देश के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन Defense Research and Development Organisation (डीआरडीओ) द्वारा विकसित पिनाका रॉकेट की क्षमता Pinaka Rocket Capability लगातार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में बालासोर और पोखरण Balasore and Pokhran में पिनाका की बढ़ी हुई क्षमताओं का परीक्षण किया गया। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया Make in India की सफलता में मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड Munitions India Ltd. and Economic Explosives Ltd सहित अन्य निर्माताओं ने इस परीक्षण के पूरा होने और पिनाका की क्षमताओं को बढ़ाने में काफी सहयोग किया।
पिनाका एमके-आई एक अपग्रेटेड रॉकेट प्रणाली Upgraded Rocket Systems है, जिसका पहले भी कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी के आधार पर इन रॉकेट प्रणालियों को विकसित किया गया है। पिनाका एमके-आई रॉकेट प्रणाली की मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है। वहीं, पिनाका-II रॉकेट सिस्टम Pinaka-II Rocket System की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है। इस रॉकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला High Energy Materials Research Laboratory (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है।
पिनाका से नजदीक दुश्मन टारगेट को ध्वस्त किया जा सकता है। इससे छोटी रेंज की इन्फैंट्री, आर्टिलरी और हथियार Artillery and Weapons युक्त वाहनों को निशाना बनाया जाता है। गौर करने वाली बात ये है कि डीआरडीओ ने 1980 के दशक में पिनाका रॉकेट सिस्टम को विकसित करना शुरू किया था।