए जानते हैं कि पृथ्वी को बचाने में आप कैसे अपना सहयोग दे सकते हैं-
1. पेड़-पौधे लगाएं
पेड़ों की कटाई deforestation होने की वजह से पर्यावरण स्वच्छ नहीं हो पा रहा है और जब यही पेड़-पौधे ऑक्सीजन छोड़ते हैं, तो हम जीवित रह पाते हैं इसीलिए आसपास पेड़-पौधे लगाएं। आप घर की बालकनी, बगीचे और आस पास के इलाकों में पेड़-पौधे लगा सकते हैं।
2. प्लास्टिक बैग्स की जगह सस्टेनेबल बैग्स का इस्तेमाल करें
अक्सर हम मॉल्स या किसी दुकान पर जाते हैं तो वहां पर सामान रखने के लिए प्लास्टिक बैग्स मांगते हैं, पर आप खुद का कोई सस्टेनेबल बैग sustainable bag भी तो मॉल्स या शॉप पर ले जा सकते हैं। अगर पृथ्वी को बचाना है तो इतना तो आपको करना ही होगा क्योंकि ऐसा करने से आप स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचा पाएंगे।
प्लास्टिक बैग्स के 5 विकल्प
- हेम्प बैग्स Hemp bags
- कॉटन बैग्स Cotton bags
- जूट बैग्स Jute bags
- पेपर बैग्स Paper bags
- बैंबू बैग्स Bamboo bags
ये सारे बैग्स बेहद स्टाइलिश, सस्टेनेबल और टिकाऊ होते हैं और प्लास्टिक बैग की तरह जल्दी खराब नहीं होते हैं इसीलिए आप प्लास्टिक बैग्स की जगह इन बैग्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दें।
3. साइकिल का इस्तेमाल करें
पर्यावरण को संरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है, कार और बाइक की जगह साइकिल का इस्तेमाल करना। कई लोग अपने अस्वस्थ रहने का कारण देते हैं कि उनके पास एक्सरसाइज करने का समय नहीं है लेकिन अगर आप कार और बाइक की जगह साइकिल का इस्तेमाल करना शुरू कर दें तो आपकी पूरी बॉडी की एक्सरसाइज भी हो जाएगी और आप पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान भी दे पाएंगे।
4. प्लास्टिक बॉटल्स का इस्तेमाल ना करें
प्लास्टिक के उत्पादन में काफी जीवाश्म ईंधन लगता है और प्लास्टिक को रिसाइल करने में भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इन सबसे बचने के लिए आप कम से कम प्लास्टिक बॉटल्स और पॉलीथिन का इस्तेमाल करें और अगर आप प्लास्टिक बॉटल्स और पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे इधर-उधर ना फेंके। खासकर सड़क और नदियों में तो इन्हें बिल्कुल भी ना फेंकें। आप इन्हें दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। आज कल तो लोग प्लास्टिक बॉटल्स की मदद से डेकोरेटिव आइटम्स भी बना लेते हैं। प्लास्टिक बॉटल्स की मदद से डेकोरेटिव आइटम्स बनाने के लिए आप यू ट्यूब की मदद ले सकते हैं।
पर्यावरण को बचाने का एक और सबसे अच्छा तरीका है, सस्टेनेबल लाइफस्टाइल sustainable lifestyle अपनाना। सस्टेनेबल लाइफस्टाइल को अपनाना कठिन नहीं है, आपको बस ध्यान देना है कि आपको जो भी संसाधन मिले है उसका आपको सोच समझकर इस्तेमाल करना है। आइए जानते हैं कि आप सस्टेनेबल लाइफस्टाइल कैसे अपना सकते हैं-
1.पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का इस्तेमाल करें।
2. पानी की बचत करें।
3. पेपर का कम इस्तेमाल करें।
4. सिंगल यूज प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल ना करें।
5. फूड वेस्टेज ना करें।
6. सस्टेनेबल कपड़े पहनें।
7. इलेक्ट्रिसिटी की बचत करें।
8. रिसाइकिल और कम्पोस्ट करें
पृथ्वी दिवस कैसे मनाएं?
1. आज के दिन कार या बाइक का इस्तेमाल ना करें और अगर ज़रूरत है तो साइकिल का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आप पेट्रोल बचा पाएंगे और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने में अपना योगदान भी दे पाएंगे।
2. ज्यादा से ज्यादा लोगों को सस्टेनेबल लाइफस्टाइल अपनाने का तरीका बताएं। आप सोशल मीडिया की मदद से ये बात लोगों तक पहुंचा पाएंगे।
3. रिसाइकिल बिन का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को जागरूक करिए और इसे बनाना सीखिए।
4. अपने आस-पास के इलाके में पेड़ लगाइए और अगर पेड़ लगाने की जगह नहीं है तो पौधे लगाइए।
5. खुद से वादा करिए कि आप वो सारे स्टेप्स लेंगे जिनकी मदद से पृथ्वी को कम नुकसान पहुंचे।
निष्कर्ष
पृथ्वी दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकति को संरक्षण देना है। पृथ्वी पर प्रकति का संतुलन बनाए रखने के लिए और आने वाली पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संपत्ति व संसाधनों को बचाए रखने के लिए लोगों को जागरूक करना बहुत ज़रूरी है। पूरे ब्रह्मांड में धरती ही ऐसा ग्रह है, जहां जीवन है। धरती ही ऐसा ग्रह है जहां जल है, जीवन है, नदियां हैं, झरने हैं, पहाड़ हैं, वन हैं, और अनेक जंतु प्रजातियां हैं। लोगों का ये समझना ज़रूरी है कि पृथ्वी हमारा घर है और अपने घर को कोई नष्ट नहीं करता है।
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