व्यवसाय का सूरज, सूरजमुखी
Blog Post
सूरजमुखी अनेक गुणों से परिपूर्ण है। इसकी बाजार में ज्यादा खपत रहती है इसलिए इसकी खेती करके मनुष्य अपने लिए व्यवसाय का अच्छा रास्ता खोल सकता है। सूरजमुखी के बीज से लेकर फूल, यहाँ तक इसके जड़ भी लाभदायक होते हैं। अपने अंदर मौजूद खूबियों से यह व्यक्ति को प्रत्येक रूप में फायदा पहुंचाता है। सूरजमुखी की खेती बड़ी सरलता से लोगों के जीवन को स्वस्थ और सरल बनाती है।
प्रकृति खुद को सुचारु रूप से चलाने के लिए ऐसे संसाधन उपलब्ध रखती है, जो उसके व्यवस्थित ढंग से चलते रहने की क्रिया में भाग लेते हैं। विश्व में प्राकृतिक चीजों का भंडार है, जिसके आधार पर दुनिया बिना कृत्रिम वस्तुओं के निर्माण के भी जीवन निर्वाह आसानी से कर सकती है। मनुष्य की आकांक्षाएं दुनिया को कृत्रिमता की ओर ले गयी अन्यथा प्रकृति ने अन्य प्राणियों के साथ-साथ मनुष्यों को किसी भी संसाधन से वंचित नहीं रखा। उसका नतीजा यह है कि हम मनुष्य उन्हीं प्राकृतिक संसाधन से कृत्रिम संसाधनों की नई-नई तकनीकियों को विकसित कर पाए हैं, जिसमें पौधों की खेती भी एक सुव्यवस्थित व्यवसाय के रूप में उभरा है। जैसा कि आपने अनुभव किया होगा कि दुनिया में ऐसे कई पौधे हैं जो खूबसूरत होने के साथ कई गुणों से भी भरे होते हैं, तथा मनुष्यों के द्वारा नवीन तकनीक से खेती करके अन्य फूलों की उपज पैदा की गयी है जो दुनिया भर में कई रूप में इस्तेमाल किये जाते हैं। परन्तु कहते है ना प्रकृति से बड़ा कुछ भी नहीं। हम मनुष्य कितना भी प्रकति को बदलने का प्रयास करें मगर कुछ चीजें वस्तुतः बदली नहीं जा सकती। जिसका जीता-जगता उदहारण है सूरजमुखी का फूल। सूरजमुखी का फूल उस श्रेणी में आता है जो देखने में सुन्दर होने के साथ-साथ अनेक गुणों से भरा हुआ है। प्रत्येक दिन, प्रत्येक क्षण, समय के साथ-साथ सूरज का दिशा परिवर्तित करना सूरजमुखी के फूल को उन्मुक्तता की चादर में लपेटता है। यह एक खूबसूरत दृश्य होता है जो कि हमारे भाव को वास्तविकता में परिवर्तित करता है। सूरजमुखी में इतना कुछ होने के बाद भी बहुत कम लोग जानते हैं कि इसकी खेती से हम कितने फायदे होते हैं।
सूरजमुखी का हर भाग फायदेमंद
सूरजमुखी का उपयोग कई रूपों में किया जाता है। खाना बनाने में तेल के रूप में सूरजमुखी के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इसके बीजों को नाश्ते के लिए उपयोग में लाया जाता है। सूरजमुखी के बीज पक्षियों का पसंदीदा भोजन होते हैं। खास तौर पर गाना गाने वाले पक्षियों जैसे कि बुलबुल और गौरेया के। सूरजमुखी के पौधे फूलों के रूप में सजावट के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं तथा किसी को तोहफे में भी दिए जाते हैं। सूरजमुखी फूल के पत्तों को सूखाकर उससे रंग भी बनाये जाते हैं। सूरजमुखी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पौधे की जड़ नाभिकीय विकिरण को रोकने का काम करती है। सूरजमुखी की विश्व में कई रूपों में खपत होती है। सूरजमुखी को उगाने का काम किसी भी व्यक्ति को अच्छा व्यवसाय दे सकता है।
भारत में तेल का प्रमुख स्रोत सूरजमुखी
भारत देश में सूरजमुखी वनस्पति तेल का प्रमुख स्रोत है। इसके कारण ही सूरजमुखी को हिंदुस्तान में ज्यादा पहचान मिली है। यह एक तिलहन की फसल है और भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। देश के प्रत्येक घर में वनस्पति तेल के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह मनुष्य के स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखता है।
इसकी खेती मुख्यतः उपशीतोष्ण स्थानों पर की जाती है, परन्तु यह किसी भी मौसम में उगाई जा सकती है। पौधों की वृद्धि के लिए इसको परिवर्तनशील जलवायु की आवश्यकता होती है। बसंत के समय पर इसकी खेती 100 -110 दिन में परिपक्व होती है, रबी के समय में यह 105 -130 दिन में परिपक्व होती है तथा खरीफ के समय में इसको 80-90 दिन का समय लगता है।
मिट्टी में नमी होना सूरजमुखी के फसल के लिए आवश्यक
सूरजमुखी के बीज को किसी भी समय में बोया जा सकता है, सिवाय ठंड के मौसम के। इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी में खरपतवार एकदम नहीं होना चाहिए। मिट्टी की जुताई दो से तीन बार करनी होती है। एक बार मोल्डबोर्ड से और दो बार सामान्य हल से। इसके बाद मिट्टी में मौजूद कूड़े को निकाल दीजिये। बीज को बोने से पहले यह ध्यान रखें कि जमीन में पर्याप्त मात्रा में नमी मौजूद हो, क्योंकि सूरजमुखी के बीज की ऊपरी परत मोटी होती है, उसे अंकुरित होने में समय लगता है। ऐसे बीज का उपयोग करें जो संस्थाओं द्वारा प्रमाणित हों। बीज को रोपित करते वक़्त यह ध्यान रखें कि दो पौधों के बीच 20 सेंटीमीटर का अंतर आये। यदि अंकुरण के बाद पौधों के बीच इतनी दूरी नहीं है तो अतिरिक्त पौधों को उखाड दें वरना फसल की उपज अच्छी नहीं होगी। पौधों की मजबूती के लिए इसे थोड़ी गहराई में लगा सकते हैं। सूरजमुखी के पौधे उर्वरक के आधार पर प्रतिक्रिया देते हैं। यदि अधिक खाद और उर्वरक का इस्तेमाल किया जाता है तो पौधे ज्यादा उपज देते हैं।
सूरजमुखी को पक्षियों से ज्यादा नुकसान
सूरजमुखी के पौधे को पंक्षियों से ज्यादा नुकसान होता है। पौधे में बीज लगने के बाद से जब तक फसल की कटाई नहीं की जाती तब तक पौधों को पक्षियों से बचाना होता है। सूरजमुखी ऐसा पौधा है जिसे पक्षियों से सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचता है। पक्षी इसके बीज को खा जाते हैं और इसके आलावा फूल को भी नुकसान पहुंचते हैं। सुबह और शाम के समय में पक्षी फसल को अधिकतम नुकसान पहुंचाते हैं। खरीफ के समय इसे केवल एक सिंचाई की आवश्यकता होती है, रबी की फसल में तीन और गर्मी के समय अपेक्षाकृत अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।
प्रति हेक्टेयर 20 क्विंटल की उपज लाभदायक
जब फसल पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है तो कटाई के समय यह ध्यान रखें कि जमीन में कम से कम नमी मौजूद हो। फसल काटने के बाद उसे पूरी तरह से सूखने के लिए रख दें। जब फूल सूख जायें तो डंडी से पीटकर उसके तत्वों को अलग कर लें। यदि आप सूरजमुखी के फसल से फायदा लेना चाहते हैं तो कोशिश करें कि प्रति हेक्टेयर 20 क्विंटल से अधिक पैदावार हो।
ध्यानपूर्वकक करें फसल की कटाई
फसल काटते समय भी ध्यानपूर्वक फसल की कटाई करें, क्योंकि इस समय फसल को अधिक नुकसान होता है। आप थ्रेसिंग और ग्रेडिंग का तरीका अपना सकते हैं। भण्डारण के समय भी यह ध्यान रखें कि इसे नमी से दूर रखा जाये। इसके विपणन में अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि पूरे विश्व में इसकी बहुत मांग रहती है।
You May Like