यह बात तो हम सभी को माननी पड़ेगी कि बाकी वर्षों के मुकाबले इस वर्ष बारिश काफी ज्यादा हुई है और इसी वजह से पूरे साल मौसम ने भी चहल कदमी की है जो कि अभी तक जारी है। इसका प्रभाव केरल और उत्तराखंड में भी दिख रहा है जिसमें लगभग 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि यहां के बुजुर्गों का ऐसा कहना है कि उन्होंने पिछले 60 से 70 में ऐसा खौफनाक और दिल दहला देने वाला मंजर कभी नहीं देखा था जोकि बहुत ही ज्यादा हैरानी की बात है। ऐसे में बारिश शायद खुद वहां के लोगों से बोलना चाहती है कि समझ जाओ अभी मौका है क्योंकि मौसम में इस वर्ष जितना भी अनियंत्रित परिवर्तन हुआ है इसका सबसे बड़ा कारण हम खुद हैं इसलिए अभी भी देर नहीं हुई है। लोग बार-बार यह बात क्यों भूल जाते हैं कि पर्यावरण है तो हम भी हैं।