क्रॉस बॉर्डर पेमेंट्स प्लेटफॉर्म स्काईडो Skydo को Amazon से पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर की मंजूरी मिल गई है। इससे स्काईडो उन पहले होमेग्रोन प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है, जो Amazon के ग्लोबल मार्केटप्लेस पर सेल करने वाले लाखों इंडियन एक्सपोर्टर्स के लिए सेअमलेस इंटरनेशनल पेमेंट की ऑफरिंग करता है।
इसके साथ Amazon पर एक्सपोर्टर्स सिक्योर और लागत प्रभावी तरीके से स्काईडो के माध्यम से अपने इंटरनेशनल पेमेंट प्राप्त कर सकते हैं। स्काईडो ने HDFC बैंक के साथ साझेदारी की है, और RBI के नियमों का अनुपालन करता है। अपने पेमेंट सोलूशन्स के माध्यम से स्काईडो ने पहले ही 10,000 से अधिक इंडियन एक्सपोर्टर्स को अपने इंटरनेशनल पेमेंट सहजता से प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।
अमेज़न ने हाल ही में 2030 तक भारत से 80 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक के कम्युलेटिव ईकॉमर्स एक्सपोर्ट्स को सक्षम करने की योजना की घोषणा की है, जो 2025 तक 20 बिलियन अमरीकी डॉलर के अपने पिछले वादे से चार गुना अधिक है। यह ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट्स की मजबूत मांग और भारत के तेजी से बढ़ते एक्सपोर्ट्स के लिए इंटरनेशनल पेमेंट को प्रोसेसिंग करने में स्काईडो जैसे पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
अपने लॉन्च ऑफर के हिस्से के रूप में स्काईडो प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने के अपने पहले तीन महीनों में अमेज़न ग्लोबल सेलर्स को जीरो फ़ॉरेक्स मार्कअप और एक USD 1 फ्लैट ट्रांसक्शन फीस की ऑफरिंग कर रहा है। स्काईडो की कुछ प्रमुख विशेषताओं में लाइव मिड-मार्केट फ़ॉरेक्स रेट्स पर जीरो मार्कअप के साथ ट्रांसपेरेंट प्राइसिंग, इंस्टेंट डिजिटल ऑनबोर्डिंग और KYC, डेडिकेटेड कस्टमर सपोर्ट, फ़ास्ट सेट्लमेंट्स और इंस्टेंट FIRA के साथ सिम्प्लिफिएड रेगुलेटरी कंप्लायंस शामिल हैं।
"हमारा मानना है, कि अमेज़न जैसे ग्लोबल मार्केटप्लेस पर इंटरनेशनल पेमेंट लोकल पेमेंट्स की तरह ही ट्रांसपेरेंट और इजी होने चाहिए। हमारा मिशन अक्षमताओं को दूर करके और कनविनिएंट और कॉस्ट-इफेक्टिव क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसक्शन सुनिश्चित करके इंडियन एक्सपोर्टर्स को सशक्त बनाना है। स्काईडो के एडवांस्ड रिस्क, कंप्लायंस और फ्रॉड प्रिवेंशन इंफ्रास्ट्रक्चर यह सुनिश्चित करता है, कि सेलर्स ग्लोबल मार्केटप्लेस में आत्मविश्वास के साथ काम कर सकें," स्काईडो के सीईओ श्रीवत्सन श्रीधर Srivatsan Sridhar ने कहा।
ग्लोबल स्तर पर विस्तार करने वाले बिज़नेस के लिए क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट का मैनेज और एक्सपोर्ट कंप्लायंस को नेविगेट करना प्रमुख चुनौतियाँ हैं। स्काईडो अमेज़न सेलर्स के लिए पेमेंट के इर्द-गिर्द सेवाओं का एक कम्प्रेहैन्सिव इकोसिस्टम बनाकर इन चुनौतियों का समाधान कर रहा है। इससे इंडियन एमएसएमई और डी2सी स्टार्टअप को विकास पर ध्यान केंद्रित करने और ग्लोबल मार्केट्स तक अपनी पहुँच बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत ने 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स का लक्ष्य रखा है, ऐसे में अमेज़न के ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम जैसी पहलों ने इंडियन बिज़नेस, खासकर एमएसएमई और दिल्ली एनसीआर, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों के प्रमुख एक्सपोर्ट हब के इंटरप्रेन्योर के लिए ग्लोबल मार्केट तक पहुँच का विस्तार किया है। 2015 में अपनी शुरुआत के बाद से इस प्रोग्राम ने 1.5 लाख इंडियन एक्सपोर्टर्स को दुनिया भर में 400 मिलियन से अधिक ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट्स बेचने का अधिकार दिया है, जो अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, कनाडा, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख मार्केट्स तक पहुँचते हैं। ये सेलर्स 28 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के 200 से अधिक शहरों से आते हैं, जो देश भर में ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट्स को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है।