अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में साइबर सुरक्षा जोखिम

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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में साइबर सुरक्षा जोखिम
04 Dec 2021
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आज के समय में हर कंपनी जिसके डिजिटल उत्पाद जो अंतराष्ट्रीय सीमा पार करते हैं, उसे एक प्रभावी साइबर सुरक्षा शासन योजना लागू करनी चाहिए।  जो technology, geopolitical relationships, government capability, market reputation, and public-private collaborations को संतुलित करती है। यदि इस तरह की सुरक्षा किसी देश में अभी तक नहीं मौजूद  हैं, तो वहां के अधिकारियों को सुरक्षा की तैयारी में खुद को प्रशिक्षित trained करना चाहिए। सभी कंपनियां जो अंतरराष्ट्रीय डिजिटल उत्पाद international प्रदान करती हैं या उन पर भरोसा करती हैं, उन्हें भविष्य में कभी न कभी  साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ेगा। 

डिजिटल ट्रेड trade सभी कंपनियों के लिए बहुत ही आवश्यक है। लेकिन इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट side effect भी होते हैं।  व्यापार, जब कंप्यूटर में मौजूद इंटरनेट digital business से होता है और जिसका लेंन-देंन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है, तब ऐसी स्थिति में साइबर क्राइम होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे व्यापार में डिजिटल उत्पाद product के जरिये बहुत बार निजता privacy का हनन होता है, इसलिए ऐसे डिजिटल उत्पाद सुरक्षा के मानकों के अधीन हैं। किसी भी डिजिटल उत्पाद का व्यापार करने वाली कंपनियों को साइबर क्राइम cyber crime  से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए अन्यथा वह अपने उपयोगकर्ता की  निजता को जोखिम में डाल रहे होते हैं। ऐसे में कंपनी की साख credibility खतरे में पड़ सकती है और उसे भारी नुक्सान उठाना पड़ सकता है। 

जोखिमों का ठीक से पता न करने का अर्थ है मुसीबतों का सामना करना। उदाहरण के लिए, जर्मनी ने 2017 में यूएस-निर्मित वॉयस-एक्टिवेटेड "माई फ्रेंड, केला" डॉल Crypto AG, a manufacturer of encryption device की बिक्री और स्वामित्व दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था, इस आधार पर कि इसमें एक गुप्त निगरानी उपकरण था जो जर्मन संघीय German गोपनीयता नियमों का उल्लंघन करता था और इसका व्यक्तिगत डेटा personal data एकत्र कर इसका इस्तेमाल जासूसी करने के लिए किया जा सकता था। Huawei के 5G उपकरण ने चिंता जताई है कि चीनी सरकार महत्वपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क की निगरानी के लिए जाल बिछा सकती है, इसके जवाब में कई देशों ने Huawei के 5G उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

यह सिर्फ उदाहरण हैं जो वास्तविक चिंताओं को प्रकट करते हैं। एन्क्रिप्शन उपकरणों के निर्माता "क्रिप्टो एजी" का स्वामित्व यूएस सीआईए US CIA और जर्मन बीएनडी BND के पास था। 1970 से 2018 तक एजेंसियों ने सहयोगियों और दुश्मनों के एन्क्रिप्टेड संदेशों की निगरानी के लिए उपकरण के जरिये छिप कर उनके निजता का हनन किया। 

तकनीकी रूप से कहें तो, अंतरराष्ट्रीय डिजिटल उत्पादों में निहित साइबर सुरक्षा जोखिम सभी राज्यों के लिए समान हैं। लेकिन सरकारें इन चिंताओं को दूर करने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपनाती हैं, जैसे आयात सीमाओं export border को लागू करना। कंपनियों को अपनी अंतरराष्ट्रीय डिजिटल रणनीति के बारे में सोचते समय इन महत्वपूर्ण कारकों पर भी विचार करना चाहिए। नतीजतन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने वाली कंपनियों को इस तरह के जोखिम से बचने की आवश्यकता होती है। इसलिए, केवल तकनीकी विचार ही नीतियों  को आकार नहीं देते हैं। 

सरकार के द्वारा साइबर सुरक्षा जोखिमों को प्रबंधित करना चाहिए  जैसे: साइबर सुरक्षा पर कानून और regulation साइबर सुरक्षा cyber security को लागू करने वाले संगठन organization, एजेंसियों agency, फर्मों firms आदि कानून। कुछ देशों countries की सरकारें government  उच्च साइबर सुरक्षा क्षमता पर जोर देती हैं। 

आज के समय में हर कंपनी जिसके डिजिटल उत्पाद जो अंतराष्ट्रीय सीमा पार करते हैं, उसे एक प्रभावी साइबर सुरक्षा शासन योजना लागू करनी चाहिए।  जो technology, geopolitical relationships, government capability, market reputation, and public-private collaborations को संतुलित करती है। यदि इस तरह की सुरक्षा किसी देश में अभी तक नहीं मौजूद  हैं, तो वहां के अधिकारियों को सुरक्षा की तैयारी में खुद को प्रशिक्षित trained करना चाहिए। सभी कंपनियां जो अंतरराष्ट्रीय डिजिटल उत्पाद international प्रदान करती हैं या उन पर भरोसा करती हैं, उन्हें भविष्य में कभी न कभी  साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ेगा।