कंपनी का नाम बदलने के फायदे और नुकसान
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व्यवसाय में कंपनी को रीब्रांडिंग करने हेतु नाम बदलना पड़ता है और इसके फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आपकी कंपनी का नाम बदलने के बाद उसके फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं।
हर उद्यमी इस बात को लेकर काफी विचार करते हैं कि अपनी कंपनी का नाम कैसे रखा जाए और इसे लेकर समय भी लेते हैं। किसी छोटे व्यवसाय को शुरू करने से पहले उसका नाम कैसे रख सकते हैं इस पर बड़े स्तर पर विचार किया जाता है। एक बार जब नाम चुन लिया जाता हैं तो अक्सर सोचते हैं कि वह अपनी कंपनी का नाम स्थाई रूप से रखेंगे, लेकिन हो सकता है कि चुना गया नाम कुछ समय बाद कंपनी के लिए सही साबित ना हो, जिसके कारण कई बार व्यवसाय में कंपनी को रीब्रांडिंग करने हेतु नाम बदलना पड़ता है। और इसके फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आपकी कंपनी का नाम बदलने के बाद उसके फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं।
फायदे क्या हो सकते हैं
ऐसा नाम चुने जो कंपनी की सेवाओं से मिलता जुलता हो। बहुत से व्यवसाय करने जा रहे उद्यमी जब व्यवसाय शुरू करते हैं तो यह नहीं समझ पाते कि असल में उनका ब्रांड क्या है। इसलिए वह व्यवहारिक उद्देश्यों के लिए नाम रख लेते हैं।
जब धीरे-धीरे व्यवसाय बढ़ने लगता है तो आप अपने नाम के बारे में ज्यादा अच्छी रणनीति बना सकते हैं। ऐसे में अगर आपने शुरू में कोई नाम रख लिया था, जो आपको फिलहाल बदलना है, तो आप अपने विकास के स्तर को देखते हुए नाम में बदलाव कर रीब्रांडिंग कर सकते हैं।
एक बात जो खासतौर पर ध्यान रखने वाली है वह यह है कि आपका नाम चुनते वक्त आपको आपके व्यवसाय का पूरा ख्याल होना चाहिए कि किस क्षेत्र में लोगों को क्या सेवाएं दे रहे हैं। यह आपको बाजार में आपके प्रतियोगियों से प्रतिस्पर्धा करने में जरुर मदद करेगा।
व्यवसाय की सीमा बढ़ाने पर
व्यवसाय के दौरान उतार-चढ़ाव बने रहते हैं कई बार बुरा समय भी आता है और कंपनी को रीब्रांडिंग करनी पड़ती है। इसके अलावा जब आप देखते हैं कि आप किसी सीमित क्षेत्र में काफी अच्छा व्यवसाय करने लगे हैं तो आप सोचते हैं कि आप अपने दायरे को और बढ़ा लें और दायरे को बढ़ाने के लिए आपको किसी दूसरी जनसंख्या को भी उसमें शामिल करना रहता है। इस तरह की विस्तृत पकड़ बनाने के लिए आपको नई ब्रांडिंग की आवश्यकता होती है। जब आप इस तरह की नई रीब्रांडिंग करते हैं तो आप नए लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर पाते हैं और आपको इससे लंबे तौर पर अच्छे परिणाम मिलते हैं।
अनुभव का फायदा होता है
व्यवसाय की शुरुआत में आप शायद थोड़ा लंबा-चौड़ा नाम चुन सकते हैं, लेकिन जब आप व्यवसाय के दौरान अच्छा-खसा अनुभव हासिल कर लेते हैं तो आप अपने नाम को बदलने की प्रक्रिया फिर से कर सकते हैं। जब आप का व्यवसाय लोगों में पकड़ बना लेता है और आप नए अनुभवी और आत्मविश्वासी तरीके से नाम को बदलते हैं तो यह आपके व्यवसाय में और भी बढ़ोतरी करवाता है।
नुकसान क्या हो सकते हैं
व्यवसाय में कई बार नाम बदलने को लेकर आप के ग्राहकों में भ्रम पैदा हो जाता है और इस तरह के भ्रम से आपकी छवि धीरे-धीरे कम होने लगती है। नाम बदलने से लोगों को लगता है कि इस तरह की कई कंपनियां काम कर रही हैं और वह आपके साथ अपना जुड़ाव काम करने लगते हैं। ग्राहकों को आपके व्यवसाय को लेकर भरोसे में कमी आने लगती है।
नाम बदलना महंगा भी पड़ता है
कई बार नाम बदलने की प्रक्रिया महंगी भी पड़ जाती है। नाम बदलने की प्रक्रिया को लेकर कई कंपनियां उलझ जाती हैं और सरकार और अन्य नियमों के चलते उन्हें काफी भुगतान झेलना पड़ता है।
जब नाम बदलता है तो केवल नाम में ही बदलाव नहीं होते, बिजनेस के लाइसेंस, वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट, बिज़नेस कार्ड, ईमेल एड्रेस जैसी कई अन्य चीजों में बदलाव करना पड़ता है, जो काफी खर्चीली प्रक्रिया हो जाती है। इसके अलावा अगर आप नाम बदलते हैं और आपको लगता है कि आपको पुराने नाम में ही वापस चले जाना चाहिए, तो यह काफी पछतावे वाला निर्णय होता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको नाम बदलने को लेकर फायदे और नुकसान काफी हद तक समझ में आए होंगे। अगर आप भी एक उद्यमी हैं और अपने व्यवसाय में नाम बदलने को लेकर निर्णय लेने वाले हैं, तो इन बातों का ध्यान में रखकर ही नाम बदलें। इससे आपको आपके व्यवसाई भविष्य में काफी फायदा होगा।
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