BharatPe ने सिक्योर डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए 'Shield' लॉन्च किया
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फिनटेक मेजर भारतपे BharatPe ने अपने यूजर्स को डिजिटल ट्रांजैक्शन फ्रॉड का शिकार होने से बचाने के लिए एक नई पहल ‘शील्ड’ लॉन्च की है।
कंपनी ने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत भारतपे ऐप के साथ अपना पहला यूपीआई ट्रांजैक्शन करने वाले यूजर्स को 5,000 रुपये तक की राशि के लिए 30 दिनों की पूरक फ्रॉड प्रोटेक्शन मिलेगी।
इसने कहा कि ‘शील्ड’ सर्विस भारतपे ऐप के माध्यम से अपना पहला यूपीआई ट्रांजैक्शन करने वाले यूजर्स के लिए फ्री उपलब्ध होगी और शुरुआती 30-दिन के फ्री ट्रायल के बाद वे 19 रुपये प्रति माह के मामूली चार्ज पर सर्विस जारी रख सकते हैं।
2018 में स्थापित भारतपे का दावा है, कि उसके पास 450 शहरों में 1.3 करोड़ से अधिक मर्चेंट्स का रजिस्टर्ड नेटवर्क है। स्टार्टअप ने एनबीएफसी के साथ साझेदारी में अब तक 12,400 करोड़ रुपये से अधिक के लोन वितरित करने की सुविधा प्रदान की है।
फिनटेक यूनिकॉर्न अपने यूजर्स को एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और विभिन्न डिजिटल सर्विस प्रदान करता है, और ट्रांजैक्शन और सर्विस फीस और अलाइड पेमेंट से रेवेनुए अर्जित करता है। यह अपने फाइनेंसिंग पार्टनर्स के लिए एक लेंडिंग सर्विस प्रोवाइडर के रूप में कार्य करता है, और अपने मर्चेंट्स को डिजिटल सर्विस भी प्रदान करता है।
भारतपे के सीईओ नलिन नेगी Nalin Negi CEO at BharatPe ने कहा "भारतपे में ऑनलाइन फ्रॉड से कंस्यूमर ट्रांजैक्शन की सुरक्षा हमेशा प्रायोरिटी रही है। भारतपे शील्ड की शुरुआत के साथ हम अपने यूजर्स को फ्रॉड प्रोटेक्शन प्लान के साथ सशक्त बना रहे हैं, जो उनके एवरीडे के ट्रांजैक्शन को सुरक्षित करता है। यह हमारे कस्टमर्स के लिए UPI इकोसिस्टम की सिक्योरिटी को मज़बूत करने की दिशा में एक और कदम है।"
यह डेवलपमेंट भारतपे द्वारा कंस्यूमर पेमेंट क्षेत्र में कदम रखने के तीन महीने बाद आया है, जब उसने अपनी यूपीआई थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर सर्विस शुरू की थी।
यूपीआई टीपीएपी सर्विस एंड्रॉइड यूजर्स के लिए प्ले स्टोर पर उपलब्ध है, और भारतपे ने इस नई ऑफरिंग को सक्षम करने के लिए यूनिटी बैंक के साथ साझेदारी की है।
अक्टूबर में भारतपे का ऑपरेशन्स से कंसोलिडेटेड रेवेनुए FY24 में 39% बढ़कर 1,426 करोड़ रुपये हो गया, जो FY23 में 1,029 करोड़ रुपये था।
हाल ही में भारतपे ने अपने पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर के साथ दो साल से चल रहे कानूनी विवाद को सुलझा लिया है, जिससे दो साल से चल रही लड़ाई खत्म हो गई है।
इसने अब तक लगभग 830 मिलियन डॉलर की कुल फंडिंग जुटाई है, और इसके इन्वेस्टर्स में पीक XV, रिबिट कैपिटल और बीनेक्स्ट जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।