RBI के मुताबिक मुद्रास्फीति की दर में पिछले कुछ महीनों से निरंतर इजाफा हो रहा है। अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर आने की उम्मीद जताई जा रही है। महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है, जिसके कारण RBI के गवर्नर ने अभी भी मुद्रास्फीति की दर को 4 से 6 प्रतिशत के बीच रखने का फैसला किया है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसका असर आम इंसान की जेब पर अब भी देखने को मिल रहा। आने वाले समय में कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका है, जिसके कारण अर्थव्यवस्था की पटरी अभी भी स्थिर नहीं हो पा रही है। सुधरते अर्थव्यवस्था स्तर के साथ कंपनियों को RBI ने पहले से तैयार रहने के लिए कहा है ताकि महामारी के कारण आर्थिक वृद्धि दर पर ज्यादा प्रभाव ना पड़े।