उम्र 10 साल की, सोच कमाल की
News Synopsis
10 साल की उम्र में हम खुद को नहीं जान पाते औरों की तो बात ही छोड़ दीजिये। अगर जब आपको पता चले कि महज़ 10 साल की उम्र में एक बच्ची पर्यावरण को बचाने में लगी हुई है, तो आप भी हमारी तरह अचंभित महसूस करेंगे। जी हाँ बेंगलुरु की रहने वाली मान्या ने पेड़ों के कटने से पर्वावरण को बचाने के लिए एक नायाब तरीका निकाला। उसने प्याज, लहसुन और टमाटर के छिलकों से पेपर बनाया है। केवल 10 प्याज के छिलके का इस्तेमाल करके 2-3 A4 आकार के कागज को बनाया। आपको पता है कि जो पेपर हम इस्तेमाल करते हैं, उनको बनाने के लिए ना जाने कितने पेड़ों की बलि दी जाती है। पेड़ों के कटने से हमारे पर्यावरण को कितनी क्षति पहुँचती है और अगर पर्यावरण ही नहीं बचेगा तो हम कैसे बचेंगे ? जब ये सोच एक 10 साल की बच्ची समझ सकती है, तो हम क्यों नहीं ? अपने लिए तो सब जीते हैं मगर जो दूसरों के लिए जिए ऐसी सोच रखने वाली मान्या हर्ष को TWN सलाम करता है। मान्या का यह कारनामा हम सबके लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।