1857 क्रांति को दबाने के लिए अंग्रेजों ने झोंकी थी पूरी ताकत, जानें इतिहास

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04 Aug 2022
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News Synopsis

भारत India को आजाद कराने में 1857 की क्रांति 1857 Revolution का अहम योगदान है। इस क्रांति को भारत की आजादी के लिए पहले संघर्ष First Struggle का दर्जा हासिल है। वहीं आजादी के अमृत महोत्सव Azadi Ka Amrit Mahotsav के रुप में मौजूदा वक्त में पूरा देश आजादी के महानायकों को श्रद्धांजलि Tribute to Heroes अर्पित कर रहा है। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi ने भी हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत हर घर तिरंगा HAR GHAR TIRANGA फहराने का आह्वान किया गया है।

वहीं अगर 1857 की क्रांति की बात करें तो अब भारत सरकार Government of India ने भी ने नई शिक्षा नीति New Education Policy में इस बात पर खासा जोर दिया है कि इसे सिर्फ एक विद्रोह न माना जाए, बल्कि हकीकत की तरह ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम First Freedom Struggle ही माना जाए। वैसे, अंग्रेजों ने इस क्रांति को दबाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन अंग्रेजी हुकूमत के भारतियों पर जुल्म से पनपी इस क्रांति को समाप्त करना आसान नहीं था।

ब्रिटिश यानी अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी East India Company राज के खिलाफ भारतीय सैनिकों  Indian Soldiers ने 10 मई 1857 को संगठित क्रांति की शुरुआत की थी। यह संग्राम मेरठ Meerut में शुरू हुआ और बहुत जल्द ही देश के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर भी तेज से फैल गया। तात्कालीन भारत के तमाम हिस्सों में इस क्रांति की लहर पहुंच चुकी थी। देश के लिए मरमिटने वाले देशभक्त सेनानियों ने ब्रिटिश सरकार के सामने अपने विद्रोह की चुनौती बहुत बड़े स्तर पर खड़ा किया।

अंग्रेज सरकार इससे बुरी तरह डर और घबरा गई। ब्रिटिश हुकूमत ने इस क्रांति को जानवरों की तरह बेरहमी से दबाने की भरपूर कोशिश की। भले ही इस क्रांति ने अंग्रेजों को जड़ से नहीं उखाड़ फेंका हो, लेकिन इसके बीज इसी स्वतंत्रता संग्राम में ही पड़े थे। जबकि अंग्रेजों ने इस क्रांति से सबक भी खूब लिया और हरेक वो कोशिश की, जिससे अंग्रेज हमेशा अपना राज चलाते रहें। यही वजह थी कि 1857 की क्रांति से डरे ब्रिटिशर्स को शासन Britishers to rule में कई बदलाव करने पड़े थे। 

 

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