इंटरनेट से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने पर सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

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21 Sep 2022
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News Synopsis

सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने इंटरनेट Internet से आपत्तिजनक कंटेंट Objectionable Content को हटाने पर सरकार से जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी Child Pornography, रेप वीडियो और इमेजेज Rape Videos and Images को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट इंटरमीडियरीज और केंद्र सरकार Internet Intermediaries and Central Government की ओर से उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को छह सप्ताह की समयसीमा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी। यह निर्देश दो जजों की बेंच ने दिया है।

सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी Additional Solicitor General Aishwarya Bhati सुनवाई में उपस्थित थी। चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप के वीडियो और इमेजेज के फैलने पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट इंटरमीडियरीज Internet Intermediaries और सरकार पर सवाल उठाया है और इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस बी आर गवई और सी टी रविकुमार की बेंच को आश्वासन दिया कि इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट तैयार है। बेंच ने सर्विस प्रोवाइडर्स Service Providers से भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

भाटी ने कहा कि इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी Information Technology (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स को नोटिफाई कर दिया गया है। लगभग चार वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट पर आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर चिंता जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि सरकार ऐसे वीडियो और फोटो Videos and Images को हटाने के लिए गाइडलाइंस या स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर Standard Operating Procedures बनाना सकती है। केंद्र सरकार और Google, Microsoft और Facebook जैसी बड़ी इंटरनेट कंपनियों ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी, रेप और आपत्तिजनक मैटीरियल को हटाने की जरूरत पर सहमति जताई थी।

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