आधुनिकता यदि पुरानी सभ्यताओं को साथ लेकर चले तो कुछ अनोखा ही बाहर निकलकर आता है। व्यक्ति वही काम लगन से कर पाता है जिस काम को करने में उसकी रूचि हो। हम उस काम में ही सफलता हांसिल कर पाते हैं जिसमें हमारा मन लगता है। गुजरात के रहने वाले सुरतान भाई ने अपनी लगन और मेहनत से पुरानी सभ्यता को नए आकार में ढाल कर उसे आधुनिकता का जो रूप दिया है वो अपने आप में सराहनीय है। व्यक्ति की जरूरतों और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने खानदानी पेशे को सुरतान भाई और उनकी पत्नी ने नए रूप में ढाल दिया है। उनके ऐसा करने से बाजार में मिट्टी के बर्तनों की फिर से बहुत मांग होने लगी जो वक़्त के साथ समाज में विलुप्त होने लगी थी। सुरतान भाई ने अपने जज्बे से सिद्ध कर दिया कि कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। अगर काम दिल से किया जाए तो हमें वहां भी रास्ता दिखाई देने लगता है जहाँ पर रास्ते की गुंजाईश ही ना हो। मिट्टी के बर्तन सुरतान भाई और उनके परिवार के जीवन में फिर से आमदनी और खुशियां लाने की वजह बनी हैं। उनके बर्तनों ने अपने खास गुणों के कारण पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। TWN सुरतान भाई के जज्बे को सलाम करता है।