इस साल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने 67 कंपनियों को इनीशियल पब्लिक ऑफर Initial Public Offer लाने की स्वीकृति दी है, लेकिन इसमें से सिर्फ 16 कंपनियों ने ही अब तक IPO लाया है। पिछले साल इस समय तक 24 कंपनियां अपना आईपीओ लॉन्च कर चुकी थीं। इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में कमजोर सेंटीमेंट, रूस-यूक्रेन जंग, तेल की ऊंची कीमतें, महंगाई को लेकर चिंता Russia-Ukraine war, high oil prices, concerns about inflation सेंट्रल बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी और अमेरिका में मंदी recession in America की आशंका जैसे कारणों के चलते कंपनियां अपने आईपीओ को टाल रही हैं।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स में इक्विटी रिसर्च (फंडामेंटल) के हेड, नरेंद्र सोलकीं Narendra Solkin ने बताया कि बाजार का सेंटीमेंट फिलहाल कमजोर है। इसके चलते आईपीओ की संख्या भी इस साल कम रही है। इस कमजोरी के पीछे अधिकतर कारण ग्लोबल हैं। ब्याज दरों में बढ़ोतरी interest rate hike और महंगाई के लंबे समय तक जारी रहने के चलते कई विकसित देशों developed countries में मंदी की आशंका जताई जा रही है।
वहीं दूसरे एक्सपर्ट आनंद वर्दराजन Anand Vardarajan ने बताया कि हम पिछले कुछ समय से बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देख रहे हैं। यह नेगेटिव सेंटीमेंट विदेशी निवेशकों foreign investors की तरफ से की गई अंधाधुंध बिकवाली से पैदा हुआ है। हालांकि वहीं, इसके उलट घरेलू निवेशकों की तरफ से खरीदारी में तेजी दिखी है। घरेलू निवेशकों के चलते ही बाजार बहुत अधिक नीचे नहीं नहीं गया है। विदेशी निवेशकों ने इस साल की पहली छमाही में करीब 3 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है।