सभी धर्मों में सबसे ऊंचा स्थान गुरु का है, फिर माता-पिता और अंत में भगवान का। जरूरी नहीं है कि जो आपको क्लास में पढ़ाते हैं, सिर्फ वही आपके गुरु हैं। वास्तव में एक गुरु और शिक्षक में अंतर होता है। गुरु वो होते हैं, जो आपको ज़िन्दगी की सीख दें, सही और गलत का फर्क समझाएं, जिनका आप आदर करो और उनके विचार को अपनाओं और उनकी आज्ञा का पालन करो। आइए जानते हैं कि कौन-कौन होते हैं हमारे हमारे जीवन के गुरु-
1.माता-पिता
एक बच्चा अपने माता-पिता से कभी प्यार के रूप में तो कभी डांट के रूप में, रोज़ नई-नई चीज़ें सीखता है।
2.दादा-दादी, नाना-नानी
ज़िन्दगी के बारे में जो चीज़ आपके नाना-नानी और दादा-दादी आपको दिखा देंगे, शायद वो चीज़ें आपको मोटी किताबों में भी नहीं मिल पाएंगी।
3.दोस्त
अपने परिवार के बाद अगर कोई व्यक्ति किसी को प्राथमिकता देता है तो वो होते हैं उसके दोस्त। आपके दोस्त आपको बहुत कुछ सिखाते हैं, इसीलिए दोस्ती सोच समझ कर करना जरूरी है।
माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी और दोस्त के अलावा ऑफिस में मिले लोग और कभी-कभार बच्चे भी हमारे जीवन के गुरु होते हैं।