क्या आप खुश हैं?

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क्या आप खुश हैं?
09 Nov 2021
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ज़िंदगी में आपके साथ कई बार ऐसा होगा जब आप अकेले होंगे लेकिन इस बात की वजह से दुखी रहना गलत है। आपको अपने आप को इतना मजबूत बनाना होगा कि आप हर परिस्थिति में खुश रह सकें। अक्सर ऐसा होता है कि लोगों के पास उनकी पसंद का सब कुछ होता है फिर भी वे दुखी रहते हैं। अब आप बताइए क्या आप सचमुच खुश हैं या किसी बात को लेकर भीतर से बहुत दुखी हैं?

क्या आपने कभी नोटिस किया है कि कुछ लोग हर परिस्थिति में खुश रहते हैं वहीं कुछ लोग हमेशा दुखी और चिंतित रहते हैं। ज़िंदगी life में आपके साथ कई बार ऐसा होगा जब आप अकेले होंगे लेकिन इस बात की वजह से दुखी रहना गलत है। आपको अपने आप को इतना मजबूत बनाना होगा कि आप हर परिस्थिति में खुश रह सकें। अक्सर ऐसा होता है कि लोगों के पास उनकी पसंद का सब कुछ होता है फिर भी वे दुखी रहते हैं। अब आप बताइए क्या आप सचमुच खुश हैं या किसी बात को लेकर भीतर से बहुत दुखी हैं?

सिर्फ खुश रहने से ही आप बड़ी से बड़ी समस्याओं का सामना कर सकते हैं इसीलिए ये जरूरी है कि आप भी खुश रहने की कला को सीखें। आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ये जरूरी है कि आप हमेशा हस्ते मुस्कुराते रहें। चलिए जानते हैं कि आप अकेले रहते हुए भी सही मायने में कैसे खुश रह सकते हैं-

1.दूसरों की मदद करना ना भूलें

क्या आपको लोगों की मदद करना पसंद है? दूसरों की मदद करना कोई बहुत बड़ी बात तो नहीं है लेकिन ऐसा करने से आपको भावनात्मक संतुष्टि मिलेगी। कोशिश करें कि आप लोगों की मदद कर पाएं, जिनसे गलती हुई है उन्हें माफ कर पाएं और अपनी गलतियों को सुधार कर और बेहतर इंसान बन पाएं। 

2.अपने शौक के लिए समय निकालें

फिल्में और वेब सीरीज तो यूँ ही प्रसिद्ध हैं कि ये बेस्ट स्ट्रेस बस्टर हैं। सच कहें तो अपने शौक के लिए समय निकालना सबसे बेहतरीन स्ट्रेस बस्टर है। अगर आपको सिंगिंग, डांसिंग, बागवानी या किसी खेल का शौक है तो उसके लिए समय निकालना सीखें।

3.सोशल मीडिया को कम समय दें

सोशल मीडिया ने चीज़ों को आसान बनाया है और इस प्लेटफार्म की मदद से हमें काफी कुछ नया सीखने को मिलता है पर सोशल मीडिया पर कुछ लोग जरूरत से ज्यादा शो-ऑफ करते हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को दूसरे के पास जो चीज़ें हैं वे ज्यादा अच्छी लगने लगती हैं। अगर आप महसूस कर रहे हैं कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल से आप चिंतित और दुखी रहने लगे हैं तो सोशल मीडिया का इस्तेमाल कम कर दें। 

4.क्या आप अपनी तुलना दूसरों से करते हैं?

हम सब ऐसे माहौल में बड़े हुए हैं कि दूसरों से तुलना करना हमारे लिए बहुत सामान्य है। स्कूल में ग्रेड्स की तुलना, फिर किसे अच्छा कॉलेज मिला उसकी तुलना, नौकरी की तुलना, सैलरी की तुलना आदि, ये हम सब ने बचपन से ही देखा है। खुद की तुलना अपने दोस्त, फैमिली मेंबर और सहकर्मी से करने से आप बस दुखी होंगे क्योंकि आपको ऐसा लगेगा कि सबकी लाइफस्टाइल आपसे अच्छी है। 

खुद की खासियत को समझें और दूसरों से अपनी तुलना करना बंद करें।

5.सेल्फ केयर है बेहद जरूरी

क्या आपको याद कि आपने आखिरी बार कब अपने लिए समय निकाला था?

खुश रहने के लिए आपको सिर्फ खुद की जरूरत है इसीलिए सेल्फ केयर को इग्नोर ना करें। अपनी पसंदीदा ड्रेस पहनें, अपने पसंद का खाना बनाएं, किसी नई जगह पर घूमने जाएं और वह सब कुछ करें जिससे आपको खुशी मिलती है।

6.मोबाइल का उपयोग कम करें

कोशिश करें कि मोबाइल का उपयोग आप सीमित रूप से करें। आज की पीढ़ी मोबाइल से दूर नहीं रह पाती है और नए-नए फीचर्स में इतना डूब जाती है कि उनके पास खाने और सोने का भी समय नहीं होता है। मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल एक तरीके से आपको अनुशासनहीन बनाता है इसीलिए जरूरत पड़ने पर ही मोबाइल को इस्तेमाल में लाएं।

7.योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं

शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग को और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्राणायाम और ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।