भारत India के अमीरों Rich में विदेशों abroad में बसने का प्रचलन बढ़ता दिखाई दे रहा है। विदेश में बसने की इच्छा रखने वालों में सिर्फ बिजनेस घराने business houses के लोग ही नहीं बल्कि कॉरपोरेट सेक्टर corporate sector में काम करने वाले अधिकारी officers, पेशेवर professionals, ब्यूरोक्रेट्स और नौकरीपेशा bureaucrats and employed लोग भी शामिल हैं। कुछ समय पूर्व आई एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब आठ हजार भारतीय इस साल देश छोड़ने की योजना बना रहे हैं। Henly Global Citizen के एक सर्वे के मुताबिक इस साल के अंत तक भारत में सुपर रिच super rich की श्रेणी में आने वाले 8 हजार भारतीय देश छोड़ कर विदेशों में बस सकते हैं।
सर्वे के मुताबिक साल 2022 में भारत के करोड़पति देश के कठोर टैक्स और पासपोर्ट नियमों super rich के चलते ऐसा कर सकते हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर क्या कारण है कि इतने बड़े पैमाने पर देश से लोगों का मोहभंग हो रहा है? जब भारत लगातार आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था economy बन गया है तब भी लोग इसे छोड़कर विदेशों में क्या बसना चाहते हैं? कोरोना महामारी के दौरान भारत में बड़े पैमाने पर लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि इस संकट से निपटने में भारत ने इतनी बड़ी आबादी होने के बादवजूद बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया।
देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी चलाया गया है। पूरी दुनिया में कोरोना से निपटने के लिए भारत में किए गए प्रयासों की सराहना की गई। इसके बावजूद देश में बड़ी संख्या में लाेग विदेशों में बसने की तैयारी कर रहे रहे हैं यह चौंकाने वाली बात है। एक मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक लोग बेहतर जीवनशैली better lifestyle, रोजगार employment के बेहतर मौके और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में परदेस का रुख करने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।