सुप्रीम कोर्ट ने दिया यूआईडीएआई को ये  निर्देश

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20 May 2022
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News Synopsis

सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने गुरुवार को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण Unique Identification Authority of India द्वारा जारी एक प्रोफार्मा प्रमाण पत्र Proforma Certificate के आधार पर यौनकर्मियों Sex workers को आधार कार्ड Aadhar Card जारी करने का निर्देश दिया है। एक आदेश पारित करते हुए पीठ ने कहा कि हर व्यक्ति को उसके काम के बावजूद गरिमा के साथ व्यवहार किए जाने का अधिकार है। इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। यूआईडीएआई ने पहले शीर्ष अदालत को सुझाव दिया था कि पहचान के प्रमाण पर जोर दिए बिना यौनकर्मियों को आधार कार्ड जारी किया जा सकता है, बशर्ते कि वे नाको के राजपत्रित अधिकारी या संबंधित राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग के राजपत्रित अधिकारी Gazetted Officers द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। शीर्ष अदालत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों Union Territories को निर्देश दिया था कि वे उन यौनकर्मियों की पहचान की प्रक्रिया जारी रखें जिनके पास पहचान का कोई प्रमाण नहीं है और जो राशन वितरण Ration Distribution से वंचित हैं।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति को सम्मान के साथ व्यवहार किए जाने का मौलिक अधिकार Fundamental Rights है। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव Justice L Nageswara Rao की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यौनकर्मियों की गोपनीयता भंग नहीं होनी चाहिए और उनकी पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि प्रोफार्मा प्रमाण पत्र के आधार पर यौनकर्मियों को यूआईडीएआई द्वारा आधार कार्ड जारी किए जारी किए जाएंगे और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन National AIDS Control Organization में एक राजपत्रित अधिकारी या राज्य एड्स नियंत्रण के सोसायटी के परियोजना निदेशक द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे।

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