क्या जरुरी-अफवाह या वैक्सीन?
3157
22 Jul 2021
4 min read
News Synopsis
हम इंसान तब तक सीखते नहीं, सचेत नहीं होते जब तक स्वयं पर न गुज़रे। हमें लगता है हम किसी भी महामारी को पछाड़ देंगे। हम अफवाहों पर भरोसा कर लेते हैं मगर विज्ञान को तर्क की नज़र से देखते हैं। छोटी-छोटी गलत धारणाएं कभी-कभी जीवन को बहुत मुश्किल में डाल देती हैं। इसका जीता जागता उदाहरण आपको कोविड के दौरान भी देखने को मिला और वैक्सीन लगवाने के समय में भी देखने को मिल रहा है। लोगों की लापरवाही के चलते उनकी जान पर भी बन आयी है। 60 वर्षीय विज्ञान शिक्षक अब्दर्रहमान फादिल का उदाहरण शायद लोगों की ऑंखें खोलने के लिए काफी हो। जिस तरह से अब्दर्रहमान फादिल को वैक्सीन नहीं लेने का पछतावा है, कि कोविड की वजह से उनकी जान जाते-जाते बची।