ओलंपिक्स खेलो की अपनी एक परंपरा है और उन्ही परंपरा में शामिल है पोडियम पर खड़े होकर मुस्कुराते हुए मेडल काटना। इस बार ओलंपिक टोक्यो में हो रहे हैं और आयोजकों ने ट्वीट करके खिलाड़ियों को ऐसा नहीं करने को कहा है।
आइए ट्वीट पढ़ते हैं-
टोक्यो ओलिंपिक आयोजन समिति ने ट्वीट किया है कि ''हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि टोक्यो ओलिंपिक के मेडल मुंह में नहीं रखे जा सकते। हमारे स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक इलेक्ट्रॉनिक रिसाइकल डिवाइस से बने हैं। इसलिए आपको इन्हें काटने की जरूरत नहीं, लेकिन हमें पता है कि आप फिर भी करेंगे।''
क्योंकि यह परंपरा सालों पुरानी है और मेडल को दांत से काटने की यह वजह बताई जाती है -चूंकि सोना मुलायम धातु है, ऐसे में इसे काटकर इसकी शुद्धता को परखा जाता है।ओलंपिक खिलाड़ियों के मेडल काटने के बावजूद मेडल पर किसी भी तरह का निसान नहीं पड़ता है , क्योंकि उसमें सोने की मात्रा काफी कम होती है।
लेकिन कुछ लोगों का कहना है यह सिर्फ एक मिथक है कि सोने की शुद्धता जांचने के लिए खिलाड़ी ऐसा करते होंगे।